सोवियत युनियन की तरह ही यूरोपिय महासंघ का भी अन्त होगा – हंगरी के प्रधानमंत्री व्हिक्टर ऑर्बन का दावा

बुडापेस्ट – ‘किसी के पीछे से या ब्रुसेल्स से गोलीयाँ चलानेवालों पर ज्यादा ध्यान ना दें। उनके पूर्वजों का जहां पर अन्त हुआ है वैसा ही इनका भी होगा। आक्रामक साम्राज्यों ने जब पहली बार हम पर हमले किए तब हम इसी स्थान पर थे। जब हमला करनेवाला आखरी साम्राज्य भी टूटकर गिरेगा, तब भी हंगरी की जनता यहीं पर पैर जमाए होगी। संकटों का सामना करने का अवसर होगा तब उसे बर्दाश्‍त करने की ताकत हम दिखाएँगे और संकटों को नुकसान पहुँचाने के समय पर उन्हें भी पीछे धकेलने में कामयाब होंगे। अवसर मिलेगा तब तलावरे भी चलेंगीं। दमन की नीति का लंबे समय तक प्रतिकार करने की क्षमता हम रखते हैं’, इन शब्दों में हंगरी के प्रधानमंत्री विक्टर ऑर्बन ने यूरोपिय महासंघ की कड़ी आलोचना की।

पिछली सदि में हंगरी में सोवियत युनियन ऑफ रशिया की कम्युनिस्ट पार्टी की हुकूमत थी। इसेक खिलाफ हंगरी की जनता ने सन १९५६ में विद्रोह किया था। हंगरी में इस विद्रोह की याद में रविवार को विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए थे। इनमें से एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ऑर्बन ने यूरोपिय महासंघ की तुलना सोवियत युनियन की हुकूमत से की। इस दौरान उन्होंने आनेवाले समय में हंगरी को शरणार्थियों के झुंड़ और आर्थिक मंदी जैसे संकटों का सामना करना पडेगा, इसका अहसास भी कराया। हंगरी की सरकार एकजुट होकर काम कर रही है और संकटों का मुकाबला करने के लिए सक्षम है और इस देश की जनता भी इसका साथ दे, ऐसा आवाहन भी ऑर्बन ने इस दौरान किया।

पिछले कुछ सालों से हंगरी और यूरोपिय महासंघ के बीच लगातार विवाद हो रहे है। शरणार्थियों के मुद्दे के साथ महासंघ की कई नीतियों का प्रधानमंत्री ऑर्बन ने विरोध किया है। रशिया-यूक्रेन युद्ध के बीच हंगरी के प्रधानमंत्री ने महासंघ के प्रतिबंधों की आलोचना की है। महासंघ ने यूक्रेन की सहायता के लिए किए जा रहें निर्णय युद्ध को अधिक उकसा रहे हैं, यह आरोप भी हंगरी ने लगाया है।

हंगरी लगातार अपना रहे विरोधी भूमिका की वजह से महासंघ ने इस देश पर कार्रवाई करने की गतिविधियाँ शुरू की हैं। महासंघ इस देश को प्रदान हो रही आर्थिक सहायता का कुछ हिस्सा रोका है। आर्थिक सहायता पानी हो तो महासंघ के लिए अनुकूल निर्णय करें साथ ही महासंघ के दायरे में काम करें, इसके लिए दबाव बनाया जा रहा है। हंगरी ने भ्रष्टाचार के साथ कुछ मुद्दों पर महासंघ के लिए अनुकूल निर्णय किए है, फिर भी महासंघ की माँगे लगातार बढ़ रही हैं। इस वजह से ऑर्बन ने अब खुलेआम महासंघ के खिलाफ संघर्ष करने के संकेत दिए हैं।

यूरोपिय महासंघ की तुलना सोवियत युनियन से करके उके अन्त के मुद्दे पर किया दावा इन्ही संकेत का हिस्सा हैं। इससे पहले ऑर्बन ने महासंघ के अलावा अमरीका पर भी आरोप लगाए थे। अमरीका का प्रशासन हंगरी की अपनी सरकार का तख्तापलटने की कोशिश कर रहा हैं, ऐसा भी ऑर्बन ने कहा था।

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