सौदी को लेकर निक्सन प्रशासन की गलतियाँ बायडेन ने दोहराईं – अमरिकी अखबार की आलोचना

वॉशिंग्टन – ज्यो बायडेन ने राष्ट्राध्यक्ष पद की बागड़ोर संभालने के बाद खाड़ी के अरब मित्रदेश एवं अमरीका में दूरी आ गई है, ऐसा आरोप विपक्षी नेता लगा रहे थे। पिछले कुछ महीनों से तो ईंधन उत्पादन की कटौती को लेकर सौदी अरब से कारोबार करते समय राष्ट्राध्यक्ष ने पूर्व राष्ट्राध्यक्ष रिचर्ड निक्सन की गलतियाँ दोहराई हैं। बायडेन की नीति के कारण अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ईंधन सप्लाई में बाधा आई तो इसका सीधा वैश्‍विक राजनीति और आर्थिक स्थिरता पर असर पडेगा। सौदी संबंधि बायडेन की नीति रशिया को बड़ी सफलता और अमरीका को नाकामयाबी देनेवाली साबित होगी, ऐसी चेतावनी इस अखबार ने दी।

५० वर्ष पहले अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष रिचर्ड निक्सन ने ईंधन की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए सौदी अरब का इस्तेमाल किया था। अमरीका के साथ सहयोग के लिए सौदी ने ईरान के प्रभाव में होनेवाले ओपेक के खिलाफ ईंधन की कीमतें १५ प्रतिशत बढ़ाने से विरोध किया था। लेकिन, अगले कुछ ही महीनों में निक्सन ने ईरान के शाह पहेलवी की हुकूमत को भारी मात्रा में हथियारों की आपूर्ति करना शुरू किया था। इससे सौदी सावध हुआ था, इसपर ‘द वॉल स्ट्रिट जर्नल’ ने ध्यान आकर्षिथ किया।

निक्सन ने सौदी के संबंध में की हुई यही गलतियाँ बायडेन नए से कर रहे हैं, ऐसी आलोचना इस अखबार ने की। बायडेन ने सत्ता संभालते ही ईरान की माँगे स्वीकारकर परमाणु समझौता करने की कोशिश शुरू की। साथ ही विकल्प के तौर पर ईंधन यानी ग्रीन एनर्जी के लिए भी कोशिश शुरू की और सौदी के प्रभाव वाले ओपेक को झटका देने की कोशिश की थी। इसके अलावा बायडेन ने सौदी की हुकूमत पर सीमा लांघकर आलोचना की थी। ईरान से जुड़े हौथी विद्रोहियों ने सौदी के ईंधन प्रकल्पों पर ड्रोन हमले करने के बाद बायडेन प्रशासन ने कार्रवाई नहीं की थी, इसका संज्ञान भी सौदी ने लिया है। बायडेन की इसी नीति की वजह से चौकन्ना हुए सौदी ने रशिया से नज़दिकियाँ बढ़ाने पर अमरिकी अखबार ने ध्यान आकर्षित किया।

पिछले कुछ सालों से अमरीका विदेशी ईंधन पर निर्भर था। सन २०१९ के बाद अमरीका ईंधन निर्यातक देश बना। लेकिन, बायडेन ने स्थानीय ईंधन उत्पादकों को दबाकर अब तक हासिल नहीं हुई ग्रीन एनर्जी तलाशने की कोशिशें की। इस वजह से अमरीका फिर से ईंधन का आयातक देश बना है, इसकी याद इस अखबार ने करायी। वाईट हाऊस राष्ट्रीय हितसंबंधों से अधिक देश की राजनीति को अहमियत देता है। सन १९७० के दशक में वाईट हाऊस ने अमरीका के चुनावों की पृष्ठभूमि पर ईंधन की कीमतें बढ़ाने से इन्कार किया था। आज भी बायडेन प्रशासन इसी चुनाव के लिए सौदी को व्यथित करके ईंधन की कीमतें घटाने की माँग कर रहा है, ऐसा आरोप द वॉल स्ट्रीट जर्नल ने लगाया।

आज सौदी विश्‍व का सबसे बड़ा ईंधन उत्पादक देश है। ऐसी स्थिति में बायडेन प्रशासन ने ईंधन उत्पादन में कटौती कर रहे सौदी पर कार्रवाई की तो इसके बड़े असर हो सकते हैं। सौदी अब रशिया के अधिक करीब जा सकता है, ऐसा इशारा अमरिकी अखबार ने दिया। बायडेन की नीति का असर नवंबर में अमरीका में हो रहे मध्यावर्ति चुनावों में देखा जाएगा, यह दावा इस अखबार ने किया है।

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