चीन और उत्तर कोरिया के बढ़ते खतरे की पृष्ठभूमि पर जापान के प्रधानमंत्री किशिदा दक्षिण कोरिया पहुंचे

सेउल/टोकियो – कुल १२ वर्ष के बाद जापान के प्रधानमंत्री फुमिओ किशिदा दक्षिण कोरिया के दौरे पर दाखिल हुए हैं। चीन की हरकतें और उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रम के बढ़ते खतरे की पृष्ठभूमि पर जापान के प्रधानमंत्री का हो रहा यह दौरा ध्यान आकर्षित कर रहा है। इस दौरे के बीच में आयोजित संयुक्त वार्तापरिषद में दोनों देशों के राजनीतिक ताल्लुकात और मुलाकात सुलभ होने का ऐलान दोनों नेताओं ने किया। साथ ही यह दौरा रक्षा एवं व्यापारी क्षेत्र का सहयोग मज़बूत कर रहा हैं और इशका लाभ दोनों देशों की जनता को प्राप्त होग, ऐसी गवाही जापान और दक्षिण कोरिया के नेताओं ने दी।

जापान और दक्षिण कोरिया के बीच दूसरे विश्व युद्ध के दौर के कुछ मुद्दों पर काफी तनाव बना है। विश्व युद्ध के दौर में जापान ने कोरिया पर कब्ज़ा करके कोरियन नागरिकों को गुलाम की तरह इस्तेमाल किया था। इसको लेकर जापान मांफी मांगे और जापानी कंपनियां हर्ज़ाना दे, ऐसी दक्षिण कोरिया की मांग है। वर्ष २०१८ में दक्षिण कोरिया की अदालत ने दो जापानी कंपनियों को हर्जाना देने का आदेश भी दिया था। वहीं, वर्ष १९६५ में दोनों देशों के राजनीतिक ताल्लुकात स्थापीत करते समय दूसरे विश्व युद्ध के दौर के विवाद का मसला खत्म होने का दावा जापान ने किया है।

जापान और दक्षिण कोरिया इन दोनों देशों के पहले की सरकारों ने इस मुद्देपर आक्रामक भूमिका अपनाने से तनाव लगातार बढ़ता रहा। लेकिन, पिछले कुछ महीनों में चीन और उत्तर कोरिया की हरकतों के कारण निर्माण हो रहे खतरे की पृष्ठभूमि पर दोनों देशों ने तनाव कम करने की ओर कदम बढ़ाए हैं। दक्षिण कोरिया के राष्ट्राध्यक्ष यून सुक-योल ने मार्च महीने में जापान का दौरा करके सकारात्मक संबंध शुरू करने की पहल की थी।

इसके बाद दोनों देशों के अधिकारियों का मिलना शुरू हुआ था। पिछले दो महीनों में जापान और दक्षिण कोरिया के बीच दो उच्च स्तरीय बैठक हुई। इसमें ‘मिलिटरी इंटेलिजन्स शेअरिंग’ समेत प्रौद्योगिकी, ऊर्जा औ रक्षा क्षेत्र के सहयोग पर चर्चा हुई थी। इन क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग अधिक मज़बूत करने की दिशा में कदम बढ़ाना शुरू भी हुआ हैं। जापान के प्रधानमंत्री फुमिओ किशिदा का कोरिया दौरा इसी का हिस्सा बनता है। प्रधानमंत्री किशिदा ने अपने दौरे में दूसरे विश्व युद्ध में जापान ने दक्षिण कोरिया के नागरिकों पर किए अत्याचारों को लेकर तीव्र शोक व्यक्त किया और हम दक्षिण कोरिया की जनता के दुख में शामिल होने का बयान किया। जापानी प्रधानमंत्री का यह कहना दोनों देशों के संबंध सुधारने के लिए अहम साबित होने का दावा विश्लेषक कर रहे हैं।

पिछले कुछ सालों में पैसिफिक क्षेत्र में चीन की विस्तारवादी गतिविधियां काफी बढ़ी हैं। इस क्षेत्र के वर्चस्व के लिए चीन घुसपैठ करने के साथ अन्य मार्ग भी अपना रहा है। साथ ही दूसरी ओर उत्तर कोरिया ने अपने परमाणु कार्यक्रम का दायरा बढ़ाना शुरू किया है। पिछले साल से उत्तर कोरिया ने लगातार मिसाइल परीक्षण करना शुरू किया है और इसमें परमाणु अस्त्रों का भी समावेश है। यह परीक्षण और उत्तर कोरिया की हुकूमत द्वारा लगातार दी जा रही धमकियों की वजह से कोरियन क्षेत्र में फिलहाल काफी तनाव बढ़ा है। चीन और उत्तर कोरिया की इस बढ़ती आक्रामकता को रोकने के लिए अमरीका ने इस क्षेत्र में गठबंधन करने की तैयारी शुरू की है।

जापान और दक्षिण कोरिया यह दोनों देश इस गठबंधन का प्रमुख हिस्सा होने से इनके ताल्लुकात सामान्य करना अमरीका के लिए अहम होगा। इस पृष्ठभूमि पर गौर करके जापान के प्रधानमंत्री ने दक्षिण कोरिया का दौरा करना अहम साबित होता है।

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