पूर्व जेरूसलम के सात हज़ार इमारतों को वैध करने के लिए इस्रायल तैयार – इस्रायल के उदारतावादी स्वयंसेवी संगठन का आरोप

जेरूसलम – इस्रायल के ‘पीस नाऊ’ संगठन ने इस्रायल सरकार पर गंभीर आरोप लगाया है। पूर्व जेरूसलम में इस्रायल यहूदियों के तकरीबन सात हज़ार इमारतों को अनुमति देने का आरोप इस संगठन ने लगाया। प्रधानमंत्री बेंजामिन नेत्यान्याहू की सरकार का यह निर्णय स्वतंत्र पैलेस्टिन के निर्माण की कोशिश को नुकसान पहुंचा सकता है, ऐसा दावा करके ‘पीस नाउ’ ने इस पर गंभीर चिंता जताई है। अमरीका और यूरोपिय देश भी इस्रायल के इस निर्णय का जोरदार विरोध करने की कड़ी संभावना सामने आ रही है।

पूर्व जेरूसलम‘पीस नाउ’ इस्रायल का उदारतावादी वकालत करने वाला स्वयंसेवी संगठन है। अमरीका और यूरोपिय देशों के द्विराष्ट्रवद का पुरस्कार कर रही यहूदियों की बस्तियों के निर्माण के विरोधी एवं पैलेस्टिनी चरमपंथियों का समर्थक के तौर पर भी यह संगठन जाना जाता है। दो हफ्ते पहले प्रधानमंत्री बेंजामिन नेत्यान्याहू की सरकार ने वेस्ट बैंक में यहूदियों के लिए बनाई गई दस बस्तियों के निर्माण को मंजूरी देने का निर्णय लिया था। इस निर्णय के खिलाफ से विश्व ने आलोचना की थी।

अमरीका, यूरोपिय महासंघ ने इस पर नाराज़गी जताने के बाद इस्रायल के प्रधानमंत्री ने इसके आगे निर्माण कार्य को वैध करार ना देने का ऐलान किया था। दो दिन पहले संयुक्त राष्ट्रसंघ में इस्रायल विरोधी प्रस्ताव पेश किया गया था। वेस्ट बैंक में इस्रायल के निर्माण कार्य को अवैध करार देना और इस्रायल पर कार्रवाई करने की मांग इस प्रस्ताव में की गई थी। अमरीका ने नकाराधिकार का इस्तेमाल करके इस्रायल विरोधी प्रस्ताव नाकाम किया था। इस्रायल ने नए निर्माण कार्य का निर्णय न करने की गारंटी दी है, ऐसा अमरीका ने तब कहा था।

लेकिन, पीस नाउ स्वयंसेवी संगठन ने नेत्यान्याहू सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। पैलेस्टिनी हक जता रहे हैं पूर्व जेरूसलम में ७,१५७ बस्तियों का निर्माण करने की अनुमति इस्रायल की सरकार ने दी है, ऐसा आरोप इस संगठन ने लगाया। ५,२५७ घरों की योजना पेश करने का आरोप इस संगठन ने लगाया। इसी बीच कुछ दिनों में इस्रायल सरकार अन्य २,००० घरों के निर्माण के लिए निवीदा निकालेगी। प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू की मौजूदगी में यह निर्णय लिए जाने का आरोप लगाते हुए पीस नाउ ने यह बयान किया है।

साल २०२१ में इस्रायल ने ३,६४५ और पिछले साल २०२२ में ४,४२७ निर्माण कार्यों को अनुमति दी थी। लेकिन, नेत्यान्याहू की सरकार ने लगभग दोगुने निर्माण कार्यों को अनुमति देने का दावा यह संगठन कर रहा है। इस्रायल की सरकार या इससे जुड़ी संगठनों ने इन आरोपों का समर्थन नहीं किया है। लेकिन, जेरूसलम इस्रायल की राजधानी है और इसका विभाजन नहीं होगा, ऐसी इस्रायल की पुख्ता नीति है। साथ ही इस्रायल की सुरक्षा को चुनौती देनेवाले आतंकवादी संगठनों का वर्चस्व घटाना हो तो यहूदियों को इस्रायल में बसाना ज़रूरी है। ऐसा हुआ तो इस्रायल का द्वेष करने वालों को जवाब देना मुमकिन होगा, ऐसा प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू ने पहले ही कहा था।

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