‘ईंधन वायु पाइपलाइन प्रकल्प अधुरा छोड़ने के लिए पाकिस्तान से १८ अरब डॉलर्स जुर्माना वसूलने की ईरान की चेतावनी

इस्लामाबाद – आर्थिक संकट के भंवर में फंसे पाकिस्तान के लिए चुनौतियां अधिक बढ़ रही हैं। पिछले कुछ सालों से ईंधन वायु पाइपलाईन प्रकल्प का निर्माण कार्य अधुरा रह गया है, पाकिस्तान यह कार्य एक साल में पूरा करे, वरना यह समझौता पूरा न करने के मालमे मे पाकिस्तान से १८ अरब डॉलर्स जुर्माना वसुला जाएगा, ऐसी कड़ी चेतावनी ईरान ने दी है। साथ ही पाकिस्तान के ग्वादर, तूरबत, पंजगुर और अन्य हिस्सों में बिजली की आपूर्ति भी ईरान ने बंद कर दी है।

पिछले दो दशकों से ईंधन समृद्ध ईरान से ईंधन वायु सहयोग करने के लिए भारत और पाकिस्तान ने कोशिश शुरू की थी। इसके तहत ईरान, पाकिस्तान और भारत को जोड़नेवाले ‘आईपीआई’ पाईपलाइन प्रकल्प की योजना बनायी गई थी। लेकिन, आतंकवाद के मुद्दे पर भारत ने पाकिस्तान से सहयोग करने से इन्कार करने पर ईरान और पाकिस्तान ने यह प्रकल्प पूरा करना तय किया था। साल २००९ में दोनों देशों ने ‘गैस सेल्स पर्चेस एग्रीमेंट’ किया था। २०१९ में ईरान की ‘नैशनल ईरानियन गैस कंपनी’ और पाकिस्तान की ‘इंटर स्टेट गैस सिस्टम’ ने इस पाईपलाइन का निर्माण करने संबंधी समझौता किया था।

इसके अनुसार ईरान ने अपनी सीमा में इस ईंधन पाईपलाइन का ज़रूरी निर्माण पूरा किया है। यह पाईपलाइन पाकिस्तान की सीमा तक पहुँचाई गई है। पाकिस्तान भी २०२४ के फ़रवरी-मार्च तक अपनी सीमा में इस प्रकल्प का निर्माण कार्य पूरा करे, ऐसी सूचना ईरान ने की है। पाकिस्तान ने निर्धारित समय में ईंधन वायु पाईपलाइन का काम पूरा नहीं किया तो इस समझौते के उल्लंघन करने के मामले में १८ अरब डॉलर्स जुर्माना वसुला जाएगा, ऐसा इशारा ईरानी यंत्रणाओं ने दिया है। पिछले महीने ईरान के दौरे पर गए हुए पाकिस्तानी अधिकारियों को ईरान ने यह चेतावनी दी। यह जानकारी ईरान एवं पाकिस्तानी माध्यमों से अब सामने आ रही है।

ईरान ने निर्धारित समय में इस पाईपलाइन का काम पूरा करना पाकिस्तान के सामने चुनौती होगी। इस पाईपलाइन का निर्माण कार्य बलुचिस्तान प्रांत में होगा और वहां पर बलोच विद्रोही पाकिस्तानी सेना पर हर दिन हमले कर रहे हैं। पाकिस्तान सरकार बलुचिस्तान की निधि खुला करे वरना इसके आगे के परिणामों के लिए हम ज़िम्मेदार नहीं होंगे, ऐसा इशारा बलुचिस्तान की सरकार दे रही है। विशेष बात तो यह है कि, ईरान के साथ इस पाईपलाइन प्रकल्प का काम पूरा किया गया तो पाकिस्तान एकसाथ अमरीका और खाड़ी देशों को नाराज़ करेगा। इससे आर्थिक सहायता के लिए गिड़गिड़ाने वाला पाकिस्तान अमरीका और खाड़ी देशों के खिलाफ कोई निर्णय नहीं ले सकता, ऐसा दावा भी किया जा रहा है।

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