परमाणु ऊर्जा आयोग के निरीक्षकों को रोककर ईरान ने अंतरराष्ट्रीय नियमों का कि उल्लंघन – इस्रायल के प्रधानमंत्री की आलोचना

जेरूसलम/तेहरान/वियना – ब्रिटेन, फ्रान्स और जर्मनी ने पिछले हफ्ते ईरान पर लगाए प्रतिबंध जारी रखने का निर्णय घोषित किया। इसपर गुस्सा होकर ईरान ने लगातार दो दिन अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा आयोग के निरीक्षकों को अपने परमाणु प्रकल्प में प्रवेश देने से इनकार किया। यूरोपिय महासंघ ने ईरान की इस कार्रवाई की आलोचना करके ईरान तुरंत ही निरिक्षकों पर लगाई रोक हटाएं, ऐसा आवाहन किया। वहीं, परमाणु कार्यक्रम पर नज़र रखने के लिए निरिक्षकों को प्रवेश देने से इनकार करे ईरान ने अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन किया हैं, इस वजह से ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर आशंका बढ़ी हैं, ऐसा बयान इस्रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेत्यान्याहू ने किया है। संयुक्त राष्ट्र संघ की आम सभा में ईरान की इस हरकत का मुद्दा उठाकर इस्रायली प्रधानमंत्री ने सख्त प्रतिबंध लगाने की मांग करने के संकेत दिए।

परमाणु ऊर्जा आयोग के निरीक्षकों को रोककर ईरान ने अंतरराष्ट्रीय नियमों का कि उल्लंघन - इस्रायल के प्रधानमंत्री की आलोचनावर्ष २०१५ में किए समझौते के अनुसार ईरान ने परमाणु कार्यक्रम का निरीक्षण करने के लिए अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा आयोग के निरीक्षकों को परमाणु प्रकल्प में प्रवेश देना अनिवार्य हैं। साथ ही ईरान ने यह परमाणु कार्यक्रम सिर्फ नागरी उद्देश्य के लिए सीमित रखना आवश्यक था। लेकिन, पिछले चार सालों में ईरान के परमाणु प्रकल्प में हुई गतिविधियां इस समझौते का उल्लंघन करती हैं, ऐसा आरोप लगाकर ब्रिटेन, फ्रान्स और जर्मनी जैसे ‘ई ३’ देशों ने पिछले हफ्ते ही ईरान पर लगाए प्रतिबंध हटाने से इनकार किया था। १८ अक्टूबर के दिन ईरान के परमाणु और मिसाइल कार्यक्रम पर लगाए प्रतिबंधों का अवधि खत्म होने से पहले इसे बढ़ाने के संकेत ‘ई ३’ देशों ने दिए हैं।

‘ई ३’ देशों के इस निर्णय की वजह से ईरान के परमाणु और मिसाइल कार्यक्रम को रोक लगेगी, ऐसी उम्मीद जताई जा रही हैं। कोई भी देश ईरान के साथ मिसाइल, ड्रोन एवं अन्य सैन्य सामान के कारोबार नहीं कर सकेगा। परमाणु ऊर्जा आयोग के निरीक्षकों को रोककर ईरान ने अंतरराष्ट्रीय नियमों का कि उल्लंघन - इस्रायल के प्रधानमंत्री की आलोचनाईरान के परमाणु और बैलेस्टिक मिसाइल कार्यक्रम से संबंधित संस्था ईरान को बांध देंगे, ऐसा दावा यूरोपिय माध्यमों ने किया था। ईरान ने ‘ई ३’ के इस निर्णय का निषेध करके यह बयान किया था कि, वर्ष २०१५ के परमाणु समझौते का उल्लंघन कर रहे प्रतिबंधों का स्वीकार नहीं करेंगे।

इसे २४ घंटे नहीं होने के साथ ही ईरान ने वहां मौजूद परमाणु प्रकल्प के निरीक्षकों को प्रवेश देने से इनकार किया। लगातार दो दिन तक ईरान ने इन निरीक्षकों में से एक तिहाई निरीक्षक पर कार्रवाई की। यानी के कम से कम आठ विदेशी निरीक्षकों को परमाणु प्रकल्प में प्रवेश देने से इनकार करने का दावा किया जा रहा हैं। इनमें अधिकांश फ्रेंच और जर्मन निरीक्षक होने की जानकारी सामने आ रही हैं। इस वजह से ‘ई ३’ देशों ने प्रतिबंधों को लेकर किए निर्णय के खिलाफ ईरान यह कार्रवाई करता दिख रहा हैं।

परमाणु ऊर्जा आयोग के निरीक्षकों को रोककर ईरान ने अंतरराष्ट्रीय नियमों का कि उल्लंघन - इस्रायल के प्रधानमंत्री की आलोचनायूरोपिय महासंघ एवं अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा आयोग ने ईरान की इस कार्रवाई की कड़ी आलोचना की हैं। ईरान की ऐसे एकतरफा कार्रवाई करना परमाणु ऊर्जा आयोग के संबंध अधिक बिगाड़ सकता हैं, ऐसी चेतावनी परमाणु ऊर्जा आयोग के प्रमुख राफेल ग्रॉसी ने दी। इस बीच, यूरोपिय महासंघ ने चेतावनी देते हुए यह कहा है कि, ईरान अपनी कार्रवाई से तुरंत पीछे हटकर सहयोग करें, नहीं तो इसका असर ईड़ान के संबंधों पर होगा।

ऐसे में ईरान की कार्रवाई अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन करती हैं, ऐसा दावा इस्रायली प्रधानमंत्री ने किया। ईरान परमाणु अस्त्र पाने की कोशिश में लगा हैं और इसी वजह से ईरान ने परमाणु ऊर्जा आयोग के निरिक्षकों को प्रवेश देने से इनकार किया है, ऐसा आरोप प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू ने लगाया। ईरान के इस खतरे का मुकाबला करने के लिए इजरायल सभी आवश्यक कदम उठाएगा, ऐसा इशारा नेत्यान्याहू ने यांनी दिया हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published.