पर्शियन खाड़ी के विवादित मुद्दों पर ‘जीसीसी’ ने किए बयान पर ईरान हुआ गुस्सा

तेहरान – चीन की मध्यस्थता से ईरान ने सौदी अरब एवं यूएई, कुवैत जैसे अरब देशों के साथ ताल्लुकात सुधारने के लिए कदम बढ़ाए हैं। सौदी के लिए राजदूत नियुक्त करके अरब देशों से सहयोग स्थापीत करने के लिए हम तैयार हैं, यही संकेत ईरान ने दिए थे। लेकिन, कुछ विवादित मुद्दों पर ईरान और अरब देशों के बीच अभी भी कुछ मसले होने की बात स्पष्ट हुई है। पर्शियन खाड़ी के द्विप, ईंधन क्षेत्र और बहरीन के राजनीतिक हस्तक्षेप को लेकर ‘गल्फ को-ऑपरेशन कौन्सिल’ (जीसीसी) ने ईरान को फटकार लगाई। इसपर गुस्सा हुए ईरान ने ‘जीसीसी’ की आलोचना करके इस विवाद में न पड़े, ऐसी चेतावनी दी है। खाड़ी देशों के ‘जीसीसी’ संगठन पर सौदी का प्र्रभाव हैं।

पर्शियन खाड़ी के विवादित मुद्दों पर ‘जीसीसी’ ने किए बयान पर ईरान हुआ गुस्साइजिप्ट की राजधानी कैरो में ‘जीसीसी’ की बैठक आयोजित हुई। इसके बाद ‘जीसीसी’ ने निवेदन जारी किया। इसमें पर्शियन खाड़ी के ‘ग्रेटर टूंब, लेसर टूंब और अबु मूसा’ यह तीन द्वीप एवं दूरा ईंधन क्षेत्र और बहरीन की स्थिति का समावेश था। यूएई के अधिकारों के द्वीपों के मसले का हल चर्चा से निकाले, ऐसा आवाहन जीसीसी ने किया। वहीं, दूरा ईंधन क्षेत्र पर सौदी अरब और कुवैत का कब्ज़ा जीसीसी ने स्वीकार किकया। साथ ही बहरीन के जेल में किसी भी तरह से मानव अधिकारों का उल्लंघन नहीं हो रहा है, ऐसा दावा जीसीसी ने किया है।

अरब-खाड़ी देशों की बैठक के इस निवेदन पर ईरान ने गुस्सा व्यक्त किया। ग्रेटर टूंब, लेसर टूंब और अबू मुसा यह तीनों द्वीप ईरान के समुद्री क्षेत्र का हिस्सा हैं। इस वजह से इन द्वीपों पर ईरान का सार्वभूम अधिकार हैं और इसपर किसी भी तरह से समझौता मुमकीन नहीं होगा, ऐसी चेतावनी ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नासीर कनानी ने दी। यह द्वीप ईरान का अभिन्न क्षेत्र हैं और इसको लेकर किसी भी तरह का राजनीतिक निवेदन ईरान बर्दाश्त नहीं करेगा, ऐसा इशारा भी कनानी ने दिया।

पर्शियन खाड़ी के विवादित मुद्दों पर ‘जीसीसी’ ने किए बयान पर ईरान हुआ गुस्सावहीं, सौदी अरब और कुवैत संयुक्त कोशिश से दूरा ईंधन क्षेत्र का विकास कर रहे हैं और इसका ज़िक्र करके ईरान के विदेश मंत्री ने सौदी एवं कुवैत को लक्ष्य किया। इस समुद्री क्षेत्र के इतिहास की याद ताज़ा करके पर्शियन खाड़ी देश दूरा ईंधन क्षेत्र और संबंधित स्रोत का सम्मान करें, ऐसी फटकार कनानी ने लगाई। साथ ही बहरीन के जेल में शुरू उपोषण के दौरान बंदी पर बड़े अत्याचार होने का आरोप ईरान के विदेश मंत्री ने लगाया है। बहरीन की हुकूमत द्वारा यह अत्याचार हो रहे हैं, ऐसा दावा भी कनानी ने किया।

जीसीसी ने इस विवादित मुद्दे को उठाकर ईरान को लक्ष्य करने का यह पहला अवसर नहीं हैं। जीसीसी ने इससे पहले भी पर्शियन खाड़ी के द्वीप, दूरा ईंधन क्षेत्र को लेकर ईरान को फटकार लगाई थी। साथ ही बहरीन की राजनीति में हस्तक्षेप करके ईरान इस क्षेत्र में अस्थिरता फैला रहा हैं, ऐसा आरोप जीसीसी ने लगाया था। ईरान ने भी यूएई दावा कर रहे द्वीप और दूरा ईंधन क्षेत्र के मुद्दे पर जीसीसी के साथ सौदी, यूएई और कुवैत को धमकाया था।

पर्शियन खाड़ी के विवादित मुद्दों पर ‘जीसीसी’ ने किए बयान पर ईरान हुआ गुस्साकुछ हफ्ते पहले चीन और बाद में रशिया ने भी इस मुद्दे के मसलों का हल बातचीत से निकालने का आवाहन किया था। इस पर आगबबूला हुए ईरान ने चीन और रशिया के राजदूत को समन थमाया था। चीन और रशिया ईरान के अंदरुनि मामलों में दखलअंदाजी ना करें, ऐसा इशारा ईरान ने दिया था।

इसी बीच, कुछ महीनें पहले ईरान और सौदी अरब का सहयोग शुरू हुआ था। इसके बाद ईरान ने यूएई और अन्य अरब देशों से संबंध सुधारने के लिए पहल की है। ईरान और खाड़ी देशों के ताल्लुकात सुधर रहे हैं, ऐसा संदेश इस वजह से पहुंचा था। यह एक बड़ा सकारात्मक बदलाव हैं और इससे खाड़ी में शांति स्थापीत होने के लिए सहायता होगी, ऐसा दावा चीन के माध्यमों ने किया था। अमरीका इस मोर्चे पर नाकाम होने का आरोप लगाकर चीन ने खाड़ी क्षेत्र में बड़ी कामयाबी हासिल की है, ऐसा चीन के मुखपत्र ने कहा था।

लेकिन, जीसीसी के निवेदन पर ईरान का सामने आया बयान देखें तो ईरान और खाड़ी देशों के बीच अभी भी विवाद होने की बात स्पष्टट हो रही है। ऐसे में ईरान और खाड़ी देशों ने राजनीतिक स्तर पर बातचीत करने के बावजूद इनके बीच सामरिक स्तर के मतभेद खत्म होना अभी कठिन दिख रहा है।

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