धीमी होनेवाली अन्तर्राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के साथ महँगाई और ऊर्जा संकट के कारण शेयर बाजारों में गिरावट

energy-crisis-stock-market-2वॉशिंग्टन/लंडन/टोकिओ – अन्तर्राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में आनेवाली संभाव्य मंदी के बारे में किए जानेवाले दावें, ऊर्जा संकट और बढ़ती महँगाई इनके कारण निवेशकों में बेचैनी निर्माण हुई है। इस बेचैनी की गूंजें जागतिक शेयर बाजारों में सुनाई दीं होकर, सोमवार तथा मंगलवार ऐसे लगातार दो दिन गिरावट दिखाई दी। इस गिरावट का परिणाम क्रूड ऑयल तथा सोने पर भी हुआ है। तेल की दरें गिरी होकर, सोने की दरें बढ़ना शुरू हुआ है।

कोरोना की महामारी की तीव्रता कुछ हद तक कम हो रही है, ऐसे में दुनिया के कई देशों ने दैनंदिन व्यवहार पहले जैसे करने के लिए गतिविधियाँ शुरू कीं हैं। इन गतिविधियों के कारण विभिन्न उत्पादों की माँग बड़े पैमाने पर बढ़नी शुरू हुई है। लेकिन उसी समय क्रूड ऑयल की दरें बड़े पैमाने पर भड़कीं होकर, सप्लाई चैन भी तहस-नहस हुई है। उसका असर अनाज और उत्पादनों की कीमतों पर हुआ होकर, महँगाई बहुत ही भड़क चुकी है। उसी समय चीन, युरोप समेत कई देशों में ऊर्जा की किल्लत का संकट भीषण रूप धारण कर रहा होने की बात सामने आ रही है।

इन सबका झटका अन्तर्राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था को लगना शुरू हुआ होकर, कई अग्रसर वित्त संस्थाएँ और विशेषज्ञों ने इस संदर्भ में अनुमान ज़ाहिर करने की शुरुआत की है। अमरीका और चीन जैसी प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में से सामने आनेवाले आँकड़े भी उसे मज़बूती देनेवाले साबित हुए हैं। इस कारण अन्तर्राष्ट्रीय निवेशकों में बेचैनी का माहौल है। इस अनिश्चितता की गूंजें जागतिक शेयर बाजारों में सुनाई दे रही है।

energy-crisis-stock-market-1सोमवार तथा मंगलवार को अमरीका, युरोप तथा एशिया के प्रमुख शेयर बाजारों में गिरावट हुई है। उनमें अमरीका के डो जोन्स और नॅस्डॅक समेत ब्रिटन का ‘एफटीएसई’, जर्मनी और फ्रान्स के शेयर बाजार, ‘स्टॉक्स 600’ तथा हाँगकाँग, शांघाई, सिंगापूर, सिडनी, टोकिओ, सेऊल और मनिला के निर्देशांकों का समावेश है। इन शेयर बाजारों में ०.२ से एक प्रतिशत तक गिरावट आने की जानकारी सूत्रों ने दी। बुधवार सुबह चीन के तंत्रज्ञान क्षेत्र के निर्देशांक में और जापान के शेयर बाजार में गिरावट के साथ व्यवहारों की शुरुआत हुई, ऐसी खबर दी गई है।

चीन में पैदा हुई बिजली की किल्लत, तंत्रज्ञान और रियल एस्टेट क्षेत्र में जारी बड़ी कार्रवाई और ईंधन की बढ़ती दरें इस कारण निवेशकों में नाराज़गी होने का दावा सिटी प्राइवेट बैंक के प्रमुख अधिकारी डेव्हिड बायलिन ने किया। इंधन की दरें, ऊर्जा की किल्लत और सप्लाई चैन में निर्माण हुई मुश्किलें इनका असर कंपनियों के मुनाफ़े पर होने की संभावना है और इस कारण अगले कुछ समय तक निवेशकों में अनिश्चितता कायम रहेगी, ऐसा भी विश्लेषकों द्वारा बताया जा रहा है। 

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