आधुनिक तकनीक के क्षेत्र में भारतीय युवा विश्व का नेतृत्व करेंगे – केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकूर

इंदौर – आर्टिफिशल इंटेलिजन्स, ब्लॉकचेन तकनीक और क्लाउड कॉम्प्युटिंग यह ‘एबीसी’ यानी विश्व का भविष्य हैं। आनेवाले समय में यह तकनीक काफी अहम साबित होगी और भारतीय युवा इस क्षेत्र में विश्व का नेतृत्व कर सकते हैं, ऐसा संदेश केंद्रीय सूचना और प्रसरण एवं युवा और क्रिड़ा मंत्री अनुराग ठाकूर ने दिया। मध्य प्रदेश के इंदौर में आयोजित १७ वें ‘प्रवासी भारतीय दिन’ के समारोह को संबोधित करते हुए ठाकूर ने यह संदेश दिया। इसी बीच, विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने विदेश में रहने वाले भारतीय युवाओं के सामने पहले से अधिक नए अवसर होने का बयान किया हैं।

इनोवेट, इन्वेस्ट, इनिशिएट यानी नव निर्माण, अनुसंधान, निवेश और पहल करके अपनी संकल्पना भारत में उतारे, ऐसा आवाहन अनुराग ठाकूर ने इस समारोह में मौजूद भारतीय युवाओं से किया। साल २०२२ में भारत अपने पर राज करने वाले देश को पीछे छोड़कर पांचवे क्रमांक की अर्थव्यवस्था बना हैं। आगे के दिनों में भारत अपनी युवा शक्ति के जोर पर विश्व का नेतृत्व कर सकेगा, यह विश्वास ठाकूर ने व्यक्त किया। आर्टिफिशल इंटेलिजन्स, ब्लॉकचेन तकनीक और क्लाउड कॉम्प्युटिंग यह ‘एबीसी’ यानी भविष्य हैं और इस मोर्चे पर भारतीय युवा विश्व का नेतृत्व कर सकते हैं, यह कहकर भारतीय युवा यह क्षमता भी रखते हैं, ऐसा दावा ठाकूर ने किया।

भारत की विशाल जनसंख्या और इस जनसंख्या में ६० प्रतिशत से भी अधिक युवाओं की मात्रा बड़ी बात साबित होती हैं। यह युवाशक्ति देश को तेज़ी से प्रगति की राह पर आगे बढ़ाने की क्षमता रखती हैं। इन कर्तुत्ववान युवाओं ने भारत को स्टार्टअप के क्षेत्र में देश को तीसरें क्रमांक का देश बनाया हैं। मौजूदा समय पर देश में ८० हज़ार से भी अधिक स्टार्टअप्स काम कर रहे हैं। पुरा विश्व कोरोना से झुझ रहा था और तब भारतीय युवा अपने स्टार्टअप को युनिकॉर्न में तब्दील करने के लिए यानी एक अरब डॉलर्स का कारोबार करने वाली कंपनी बनाने की कोशिश में थे, ऐसा ज़िक्र अनुराग ठाकूर ने बड़े गौरव के साथ किया।

भारत को ‘टेक्निकल पावर हाउस’ बनाने के लिए कुछ युवा कोशिश कर रहे हैं और इसका भारत को रणनीतिक लाभ प्राप्त हुआ हैं, इसका अहसास भी अनुराग ठाकूर ने इस दौरान कराया। इसी बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस कार्यक्रम में बोलते हुए विदेशों में रहनेवाले भारतीय युवाओं को पहले की तुना में अब काफी बड़े अवसर प्राप्त होने का दावा किया। साथ ही विदेशों में रहने वाले भारतीय सबसे ज्यादा प्रतिभाशाली हैं और यह विदेशों में भारतीय समुदाय अपने देश से बड़ा सख्त जुड़ा हैं, यह विशेषता से भरी बात बनती हैं। यह दोहरा मार्ग हैं और प्रवासी भारतीय दिवस यही बात रेखांकित करती हैं, ऐसा विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा।

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