भारत समविचारी देशों से मुक्त व्यापारी समझौते की चर्चा कर रहा है – व्यापार मंत्री पियुष गोयल

नई दिल्ली – पिछले साल संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और ऑस्ट्रेलिया के साथ मुक्त व्यापारी समझौता करने की सफलता भारत को हासिल हुई थी। अब कनाड़ा, यूरोपिय महासंघ और ब्रिटेन के साथ भारत मुक्त व्यापारी समझौते पर चर्चा कर रहा हैं। ऐसे समझौतों की वजह से भारी मात्रा में रोजगार निर्माण कर रहें भारत के वस्त्रोद्योग, चर्मोद्योग और दवाईयां निर्माण के उद्योग को काफी बड़ी गति प्राप्त होगी, यह विश्वास व्यापारमंत्री पियुष गोयल ने व्यक्त किया। साथ ही मुक्त व्यापारी समझौता करते हुए भारत नियमों पर आधारित व्यवस्था के समविचारी देशों को प्राथमिकता दे रहा हैं, यह व्यापार मंत्री गोयल ने कहा है। सिधे ज़िक्र किया ना हो, फिर भी व्यापारी नियम पैरो के नीचे कुचल रहे चीन को व्यापार मंत्री लक्ष्य करते दिख रहे हैं।

साल २०२२ के मई महीने में भारत और यूएई का मुक्त व्यापारी समझौता हुआ। इस वजह से दोनों देशों के बीच जारी व्यापार काफी मात्रा में बढ़ा हैं और अगले पांच सालों में यह व्यापार १०० अरब डॉलर्स होगा, यह विश्वास व्यक्त किया जा रहा हैं। इसके बाद दिसंबर महीने में ऑस्ट्रेलिया के साथ भारत का मुक्त व्यापार समझौता हुआ और इसका कार्यान्वयन भी शुरू हुआ हैं। इससे भारतीय उत्पादनों के लिए ऑस्ट्रेलिया का बाज़ार खुल गया हैं। इससे भारत से निर्यात हो रहे करीबन ९६ प्रतिशत उत्पाद ऑस्ट्रेलिया में करमुक्त हुए हैं। इस तरह के व्यापारी समझौतों से भारतीय अर्थव्यवस्था को काफी बड़ा लाभ प्राप्त होगा, यह विश्वास व्यापार मंत्री पियुष गोयल ने व यक्त किया हैं। इसी वजह से भारत अन्य देशों के साथ भी मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत कर रहा हैं, यह जानकारी गोयल ने इस दौरान साझा की।

कनाड़ा, यूरोपिय महासंघ और ब्रिटेन के साथ भारत की मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत शुरु हुई हैं। इसे भी सफलता हासिल होगी, ऐसे संकेत व्यापारमंत्री ने दिए। मुक्त व्यापार समझौता करते समय भारत व्यापारी और आर्थिक संतुलन बनाने की कोशिश करता हैं। इस समझौते से दोनों देशों को सिर्फ लाभ प्राप्त हो, यही भारत की भूमिका होती हैं। इसी के लिए नियमों पर आधारित व्यवस्था पर चल रहे समविचारी देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौता करने को भारत प्राथमिकता दे रहा हैं, ऐसी फटकार व्यापार मंत्री ने लगाई। सिधे ज़िर्क किया ना हो, फिर भी व्यापार मंत्री कोई भी नियम पालने के लिए तैयार ना होने वाले चीन को लक्ष्य करते दिख रहे हैं। भारत से काफी बड़े व्यापारी लाभ प्राप्त कर रहा चीन अपना बाज़ार भारत के कुछ क्षेत्रों के लिए खुला करने के लिए तैयार ना होने की बात सामने आयी थी। इसका दाखिला व्यापार मंत्री दे रहे हैं।

रिजनल कॉम्प्रिहेस्वि इकॉनॉमिक पार्टनरशिप (आरसीईपी) नामक व्यापारी व्यापारी संगठन में भारत शामिल हो, इसके लिए काफी देशों ने दबाव बनाया था। खास तौर पर चीन ने इसके लिए बड़ी आग्रही भूमिका अपनाई थी। लेकिन, यह समझौता चीन के पक्ष में झुकाव रखता हैं और एक तरफा होने की आलोचना करके भारत ने इसका हिस्सा होने से स्पष्ट इन्कार किया था। आरसीईपी में शामिल एक देश की व्यापारी और आर्थिक व्यवस्था पारदर्शी नहीं थी, इसपर व्यापार मंत्री पियुष गोयल ने ध्यान आकर्षित किया। इसी कारण से भारत इस एक तरफा समझौते में शामिल नहीं हुआ था, इसकी याद गोयल ने ताज़ा की।

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