चीन जैसे कुटिल इरादों वाले देश पर भारत निर्भर हैं – केंद्रीय व्यापार मंत्री पीयूष गोयल

नई दिल्ली – चीन जैसें कुटिल मंशा रखने वाले देश पर हम निर्भर हैं, इसका अहसास भारत ने रखना होगा, ऐसें सख्त शब्दों में केंद्रीय व्यापार मंत्री पियूष गोयल ने देश को आगाह किया। चीन के द्विपक्षीय व्यापार में भारत के हो रहे घाटे के आंकड़ों का दाखिला देकर व्यापार मंत्री ने देश को यह चेतावनी दी हैं। राज्यसभा में किए गए सवाल के जवाब में गोयल बोल रहे थे। चीन के व्यापार में भारत को हो रहे घाटे का दाखिला देकर गोयल ने यह भी दावा किया की भारत ने अपनी अधिक क्षमता के क्षेत्र में भी चीन को घुसने का अवसर प्रदान किया।

इस वर्ष के अप्रैल से अक्तुबर महीने के दौरान चीन के व्यापार में भारत को 51.5 अरब डॉलर्स नुकसान होने की जानकारी व्यापार मंत्री गोयल ने साझा की। साल 2004 तक चीन के व्यापार में भारत को सिर्फ 1.5 अरब डॉलर्स का घाटा हो रहा था। साल 2014-15 के वित्तीय साल में यह घाटा 48.4 अरब डॉलर्स हुआ। क्यों कि, भारत ने दवाइयां एवं अपने प्रभाव के क्षेत्र में चीन को प्रवेश करने का अवसर प्रदान किया। चीन ने इसका पूरा लाभ उठाया, इसपर भी पीयूष गोयल ने ध्यान आकर्षित किया।

इस वजह से भारत के उद्योग बड़ी मात्रा में चीन से आयात हो रहे सामान पर निर्भर रहा। इनमें दवाईयों के साथ इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र का भी समवेश होने की बात व्यापार मंत्री ने स्पष्ट की। मौजूदा समय में हम चीन पर किस हद तक निर्भर हैं, इसका अहसास भारत को रखना चाहिये, ऐसे सख्त शब्दों में व्यापार मंत्री ने इस विषय पर अपनी नाराज़गी व्यक्त की। भारत जैसा बड़ा बाझार दूसरे देश से नित्कृष्ठ दर्जा का सामान मंगाने से यह स्थिति उभरी, यह कहकर गोयल ने सख्त शब्दों में इसकी आलोचना की। पहले के समय की सदोष नीति से हुआ यह नुकसान हटाने के लिए केंद्र सरकार तेज़ी से कदम बढ़ा रही हैं। लेकिन, यह कमी दूर करना आसान नहीं होगा, इसके लिए अधिक समय लगेगा, यह भी उन्होंने स्पष्ट किया।

चीन से हो रही आयात कम करने के लिए भारत ने देश में ही मोबाईल फोन का निर्माण करने को गति दी और इसका असर दिखने लगा हैं। मौजूदा समय में भारत में 200 मोबाईल निर्माती कंपनियां काम कर रही हैं।

इस वजह से फोन्स की इकोसिस्टिम तैयार हुए भारत से अब मोबाइल फोन्स आयात नहीं बल्कि निर्यात होते हैं। उत्पादन क्षेत्र को गति देने के लिए सरकार ने प्रोडक्शन लिंग इन्सेन्टिव (पीएलआई) योजना लायी हैं। इससे देश में उत्पादन को गति प्राप्त हुई हैं। आनेवाले समय में इसका असर दिखने लगेगा और भारत में भारी मात्रा मं उत्पादन शुरू होगा, इसपर पियुष गोयल ने ध्यान आकर्षित किया।

इसके बावजूद चीन से भारत कर रहे आयात की मात्रा बढ़ी हैं, यह बात व्यापारमंत्री ने राज्यसभा में जवाब देते हुए स्वीकार किया। मौजूदा समय में चीन से हो रही आयात बढ़ी हो, फिर भी इसका मतलब भारत में आर्थिक कारोबार बढ़ा हैं, यही होता है, यह कहकर उन्होंने आगे के समय में चीन की आयात कम होगी, यह विश्वास व्यक्त किया हैं।

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