भारत तेज़ी से हायपरसोनिक मिसाइल का निर्माण करे – रक्षामंत्री राजनाथ सिंह

नई दिल्ली – शत्रु को जोरदार प्रत्युत्तर देने की क्षमता कायम रखनी हो तो भारत को हायपरसोनिक मिसाइल निर्माण करने पर जोर देना होगा, यह बयान रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने किया है| भारत ने रक्षा प्रौद्योगिकी क्षेत्र में बढ़त प्राप्त करनी चाहिए और विश्‍व के चुनिंदा देशों को प्राप्त तकनीक भारतीय रक्षाबलों के लिए उपलब्ध कराने की कोशिश करना आवश्यक है, ऐसा राजनाथ सिंह ने कहा| ‘डीआरडीओ’ द्वारा आयोजित परिसंवाद में बोलते समय रक्षामंत्री ने युद्ध में अब ‘आर्टिफिशल इंटेलिजन्स’ समेत रोबोटिक्स, सूचना एवं प्रौद्योगिकी, स्पेस, सायबर और बिग डाटा एनालिसिस जैसी नवीनतम तकनीक का इस्तेमाल होने की ओर ध्यान आकर्षित किया|

कुछ ही दिन पहले चीन ने एक के बाद एक दो बार हायपरसोनिक मिसाइलों का परीक्षण करने का वृत्त प्रसिद्ध हुआ था| चीन के इन परीक्षणों से अमरीका में भी सनसनी निर्माण हुई थी| चीन ने परीक्षण की हुई हायपरसोनिक तकनीक विश्‍व के किसी भी देश को प्राप्त ना होने के दावे भी किए गए थे| दूसरी ओर चीन ने भारतीय सीमा पर रक्षा तैनाती बढ़ाने की खबरें भी प्रसिद्ध हो रही हैं| इस पृष्ठभूमि पर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने भारतीय वैज्ञानिक और खोजकर्ताओं से यह आवाहन करना ध्यान आकर्षित करता है|

मंगलवार को नई दिल्ली में ‘डीआरडीओ’ के मुख्यालय में ‘प्रिपेरिंग फॉर फ्युचर’ नामक परिसंवाद का आयोजन किया गया था| इस अवसर पर उपस्थित अधिकारी और वैज्ञानिकों से चर्चा के दौरान रक्षामंत्री ने हायपरसोनिक मिसाइल विकसित करने की योजना पेश की| ‘विश्‍व के कुछ चुनिंदा देशों को प्राप्त यह तकनीक अब भारत में भी तैयार करने की ज़रूरत है| पिछले कुछ समम में मिसाइल डिफेन्स यंत्रणा अधिकाधिक प्रगत स्वरूप में सक्रिय हो रही है| इस पृष्ठभूमि पर शत्रु को प्रत्युत्तर देने की क्षमता कायम रखने के लिए भारत को हायपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल विकसित करने को गति प्रदान करनी होगी’, यह राजनाथ सिंह ने कहा|

हायपरसोनिक मिसाइल जैसी तकनीक भारत के रक्षा क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लानेवाली साबित हो सकती है और इसके लिए हम सबको एकसाथ कार्य करना है, इसका अहसास भी रक्षामंत्री ने इस दौरान कराया| भारत को रक्षा प्रौद्योगिकी क्षेत्र में नेतृत्व करना होगा और इस पर हमारा सबसे अधिक जोर होना चाहिये, यह भी राजनाथ सिंह ने कहा| इस दौरान हुए एक समारोह में रक्षामंत्री ने ‘डीआरडीओ’ द्वारा विकसित की गई पांच यंत्रणा रक्षाबलों को प्रदान की| इसमें ‘एंटी ड्रोन सिस्टम’, ‘मोड्युलर ब्रिज टेक्नॉलॉजी’, ‘स्मार्ट एंटी एअरफील्ड वेपन’, ‘शैफ वेरिएंटस्’ और ‘लाईटवेट फायरफायटिंग युनिट’ का समावेश है|

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