भारत टेलीकॉम प्रौद्योगिकी का निर्यातक बन रहा है – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

नई दिल्ली – ‘५ जी प्रौद्योगिकी का सबसे तेज़ स्वीकार कर रहे देशों में भारत सबसे आगे हैं। १२० दिनों में देश के १२५ शहरों में ‘५ जी’ सेवा शुरू हुई है। साथ ही अब तक देश के ३५० जिलों में ५ जी सेवा ‘रोलआऊट’ हुई हैं। यह सेवा शुरू होकर छह महीनों में नहीं हुए हैं और अब हम ‘६ जी’ प्रौद्योगिकी की बात कर रहे हैं। इससे देश का आत्मविश्वास व्यक्त हो रहा है, ऐसा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट किया। ४ जी उपलब्ध होने से पहले भारत सीर्फ इसका इस्तेमाल करने वाला देश था। लेकिन, अब भारत टेलीकॉम क्षेत्र का निर्यातक देश बना है, यह कहकर प्रधानमंत्री ने इस पर संतोष व्यक्त किया।

नई दिल्ली में आयोजित किए ‘इंटरनैशनल टेलीकम्युनिकेशन युनियन’ (आईटीयू) के ‘एरिया ऑफिस’ और इनोवेशन सेंटर’ के उद्घाटन समारोह में प्रधानमंत्री बोल रहे थे। ‘४ जी’ सेवा उफलब्ध होने से पहले भारत इसका सीर्फ ग्राहक देश था। लेकिन, अब स्थिति पुरी तरह से बदल गई हैं। ‘५ जी’ प्रौद्योगिकी विश्व में सबसे तेज़ भारत ही रोलआउट कर रहा हैं। मात्र १२० दिनों में देश के १२५ शहरों में एवं ३५० जिलों में ‘५ जी’ सेवा शुरू हुई हैं। यह गति आनेवाले समय की ‘६ जी’ की नींव रखने का काम कर रही हैं, यह दावा प्रधानमंत्री ने किया।

‘५ जी’ उपलब्ध होने के बाद ६ महीने भी नहीं हुए हैं और अभी से हम ‘६ जी’ की चर्चा कर रहे हैं, यह देश का बढ़ा आत्मविश्वास दर्शाता हैं, यह कहकर प्रधानमंत्री ने इसका स्वागत किया। इसके साथ ही आनेवाले समय में देश में करीबन १०० ‘५ जी लैब्ज्‌‍’ यानी अनुसंधान केंद्र तैयार किए जाएंगे, यह ऐलान भी प्रधानमंत्री ने किया। इसके ज़रिये ‘५ जी’ प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल देश के विशेष क्षेत्र के लिए करने पर इन लैब्ज में अनुसंधान किया जाएगा। स्मार्ट क्लास रूम से खेती से जुड़ी गतिविधियों में इस प्रौद्योगिकी का कैसे इस्तेमाल मुमकिन होगा, इसपर वहां गहराई से सोचा जाएगा, ऐसा प्रधानमंत्री ने कहा।

‘भारत ६ जी विजन डॉक्युमेंटस्‌‍’ एवं ‘६ जी आरएनडी टेस्ट बेड’ के प्रधानमंत्री के हाथों इस दौरान लोकार्पण किया गया। आनेवाले समय में इस प्रौद्योगिकी को निर्धारित करने के लिए भारत पहल करेगा, यह जानकारी भी प्रधानमंत्री ने साझा की। ‘आईटीयू’ अगले साल के अक्तुबर महीने में इससे संबंधित बड़ी परिषद का आयोजन करेगा, यह जानकारी प्रधानमंत्री ने प्रदान की। इसके लिए विश्व भर के तकनीकी और बुद्धिमान भारत आएंगे, ऐसा प्रधानमंत्री ने कहा। इसके लिए आवश्यक समय पर गौर करें तो अभी से इसकी तैयारी जुटाए और इस परिषद में नए कल्पना पेश करने पर काम करें, ऐसा संदेश प्रधानमंत्री ने दिया। खास तौर पर गरीब देशों को इस तकनीक का कैसे लाभ पहुंचाना संभव होगा, इसपर सोच विचार करने का आवाहन प्रधानमंत्री ने इस क्षेत्र में काम करने वालों से किया हैं।

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