चीनी राष्ट्राध्यक्ष के रशिया दौरे का रशिया-भारत संबंधों पर असर नहीं होगा – भारत में नियुक्त रशियन राजदूत की गवाही

नई दिल्ली – चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग ने जारी यूक्रेन युद्ध के बीच में रशिया का दौरा किया। इस दौरे को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बड़ी चर्चा हुई। इस वजह से रशिया और चीन एक-दूसरे के साथ होने की बात स्पष्ट हुई, ऐसी चर्चा दुनियाभर में शुरू हुई थी। अमरीका और अन्य पश्चिमी देशों ने रशिया को चीन से प्राप्त हो रहे समर्थन को लेकर गंभीर चिंता जताई है। साथ ही चीन और रशिया का यह सहयोग रशिया के भारत के साथ बने रणनीतिक संबंधों पर असर करेंगे, ऐसी चिंता कुछ विश्लेषकों ने जताई थी। ऐसे दावों पर भारत में नियुक्त रशियन राजदूत डेनिस अलिपोव ने जवाब दिया।

चीन के राष्ट्राध्यक्ष ने रशिया का दौरा करने से रशिया और भारत का रणनीतिक सहयोग प्रभावित होगा, ऐसा सोचना यानी कुछ लोगों की फिजूल उम्मीद है। क्यों कि, ऐसा हो ही नहीं सकता, ऐसी फटकार रशियन राजदूत ने लगाई हैं। सोशल मीडिया पर राजदूत अलिपोव ने अपना विचार रखा। यूक्रेन युद्ध में भारत रशिया के विरोध में और पश्चिमी देशों के पक्ष में भूमिका अपनाए, इसके लिए अमरीका और पश्चिमी देशों की कोशिश शुरू थी। रशिया यह चीन का सहयोगी देश हैं, इसपर भी यह पश्चिमी देश ध्यान आकर्षित कर रहे थे। फिर भी भारत ने रशिया के विरोध में जाने से स्पष्ट इन्कार किया था।

इस पृष्ठभूमि पर चीन के राष्ट्राध्यक्ष ने रशिया का दौरा करने से रशिया के भारत से शुरू रणनीतिक सहयोग बाधित होंगे, यह कुछ लोगों की उम्मीद ही है, यह कहकर रशियन राजदूत ने पश्चिमी एवं पश्चिमी देशों का पक्ष उठाने वालों को लक्ष्य किया। कुछ भी हो, भारत रशिया का सबसे अहम मित्र देश रहेगा, ऐसी गवाही रशिया के नेतृत्व ने कई बार दी थी। चीन के साथ रशिया के सहयोग का भारत-रशिया मित्रता के संबंधों पर असर नहीं होगा, यह भी रशियन नेताओं ने कहा था। इसके अलावा लद्दाख के एलएसी पर भारतीय सेना और चीन के सेना के बीच तनाव बना होने की स्थिति में भारत को आवश्यक रक्षा सामान की आपूर्ति करने की तैयारी भी रशिया ने दिखाई थी।

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