कम्युनिस्ट पार्टी के संस्थापक माओ से भी शी जिनपिंग ज्यादा ताकतवर – विश्लेषकों का दावा

वॉशिंग्टन – पिछले हफ्ते आयोजित शासक कम्युनिस्ट पार्टी के अधिवेशन की गतिविधियाँ शी जिनपिंग अब पार्टी के संस्थापक माओ से भी ताकतवर दिखा रही हैं, ऐसा दावा विश्लेषकों ने किया हैं। मनचाहे व्यक्ति को पॉलिट ब्युरो में नियुक्त करके जिनपिंग यह पक्षप्रमुख नहीं, बल्कि सम्राट और तानाशाह के तौर पर चीनी जनता के सामने आए हैं, ऐसी चेतावनी मंगोलियन विश्लेषक शी हायमिंग ने दी। इसी बीच, जिनपिंग के निर्णयों की वजह से कम्युनिस्ट पार्टी में ‘सामुहिक नेतृत्व’ की कल्पना खत्म होने का दावा वेन झिगैन्ग ने किया। कम्युनिस्ट पार्टी के पूर्व नेताओं के पर्व खत्म हुआ हैं और शी जिनपिंग के लिए बाधा साबित होगा या उन पर नियंत्रण रख सकेगा, ऐसा अब कोई भी नहीं बचा। इस वजह से जिनपिंग के अब माओ से भी अधिक ताकतवर होने की ओर वु गुओगुआंग ने ध्यान आकर्षित किया।

चीन की शासक कम्युनिस्ट पार्टी का २० वां अधिवेशन पिछले हफ्ते आयोजित हुआ। इस अधिवेशन में जिनपिंग ने चीन की शासक कम्युनिस्ट पार्टी के केंद्रीय निर्णय केंद्र कहे जा रहे दो समितियों पर अपने एकनिष्ठ नेताओं की नियुक्ति करने की कामयाबी प्राप्त की थी। पार्टी के पॉलिट ब्युरो का सबसे ताकतवर केंद्र ‘स्टैन्डिन्ग कमिटी’ के छह सदस्यों का चयन जिनपिंग के प्रति एकनिष्ठ के निकष पर होने के मुद्दे पर माध्यम और विश्लेषकों ने ध्यान आकर्षित किया था। इसके अलावा सेंट्रल कमेटी के सभी सदस्य भी जिनपिंग के मर्जी के ही हैं। जिनपिंग को चुनौती देने की क्षमता रखने वाले प्रधानमंत्री ली केकिआंग और उप-प्रधानमंत्री हु चुनहुआ को पॉलिट ब्युरो से हटाया गया।

जिनपिंग के यह निर्णय उन्हें कम्युनिस्ट पार्टी के संस्थापक माओ से भी अधिक ताकतवर बनाने वाले साबित हुए  हैं। कम्युनिस्ट पार्टी में इसके आगे चयन होने वाले नेतृत्व पर जिनपिंग का पूरा नियंत्रण रहेगा। यह करते हुए उन पर किसी भी पूर्व नेता का धौस या दबाव नहीं होगा, इसपर भी विश्लेषक ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। ‘डेंग शाओपिंग, जिआंग झेमिन और हु जिंताओ जैसे पूर्व नेताओं का पर्व अब खत्म हुआ हैं। शी जिनपिंग यही एकमात्र और सर्वोच्च रहेंगे’, ऐसा दावा झाँग ताओ नामक विश्लेषक ने किया।

‘जिनपिंग अब मनमानी ढ़ंग से कारोबार कर सकते हैं। उनके एकतरफा निर्णय चरम स्तर का एकतंत्र दिखाता है। शी जिनपिंग अब खुलकर सम्राट शी जिनपिंग और तानाशाह के तौर पर सामने आए  हैं’, ऐसी फटकार जर्मनी के विश्लेषक शी हायमिंग ने लगाई। चीन के कई नेता अब जिनपिंग की हा..जी, हा..जी करने के लिए कतार में लगेंगे और सम्राट गद्दी पर बैठने की राह देखेंगे, यह भी हायमिंग ने कहा। जिनपिंग के नेतृत्व में आर्थिक सुधार का अभियान खत्म होगा और शासन केंद्रीत अर्थव्यवस्था का यूग शुरू होगा, साथ ही चीन से मध्यम वर्ग नाम के लिए बचेगा, यह ड़र भी विश्लेषकों ने जताया है। जिनपिंग का कार्यकाल लाल हुकूमत ‘रेड रिजिम’ के नाम से जाना जाएगा, यह दावा झाँग ताओ ने किया।

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