अमरीका से आयातित पाखंड़ी वामपंथी विचारधारा ने फ्रान्स में नफरत बढ़ाई – राष्ट्राध्यक्ष इमैन्युएल मैक्रोन का इशारा

पैरिस/वॉशिंग्टन – अमरीका से आयात हुई पाखंड़ी वामपंथी विचारधारा फ्रान्स को कट्टरता की ओर ले जा रही है और फ्रेंच समाज में दरार डालकर नफरत बढ़ा रही है, ऐसा जोरदार प्रहार फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष इमैन्युएल मैक्रॉन ने किया। इस विचारधारा ने फ्रान्स में मौजूद अल्पसंख्यांक समुदाय को नज़रबंद किया है और उनके बीच असुरक्षितता की भावना निर्माण की गई है, ऐसा इशारा भी राष्ट्राध्यक्ष मैक्रॉन ने दिया। बीते छह महीनों के दौरान मैक्रॉन ने वामपंथी विचारधारा के खिलाफ आक्रामक शब्दों में आलोचना करने का यह दूसरा अवसर है। उनकी इस भूमिका को फ्रेंच जनता का अच्छा समर्थन प्राप्त होने की बात भी सामने आ रही है। 

राष्ट्राध्यक्ष मैक्रॉन ने ‘एले’ नामक पत्रिका को दिए साक्षात्कार के दौरान पाखंड़ी वामपंथी विचारधारा के विरोध में जोरदार प्रहार किए हैं। ‘फेमिनिस्ट गुट और कृष्णवर्णियों के लिए काम कर रही संगठना हरएक को लैंगिक एवं वर्ण के मुद्दे पर लक्ष्य कर रही है। इस तरह से फ्रेंच समाज में दरार पड़ रही है और वांशिक अल्पसंख्यांक समुदाय के बीच असुरक्षितता की भावना निर्माण हो रही है’, यह आरोप फ्रेंच राष्ट्राध्यक्ष ने लगाया। सामाजिक स्तर पर बढ़ी हुई मुश्‍किलों में सिर्फ लिंग या वर्ण ज़िम्मेदार नहीं होता, बल्कि इसके पीछे अन्य सामाजिक असमानता का भी हिस्सा होता है, यह दावा मैक्रॉन ने इस दौरान किया।  

फ्रान्स में बीते कुछ वर्षों में वामपंथी गुट और युवा वर्ग अलग अलग मुद्दों पर काफी आक्रामकता से पेश होने की बात सामने आयी हैं। ‘ब्लैक लाईवज्‌ मैटर’ के समर्थन में हुए प्रदर्शन एवं ‘यलो वेस्ट’ जैसे प्रदर्शनों से यह बात दिखाई पड़ी थी। फ्रान्स की अलग अलग शिक्षासंस्थाओं में फ्रेंच परंपरा और इतिहास को चुनौती देकर वर्णवादी विचारधारा का पुरस्कार किया जा रहा है। फ्रेंच परंपराओं का समर्थन कर रहे विचारकों को बहिष्कृत करने के मामले भी सामने आए हैं।

इस पृष्ठभूमि पर राष्ट्राध्यक्ष मैक्रॉन ने इस पूरे मामले को लक्ष्य करके इसके पीछे अमरीका से आयात हुई पाखंड़ी वामपंथी विचाराधारा होने का आरोप खुलेआम लगाया हैं। उनकी इस भूमिका को फ्रान्स के दक्षिणपंथी गुट एवं विचारकों का समर्थन प्राप्त होने की बात पहले भी दिखाई पड़ी है। फ़रवरी में फ्रान्स के १०० से अधिक विचारकों ने एक खुला खत जारी किया था। इस खत में यह इशारा दिया गया था कि, अमरीका से आ रही पाखंड़ी वामपंथी विचारधारा और बहिष्कार की संस्कृति फ्रान्स के अस्तित्व के लिए खतरा साबित हो सकती है।

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