हैती के विनाशकारी भूकंप में मरनेवालों की संख्या २ हज़ार हुई – १२ हज़ार से अधिक घायल, सैकड़ों अभी भी लापता

पोर्ट ओ प्रिन्स – ‘कैरेबिअन आयलैण्ड’ क्षेत्र के हैती में बीते हफ्ते हुए विनाशकारी भूकंप में मरनेवालों की संख्या बढ़कर २ हज़ार तक जा पहुँची है। भूकंप के बाद हैती को ‘ग्रेस’ नामक तूफान ने नुकसान पहुँचाया है और सहायता एवं राहत कार्य में बड़ी बाधा निर्माण हुई है। एक के बाद एक टकराई इन नैसर्गिक आपदाओं की पृष्ठभूमि पर देश में कोरोना संक्रमण तेज़ होने का ड़र भी जताया गया है और कॉलरा एवं डायरिया जैसी बिमारियाँ भी फैल सकती हैं, यह दावा भी किया जा रहा है। नैसर्गिक आपदाओं ने नुकसान पहुँचाए लगभग ४० प्रतिशत लोगों को मानवीय सहायता की ज़रूरत महसूस होगी, ऐसा संयुक्त राष्ट्रसंगठन ने कहा है।

शनिवार १४ अगस्त के दिन हैती के लेस केयेस हिस्से में ७.२ रिश्‍टर स्केल तीव्रता के भूकंप के झटके महसूस हुए थे। बीते १२ वर्षों में हैती को लगा यह दूसरां विनाशकारी भूकंप है। इस नए भूकंप के झटके की तबाही से अब तक २,१८९ लोगों की मौत हुई है और १२ हज़ार से अधिक लोग घायल हुए हैं। भूकंप के बाद लापता हुए लोगों की संख्या ३०० कही जा रही है। लेकिन, अमरिकी यंत्रणाओं ने इनकी संख्या अधिक हो सकती है, यह दावा किया है। ‘यूएस जिओलॉजिलक सर्वे’ के अनुमान के अनुसार भूकंप की तीव्रता पर गौर करें तो मृतकों की संख्या १० हज़ार तक हो सकती है। १४ अगस्त के इस भूकंप के बाद हैती में लगभग ६०० आफ्टरशॉक्स’ महसूस होने की जानकारी स्थानीय यंत्रणाओं ने साझा की है।

हैती की ‘नैशनल सिविल प्रोटेक्शन एजन्सी’ की जानकारी के अनुसार भूकंप से प्रभावित क्षेत्र के लगभग ५३ हज़ार घर पूरी तरह से तबाह हुए हैं। ३० हज़ार से अधिक परिवार बेघर हुए हैं और कई लोगों की रहने की व्यवस्था भी नहीं है। भूकंप में कुछ अस्पताल भी धराशाई हुए और इस वजह से घायलों को पोर्ट ओ प्रिन्स समेत अन्य शहरों में पहुँचाना पड़ा। अमरिकी सेना ने लेस केयेस में ‘फील्ड अस्पताल’ का निर्माण शुरू किया है और ब्रिटिश नौसेना ने सहायता के लिए अपना जहाज रवाना करने की जानकारी साझा की गई है।

भूकंप के बाद सिर्फ ४८ घंटों में हैती को ग्रेस तूफान ने नुकसान पहुँचाया है और इससे अधिक तबाही होने की बात सामने आ रही है। कुछ हिस्सों में भूस्खलन हुआ और भारी बारिश के कारण पानी भी भरा है। इससे भूकंप से प्रभावित इलाकों तक राहत सामान पहुँचाने में बाधा होने की बात कही जा रही है। राजनीतिक अस्थिरता और कोरोना के प्रतिबंधों की वजह से अंतरराष्ट्रीय सहायता पहुँचने में देरी हुई है और स्थानीय लोगों में असंतोष की भावना निर्माण हुई है। अब तक दाखिल हुई सहायता पर्याप्त ना होने से इसे प्राप्त करने के लिए मुठभेड़ और संघर्ष होने की घटनाएँ भी सामने आ रही हैं। इसी बीच हैती के अपराधिक गिरोहों ने सहायता लेकर पहुँची हुई संस्थाओं पर हमले करके लूटने की बात भी सामने आ रही है। इस वजह से सहायता के साथ दाखिल हुए गुट और स्वयंसेवकों में ड़र का माहौल छाया है।

भूकंप, तूफान और अपर्याप्त सहयता की पृष्ठभूमि पर हैती में संक्रमण की बिमारियों का नया संकट टूट सकता है, ऐसा इशारा विशेषज्ञ दे रहे हैं। वर्ष २०१० में आए भूकंप के बाद देश में कॉलरा की ड़रावनी महामारी फैली थी, इस ओर विशेषज्ञों ने ध्यान आकर्षित किया है। साथ ही फिलहाल कोरोना संक्रमण की तीव्रता बढ़ सकती है, यह इशारा भी दिया गया है। इसके अलावा, कॉलरा, डायरिया और सांस की बिमारी फैलने की संभावना जताई जा रही है।

हैती में वर्ष २०१० में आए भूकंप के बाद बड़ी राजनीतिक अस्थिरता निर्माण हुई थी। बीते महीने राष्ट्राध्यक्ष बने जोवेनल मॉइस की हत्या ने अस्थिरता और भी बढ़ाई है। देश में फिलहाल आपातस्थिति बनी हुई है और ऐसे में टूटी आपदा और इसके बाद फैल रही बिमारियों के साथ देखी जा रही राजनीतिक अस्थिरता की वजह से हैती में अराजकता को अधिक बल प्राप्त हो सकता है, यह दावा विश्‍लेषक कर रहे हैं।

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