कम्युनिस्ट हुकूमत की दमन नीति ठुकराकर चीन में तीसरे दिन बढ़ा कोरोना विरोधी प्रदर्शनों का समर्थन – कोरोना मामले ४० हज़ार से अधिक बढे

बीजिंग/शांघाय – चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत ने जनता पर की हुई कार्रवाई के बावजूद कोरोना प्रतिबंधों के खिलाफ चीनी नागरिकों के मन में उभरी असंतोष की तीव्रता कम नहीं हुई है। लगातार तीसरे दिन चीन के विभिन्न शहरों के नागरिक अन्याय ‘ज़ीरो कोविड पॉलिसी’ के खिलाफ भारी संख्या में सड़कों पर उतरे। रविवार रात एवं सोमवार को चीन के १५ से अधिक शहरों में यह प्रदर्शन फैले हैं। इनमें राजधानी बीजिंग से कोरोना के उद्गम स्थान माने जा रहे वुहान शहर का भी समावेश है। इस बढ़ते समर्थन के कारण चीन की हुकूमत में बेचैनी निर्माण हुई है और चीनी जनता की नाराज़गी अभूतपूर्व है, ऐसी प्रतिक्रिया चीन के पूर्व वरिष्ठ अधिकारी विक्टर गाओ ने दर्ज़ की।

झिंजिआंग प्रांत में पिछले हफ्ते हुई आगज़गनी की घटना के बाद चीनी जनता में ‘ज़ीरो कोविड पॉलिसी’ के खिलाफ तीव्रता से असंतोष उमड रहा है। शुरू में सिर्फ स्थानीय प्रशासन को लक्ष्य करने वाले इन प्रदर्शनकारियों ने बाद में सीधे कम्युनिस्ट हुकूमत के खिलाफ आवाज़ उठाना शुरू किया है। चीन के प्रमुख शहरों के साथ शीर्ष युनिवर्सिटीज्‌‍ में भी इसकी गूंज सुनाई पड़ी। आम नागरिकों के साथ छात्रों ने ‘ब्लैंक पेपर’ हाथों में थामे निषेध दर्ज़ किया है। इस बढ़ते प्रदर्शनों के खिलाफ कम्युनिस्ट हुकूमत ने हमेशा की तरह कार्रवाई शुरू की है।

रविवार से चीन के आर्थिक केंद्र शांघाई एवं अन्य शहरों में प्रदर्शनकारियों को दबोचना शुरू किया गया है। कुछ स्थानों पर प्रदर्शनकारी और सुरक्षा बलों में मुठभेड़ होने की बात सामने आयी है। अब तक हज़ार से अधिक प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया है। कुछ प्रदर्शनकारी घायल होने की बात साझा की गई है। विदेश में चीनी वंशी नागरिक और गुट भी कोरोना विरोधी इन प्रदर्शनों के समर्थन में सड़कों पर उतरे हैं। लंदन, पैरिस और अमरीका में चीनी प्रदर्शनकारियों के समर्थन में रैलियां निकाली गईं।

राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग ने तीसरी बार बागड़ोर हाथ में लेने के मात्र एक महीने के दौरान ही कोविड प्रदर्शनों के ज़रिये उन्हें चुनौती मिली, यह स्वर विश्लेषक आलाप रहे हैं। चीन में पिछले ३.५ दशकों में सीधे हुकूमत या राष्ट्राध्यक्ष को ज़िम्मेदार करार देकर इतनी बड़ी मात्रा में प्रदर्शन नहीं हुए। इस वजह से कोरोना प्रतिबंध विरोधी प्रदर्शन विशेष ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। चीन के पूर्व अधिकारी भी प्रदर्शनों का स्वरूप और दायरा अभूतपूर्व होने का बयान कर रहे हैं।

इसी बीच, रविवार को चीन में कोरोना संक्रमितों की संख्या ४० हज़ार से अधिक हुई। राजधानी बीजिंग में लगभग चार हज़ार मामले सामने आने की जानकारी स्थानीय यंत्रणाओं ने साझा की और पिछले पांच दिनों में बीजिंग में संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ रही है।

प्रदर्शनों का वृत्तांकन कर रहें पत्रकार से चीनी सुरक्षा बलों की मारपीट 

बीजिंग/लंदन – चीन के विभिन्न शहरों में पीछले कुछ दिनों से ‘ज़ीरो कोविड पॉलिसी’ विरोधी प्रदर्शनों का वृत्तांकन कर रहे एडवर्ड लॉरेन्स नामक पत्रकार को पकड़कर उसे पीटा गया। एडवर्ड लॉरेन्स ‘बीबीसी’ के चायना ब्युरो के लिए कैमेरा ऑपरेटर के तौर पर कार्य करते हैं। रविवार को शांघाई में हो रहे प्रदर्शनों की जानकारी वे ले रहे थे, तभी चीन के सुरक्षा बलों ने उन्हें हिरासत में लिया। इसके बाद कई घंटों तक उन्हें जेल में रखा गया था। लॉरेन्स के साथ चीन के विभिन्न शहरों में प्रदर्शनों का वृत्तांकन कर रहे पत्रकार एवं फोटोग्राफर्स को धमकाए जाने की जानकारी सामने आयी है। लॉरेन्स पर हुई कार्रवाई का ब्रिटेन की सरकार ने तीव्र निषेध किया है और कहा जा रहा है कि, चीन से खुलासा भी मांगा गया है।

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