गॅबॉन की सेना ने राष्ट्राध्यक्ष बोंगो की हुकूमत का तख्तापलट दिया – राष्ट्राध्यक्ष बोंगो की सुरक्षा को लेकर यूरोपिय महासंघ और चीन को चिंता

लिब्रेविले/दकार – पिछले ५५ सालों से गॅबॉन पर राज कर रहे बोंगो परिवार की हुकूमत का सेना ने तख्तापलट किया है। ‘गॅबॉन की जनता की ओर से शांति और देश की सुरक्षा के लिए बोंगो की हुकूमत आज खत्म की गई’, यह ऐलान गॅबॉन की सेना ने यि। इस वजह से अफ्रीका के और एक देश की हुकूमत को सेना ने सत्ता से हटाया है और गॅबॉन की जनता ने सेना की इस कार्रवाई पर आनंद व्यक्त किया है। इसी बीच, गॅबॉन की सेना के इस विद्रोह को लेकर यूरोपिय महासंघ ने तीव्र चिंता जताई है। साथ ही चीन ने भी गॅबॉन की सेना से राष्ट्राध्यक्ष अली बोंगो की सुरक्षा की गारंटी मांगी हैं। पिछले हफ्ते गॅबॉन में राष्ट्राध्यक्ष पद के चुनाव हुए। इसमें राष्ट्राध्यक्ष अली बोंगो के साथ कुल १३ उम्मीदवार लड़ रहे थे। बोंगो के विरोध में उतरे प्रतिद्वंद्वी अल्बर्ट ओंडो ओस्सा की दावेदारी इस चुनाव में मजबूत समझी जा रही थी। राष्ट्राध्यक्षीय चुनाव में उतरे छह उम्मीदवारों ने अल्बर्ट को अपना समर्थन घोषित किया था। साथ ही गॅबॉन की जनता भी अल्बर्ट के साथ होने की बात स्पष्ट हुई थी। लेकिन, शनिवार के चुनाव के बाद राष्ट्राध्यक्ष बोंगो ६४ प्रतिशत वोटों के साथ विजयी घोषित किए गए। 

गॅबॉनइस नतीजे के बाद गॅबॉन में तनाव निर्माण हुआ था। राष्ट्राध्यक्ष बोंगो ने अपने विरोध में जनता को विद्रोह करने से रोकने के लिए इंटरनेट सेवा बंद कर दी थी। साथ ही कुछ जगहों की बीजली भी तोड़ दी थी। इससे पहले भी राष्ट्राध्यक्ष बोंगो ने जनता का विद्रोह खत्म करने के लिए ऐसी ही गतिविधियां की थी। इस वजह से पिछले १३ सालों से सरकार की बागड़ोर संभालते रहे बोंगो अपनी हुकूमत कायम रखने में कामयाब होंगे, ऐसी संभावना भी जताई जा रही थी।

बुधवार की सुबह गॅबॉन की सेना ने स्थानीय समाचार चैनल के माध्यम से जनता के लिए संदेश जारी किया। ‘गॅबॉनी जनता की मांग के अनुसार सेना राष्ट्राध्यक्ष बोंगो की हुकूमत का तख्तापलट ने जा रही हैं’, इस तरह की पूर्व सूचना सेना के अधिकारियों ने जारी की थी। इसके कुछ ही मिनट बाद सेना ने राष्ट्राध्यक्ष बोंगो की हुकूमत का तख्तापलट करने का ऐलान किया। साथ ही देश की संसद, अदालत, अर्थ विभाग और चुनाव विभाग के दफ्तर बंद करने का ऐलान भी सेना ने किया।

गॅबॉनइसके बाद गॅबॉनी जनता ने सड़क पर उतरकर इस खबर का स्वागत किया। कुछ जगहों पर सेना के वाहनों का बड़ा स्वागत किया गया। ‘आज हम सच्चे मायने में मुक्त हुए’, ऐसी प्रतिक्रिया स्थानीय लोगों ने व्यक्त की। वहीं, कुछ लोगों ने सेना के प्रति आभार व्यक्त किया। सेना ने भी देश में यह स्थित अस्थायी होगी और जल्द ही जनतांत्रिक पद्धती से चुनाव करने का ऐलान किया।

पिछले तीन सालों में पश्चिम और मध्य अफ्रीका के कुल पांच देशों में सेना ने सत्ता पर कब्ज़ा किया हैं। इनमें माली, गिनी, बुर्किना फासो, चाड और नाइजर इन देशों का समावेश हैं और इनमें अब गॅबॉन का इजाफा हुआ हैं। कुछ दशक पहले तक यह सभी देश फ्रान्स की कॉलनी थे। गॅबॉन १९६७ में फ्रान्स से आज़ाद हुआ। लेकिन, तभी से अगले ४२ वर्ष तक ओमर बोंगो की ही हुकूमत इस देश में रही। दिल की बिमारी होने के कारण वर्ष २००९ में ओमार के हाथों से उनके बेटे अली बोंगो ने देश की बागड़ोर संभाली। ऐसे पिछले ५५ सालों से बोंगो परिवार ही गॅबॉन पर राज कर रहा था। लेकिन, उनकी हुकूमत के विरोध में जनता में असंतोष था।

इसी बीच, गॅबॉन ईंधन उत्पादक देशों की ‘ओपेक’ संगठन का सदस्य भी हैं और प्रतिदिन १.८१ लाख बैरल ईंधन खनन करता हैं। साथ ही गॅबॉन कोको और अन्य खनिजों का भी प्रसिद्ध उत्पादक हैं।

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