चीन पाकिस्तान में दो नए नौसैनिक अड्डे बनाने की कोशिश कर रहा है – बलोच संगठनों का आरोप

इस्लामाबाद – ‘चाइना पाकिस्तान इकॉनॉमिक कॉरिडोर’ (सीपीईसी) के तहत चीन ने पाकिस्तान में ६२ अरब डॉलर निवेश किए हैं। इस वजह से पाकिस्तान के बलोचिस्तान में चीन विभिन्न परियोजनाएं चला रहा हैं और ग्वादर बंदरगाह का विकास करने का दावा चीन एवं पाकिस्तान कर रहे हैं। लेकिन, ‘सीपीईसी’ के आड़े चीन बलोचलिस्तान के ग्वादर बंदरगाह में नौसैनिक अड्डा बनाने में लगा होने की खबरें प्राप्त हुई थी। लेकिन, चीन इसके अलावा पाकिस्तान में और दो नौसैनिक अड्डे बनाने की कोशिश में होने का आरोप बलोच संगठनों ने लगाया है।

चीन पाकिस्तान में दो नए नौसैनिक अड्डे बनाने की कोशिश कर रहा है - बलोच संगठनों का आरोपपाकिस्तान के बलोचिस्तान में स्थित ग्वादर बंदरगाह पर अमरीका और मित्र देशों की नजरें लगी हैं और इस वजह से चीन इस बंदरगाह का इस्तेमाल व्यापारी यातायात के लिए करेगा। लेकिन, विश्व का ध्यान ग्वादर पर केंद्रीत करके चीन गुप्त पद्धती से जिवानी और सोनमियानी में नए नौसैनिक ठिकानों का निर्माण करने में लगा होने का आरोप बलोच संगठनों ने लगाया है। इनमें से सोनमियानी में चीन की पनडुब्बियों का ठिकाना रहेगा, ऐसा दावा ‘फ्रि बलोच मुव्हमेंट’ (एफबीएम) संगठन के विदेश विभाग प्रमुख जमाल नासिर बलोच ने किया।

पर्शियन खाड़ी से साउथ चाइना सी की दिशा में यातायात कर रहे चीन के व्यापारी जहाज एवं ईंधन टैंकर की सुरक्षा के लिए खतरा बन सकता हैं। इसे भांपकर चीन ग्वादर बंदरगाह का इस्तेमाल व्यापारी यातायात के लिए करेगा। वहीं, इस बंदरगाह की सुरक्षा के लिए चीन जिवानी और सोनमियानी बंदरगाह को नौसैनिक अड्डा बना रहा हैं, ऐसा जमाल ने कहा। चीन पाकिस्तान में दो नए नौसैनिक अड्डे बनाने की कोशिश कर रहा है - बलोच संगठनों का आरोपवर्ष २०१८ में जिवानी बंदरगाह पर चीन और पाकिस्तान के सैन्य अधिकारियों की हुई बैठक पर भी जमाल ने ध्यान आकर्षित किया।

इस बीच चीन से दूरियां बनाकर अमरीका के करीब जाने की तैयारी पाकिस्ताने रखी थी। इस दौरान चीन ने जिवानी और सोनमियानी बंदरगाह का काम रोक दिया था। लेकिन, पाकिस्तान ने फिर से चीन की ओर रुख करने के बाद जिवानी और सोनमियानी बंदरगाह का काम शुरू हुआ हैं। बलोचिस्तान प्रांत में चीन कर रहे निवेश का स्थानिय लोग बड़ा जोरदार विरोध कर रहे हैं। बलोच विद्रोही संगठन भी चीन के अधिकारी, इंजिनिअर और पाकिस्तानी सैनिकों को लक्ष्य कर रहे हैं। कुछ दिन पहले बलोच विद्रोहियों ने ९० दिनों में बलोचिस्तान के प्रकल्प में शुरू काम समेट ने के लिए चीन को कहा था।

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