पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों को दरकिनार करने के लिए रेल के ज़रिये रशिया से ईरान को ईंधन आपूर्ति शुरू

मास्को – अमरीका और यूरोपिय मित्र देशों के प्रतिबंधों का लक्ष्य बने रशिया और ईरान ने नया विकल्प तलाशा है। रशिया ने ईरान को ईंधन आपूर्ति करने के लिए अब रेल का ज़रिया अपनाया है। इस तरह से रशिया ने ईरान तक अब तक ३० हज़ार टन गैसोलिन और डीज़ल पहुंचाय हैं। ऐसे में यह दावा किया जा रहा है कि, आनेवाले समय में दोनों देशों का ईंधन कारोबार अधिक व्यापक होगा।

रशिया के उप-प्रधानमंत्री अलेक्झांडर नोवैक ने पिछले वर्ष ईरान का दौरा करके कुल ४० अरब डॉलर्स का बड़ा ऊर्जा समझौता किया था। इसके अनुसार रशिया और ईरान अगले २५ वर्ष तक एक-दूसरे को ईंधन और ईंधन वायु की आपूर्ति करेंगे। लेकिन, रशिया और ईरान यह दोनों देश अमरीका और यूरोपिय मित्र देशों ने लगाए प्रतिबंधों में फंसे हैं। इस वजह से इतना बड़ा ऊर्जा समझौता करने के बाद इससे संबंधित सहयोग कब शुरू करना हैं, इसपर रशिया और ईरान विचार कर रहे थे।

लेकिन, फ़रवरी महीने से रशिया ने ईरान को ईंधन आपूर्ति करना शुरू किया है, ऐसी जानकारी सुत्रों ने प्रदान की। पिछले दो महीनों में रशिया ने ईरान को लगभग ३० हज़ार टन गैसोलिन और डिज़ल की आपूर्ति की हैं। इसके लिए रशिया ने कझाकस्तान और तुर्कमेनिस्तान इन पूर्व सोवियत देशों के रेल नेवटर्क का इस्तेमाल किया और इस माध्यम से ईरान तक ईंधन के रेक पहुंचाए। आगे कुछ हद तक ईंधन प्रदान करने के लिए ईरान के पड़ोसी इराक का भी इस्तेमाल हो सकता हैं, यह दावा किया जा रहा है।

रशिया ने इससे पहले कैस्पियन समुद्र के रास्ते ईरान को ईंधन की आपूर्ति की थी। लेकिन, पश्चिमी देशों ने प्रतिबंध लगाने के बाद ईरान को समुद्री मार्ग से ईंधन सप्लाइ करना रशिया के लिए चुनौती बनने लगी है। रशिया ने यूक्रेन विरोधी युद्ध शुरू करने के साथ ही अमरीका और पश्चिमी मित्र देशों ने रशिया पर सख्त प्रतिबंध लगाए हैं। रशिया के ईंधन एवं अन्य सामान की यातायात कर रहे जहाज़ों पर पश्चिमी देश प्रतिबंध लगाने की कार्रवाई कर रहे हैं।
इस पृष्ठभूमि पर रशिया ने मध्य एशियाई देशों से जुड़े रेल मार्ग से ईरान तक ईंधन पहुंचाना शुरू किया है। आनेवाले समय में इसकी मात्रा बढ़ेगी, ऐसी उम्मीद रशिया ने व्यक्त की है।

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