‘एनआरसी’ की अंतिम सुचि घोषित – अभी भी १९ लाख लोग बाहर

नवी दिल्ली – आसाम में तैयार हुई ‘नेशनल रजिस्टर आफ सिटीजंस’ (एनआरसी) की सूची में तीन करोड़ ग्यारह लाख लोगों का समावेश किया गया है| तथा नागरिकत्व सिद्ध न होने की वजह से इस सूची में नाम दर्ज ना हुए लोगों की संख्या १९ लाख से अधिक है| पर उन्हें अपनी भारतीय नागरिकत्व सिद्ध करने का अवसर मिलेगा एवं वह फॉरेन ट्रिब्यूनल से न्याय मांग सकते हैं, ऐसी जानकारी एनआरसी के समन्वयक प्रतीक हाजेला ने दी है| तथा सर्वोच्च न्यायालय में जाने का विकल्प भी सभी के सामने उपलब्ध होगा, ऐसा हाजेला ने कहा है|

आसाम में अवैधरूप से घुसपैठ करनेवाले बांग्लादेशियों की वजह से मूल निवासियों के हितसंबंध एवं राष्ट्रीय सुरक्षा खतरे में आने की शिकायत कई दशकों से हो रही है| इस पर ध्यान देते हुए ८० के दशक में एनआरसी की प्रक्रिया शुरू करने का निर्णय हुआ था| पर उसे कार्यान्वित होने के लिए बहुत अधिक समय लगा था| ४ वर्षों से यह प्रक्रिया शुरू हुई है| वर्ष २०१८ के जुलाई महीने में एनआरसी की सूची घोषित की गई है और इससे ४०.७ लाख लोगों के नाम दर्ज नहीं हुए हैं| पर इस सूची की छाननी करना आवश्यकता होने की बात यंत्रणा ने मानी है|

उसके अनुसार शनिवार की सुबह १० बजे एनआरसी की अंतिम सूची घोषित की गई| इसमें ३,११,२१,००४ लोगों का समावेश है| पर नागरिकत्व सिद्ध ना होनेवाले लोगों की संख्या १९,०६,६५७ है| इन सभी को विदेशी घुसपैठ ठहराकर इनपर कार्रवाई नहीं होगी| उन्हें नागरिकत्व सिद्ध करने का एक और अवसर मिल सकता है, ऐसा एनआरसी के समन्वयक प्रतीक हाजेला ने कहा है| १२० दिनों में यह सभी ‘फौरेन ट्रिब्यूनल’ से न्याय मांग सकते है| उसके बाद उन्हें उच्च न्यायालय में तथा सर्वोच्च न्यायालय में जाने का मार्ग खुला होगा, ऐसा हाजेला ने कहा है|

दौरान दावे किए जा रहे थे की इनसे विदेशी घुसपैठियों की संख्या बहुत कम हो सकती है| सरकार ने विदेशी घुसपैठियों की संख्या बहुत बड़ी होने की बात इससे पहले कही थी, इसकी तरफ कई राजनीतिक नेताओं ने ध्यान केंद्रित किया है| उस समय एनआरसी की प्रक्रिया पर ध्यान रखने वाले कई लोगों ने आज भी बांग्लादेश से जुड़े हुए सीमा भाग में यह प्रक्रिया समाधानकारक रूप से कार्यान्वित नहीं हुई है, ऐसी आलोचना की थी| इसकी वजह से घुसपैठियों की असल संख्या उजागर नहीं हुई है, ऐसा निरीक्षकों का कहना है|

आसाम में एनआरसी की प्रक्रिया जारी करने के बाद देशभर में एनआरसी की सूची तैयार करना आवश्यक है, ऐसी मांग हो रही है| नई दिल्ली तथा मुंबई में भी एनआरसी जारी कि जाए, ऐसी मांग सामने आ रही है| तथा विदेश से अवैध रूप से भारत आए नागरिकों को सभी अधिकार मिले, ऐसी मांग लेकर कुछ लोग सर्वोच्च न्यायालय में न्याय मांग रहे थे| पर देश के संसाधन पर नागरिकों का पहला अधिकार होकर विदेशी घुसपैठियों को उसका लाभ नहीं मिलने देंगे, ऐसी ठोस भूमिका भारत सरकारने ली थी| तथा केंद्र सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय में अपना पक्ष रखते हुए यह मुद्दा राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित होने की बात याद दिलाई थी|

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