परमाणु हमलों की धमकियां देने के बाद अब पाकिस्तान दे रहा है बातचीत का प्रस्ताव

नई दिल्ली/इस्लामाबाद – भारत के लष्कर प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने जम्मू कश्मीर को भेंट देते हुए सुरक्षा का ब्यौरा किया है| लष्कर किसी भी परिस्थिति का सामना करने के लिए तैयार रहें, यह संदेश लष्कर प्रमुख ने इस दौरान दिया हैं| पाकिस्तान से कश्मीर के लिए किसी भी स्तर पर जाने की धमकी दी जा रही है और ऐसे में लष्कर प्रमुख की इस जम्मू-कश्मीर यात्रा का महत्व बढ़ रहा है| दौरान १ दिन पहले भारत को परमाणु युद्ध की चेतावनी देनेवाले पाकिस्तान ने भारत से चर्चा करने की तैयारी दिखाई है|

शुक्रवार की दोपहर कश्मीर अवर मनाकर पाकिस्तान की सरकार ने हम जम्मू-कश्मीर की जनता के साथ होने की बात दिखाने का प्रयत्न किया है| उस समय बोलते हुए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने कश्मीर के लिए किसी भी स्तर पर जाने की घोषणा की थी| तथा उस समय भारत एवं पाकिस्तान में युद्ध हुआ तो उससे परमाणु युद्ध भड़क सकता है, ऐसी चेतावनी प्रधानमंत्री इम्रान खान ने दी थी| अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने कश्मीर की तरफ ध्यान नहीं दिया, ऐसी शिकायत करते हुए इम्रान खान ने युद्ध की वजह से दुनिया को बहुत बड़ी हानि सहनी होगी, ऐसा सूचित किया था|

इतना करते हुए अंतरराष्ट्रीय समुदाय पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने किए गैर जिम्मेदाराना विधानों की तरफ ध्यान नहीं दिया है| इतना ही नहीं बल्कि पाकिस्तान में कुछ जिम्मेदार विश्‍लेषकों ने पाकिस्तान बंद करने से अन्य देशों पर क्या परिणाम होगा? ऐसा प्रश्न इम्रान खान को किया है| इससे अच्छा पाकिस्तान सरकार अपनी विदेश निती में सुधार करें, एवं उसमें आवश्यक बदलाव करें, ऐसी सलाह इन विश्‍लेषकों ने दी थी| पर फिलहाल पाकिस्तान की सरकार अपनी राजनीतिक असफलता छिपाने के लिए जनता की भावना भड़काने की कोशिश में है, यह आलोचना इम्रान खान के राजनैतिक विरोधी करने लगे हैं|

दौरान प्रधानमंत्री इम्रान खान ने अब भारत से चर्चा करने में कोई अर्थ नहीं है, ऐसा दावा किया था| पर भारत की विदेशमंत्री ने किए एक विधान का धागा पकड़ते हुए इम्रान खान की सरकार ने अब हमें भारत से चर्चा करने में रूचि होने के संकेत दिए हैं| आतंकवाद एवं भय से मुक्त होनेवाले वातावरण में भारत पाकिस्तान से चर्चा कर सकता है, ऐसा भारतीय विदेशमंत्री एस.जयशंकर ने कहा था| उसके बाद कुछ ही घंटे में पाकिस्तान के विदेशमंत्री ने अपने देश को भारत से चर्चा करने में रूचि होने के संकेत दिए हैं| पर उसके लिए पाकिस्तान के विदेशमंत्री ने कई शर्तें सामने रखी है|

इसमें जम्मू-कश्मीर में कैद किए गए नेताओं की रिहाई करने की की मांग का भी समावेश है| पर जम्मू-कश्मीर के बारे में पाकिस्तान को बोलने का अधिकार नहीं है| यह भारत का अंतर्गत मामला है, ऐसी भारत की स्पष्ट भूमिका है| उस समय पाकिस्तान ने आज भी आतंकवाद का उपयोग करने की धारणा नहीं छोड़ी है| इसकी वजह से फिलहाल भारत पाकिस्तान से चर्चा करने की संभावना नहीं है| फिर भी भारत पर शर्त रखते हुए चर्चा के लिए तैयार होने का दिखावा पाकिस्तान निर्माण कर रहा है|

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