यूरोपिय देश ताइवान की खाड़ी में गश्त बढ़ाएं – यूरोपिय महासंघ के वरिष्ठ अधिकारी का आवाहन

ब्रुसेल्स/बीजिंग/ताइपे – बड़े अहम समुद्री क्षेत्र में यातायात की स्वतंत्रता के लिए यूरोपिय देश पहल करें। यूरोपिय देश ताइवान की खाड़ी में अपने विध्वंसकों की गश्त बढ़ाएं, ऐसा आवाहन यूरोपिय महासंघ के विदेश नीति के प्रमुख जोसेफ बोरेल ने किया। इस पर चीन की प्रतिक्रिया प्राप्त हुई है। चीन ने १३ लड़ाकू विमान और तीन विध्वंसक ताइवान की खाड़ी में गश्त लगाने के लिए रवाना करके यूरोप को चेतावनी दी। साथ ही यूरोपिय विध्वंसकों ने ताइवान की खाड़ी में अपना सामर्थ्य प्रदर्शित करने की कोशिश की तो नाकामी के अलावा कुछ भी उनके हिस्से नहीं आएगा, यह इशारा चीन के सरकारी मुखपत्र ने दिया है।

फ्रान्स के अखबार प्रसिद्ध लेख में यूरोपिय महासंघ के अधिकारी बोरेल ने चीन से ताल्लुकातों का ज़िक्र किया। यूरोपिय देशों को चीन के साथ पर्यावरण और अंतरराष्ट्रीय विकास के मुद्दे पर सहयोग जारी रखना चाहिए, ऐसा बोरेल ने कहा। यूरोपिय महासंघ एवं चीन की अर्थव्यवस्था के लिए यह सहयोग अहम होगा, यह दावा बोरेल ने किया। लेकिन, सुरक्षा के मुद्दे पर चीन की भूमिका के खिलाफ यूरोपिय देश एकजुट हो जाएं, यह आवाहन बोरेल ने किया।

यूक्रेन युद्ध में रशिया को सैन्य सहायता प्रदान करने का चीन का निर्णय और मौजूदा स्थिति बदलने के लिए चीन की सैन्य गतिविधियों के खिलाफ यूरोपिय देश पुख्ता भूमिका अपनाएं, ऐसा बोरेल ने कहा। इनमें से ताइवान के मुद्दे पर बोलते हुए महासंघ के प्रमुख ने समुद्री यातायात की स्वतंत्रता का मुद्दा रेखांकित किया। इस समुद्री स्वतंत्रता की सुरक्षा के लिए यूरोपिय देश ताइवान की खाड़ी में अपने विध्वंसकों की गश्त बढ़ाएं, ऐसा आवाहन बोरेल ने किया।

पिछले महीने फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष इमैन्युएल मैक्रॉन ने चीन का दौरा किया था। ताइवान के मुद्दे पर अमरीका या चीन में युद्ध शुरू होता है तो यूरोपिय महासंघ इससे दूर रहे, यह सलाह मैक्रॉन ने दी थी। फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष ने ताइवान मामले में चीन के खिलाफ न जाने की भूमिका अपनाई है, फिर भी यूरोप के अन्य देश इस भूमिका से सहमत नहीं हैं, ऐसे संकेत यूरोपिय महासंघ के वरिष्ठ अधिकारी ने अपने इस लेख के ज़रिए दिए हैं।

बोरेल की इस भूमिका पर चीन से तीखी प्रतिक्रिया प्राप्त हुई है। ताइवान के मुद्दे पर यूरोपिय देश पैसिफिक क्षेत्र में शक्तिप्रदर्शन करने की कोशिश करते हैं तो उन्हें अवमानकारक नाकामयाबी का सामना करना पडेगा, ऐसी चेतावनी चीन की कम्युनिस्ट हुकमत के मुखपत्र ‘पिपल्स डेली’ ने दी है।

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