रशिया के ‘नैशनल वेल्थ फंड’ से अमरिकी डॉलर का निष्कासन

मास्को – रशिन सरकार के आरक्षित विदेशी मुद्रा भंड़ार से गठित हो रहे ‘नैशनल वेल्थ फंड’ में अमरिकी डॉलर का हिस्सा शून्य किया गया है। जनवरी २०२१ में साझा की गई जानकारी के अनुसार, ‘नैशनल वेल्थ फंड’ में ३५ प्रतिशत निवेश अमरिकी डॉलर्स का था। लेकिन अब इस ‘फंड’ से अमरिकी डॉलर का हमेशा के लिए निष्कासन किया गया है और इसके स्थान पर युआन, युरो और सोने का हिस्सा बढ़ाया गया है। रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन ने कुछ वर्ष पहले ‘डिडॉलराइज़ेशन’ की प्रक्रिया शुरू की थी। ‘नैशनल वेल्थ फंड’ में डॉलर्स का हिस्सा शुन्य करना इसी का अहम चरण साबित होता है।

रशिया के प्रधानमंत्री मिखाईल मिशुस्तिन ने दो महीने पहले ही ‘नैशनल वेल्थ फंड’ को सोने में निवेश करने के लिए अनुमति प्रदान करेवाला आदेश जारी किया था। इसके बाद जून में रशिया के अर्थमंत्री एँतोन सिल्युआनोव ने ‘नैशनल वेल्थ फंड’ से अमरिकी डॉलर पुरी तरह से हटाने का ऐलान किया था। ‘अगले महीने के अन्त तक ‘नैशनल वेल्थ फंड’ में डॉलर का हिस्सा शून्य किया जाएगा। यह प्रक्रिया तेज़ गति से पूरी करने की दिशा में कदम उठाए जाएंगे’, यह बयान भी अर्थमंत्री एँतोन सिल्युआनोव ने किया था।

इस पृष्ठभूमि पर रशिया के वित्त मंत्रालय ने निवेदन जारी किया है और ‘नैशनल वेल्थ फंड’ में अमरिकी डॉलर का हिस्सा ३५ प्रतिशत से शून्य प्रतिशत किए जाने की बात स्पष्ट की। अमरिकी डॉलर के साथ ही ब्रिटीश पौंड का हिस्सा भी कम करके पांच प्रतिशत करने की बात कही गई है। साथ ही युरो, युआन और सोने का हिस्सा बढ़ाया गया है। इसमें युरो का हिस्सा अब ३९.७ प्रतिशत, युआन का हिस्सा ३०.४ और सोने का हिस्सा २०.२ प्रतिशत किया गया है। इसके अलावा वर्णित ‘फंड’ में जापानी येन का हिस्सा ४.७ प्रतिशत रखा गया है। 

‘रशिया के लिए युआन और युरो चलन ही अमरिकी डॉलर्स के लिए विकल्प हैं। यह दोनों चलन रशिया के प्रमुख व्यापारी भागीदार देशों के चलन हैं। सोना काफी अहम संपत्ति है और ‘फंड’ के सुरक्षित निवेश के लिए अहम घटक होता है’, ऐसा वित्त मंत्रालय ने कहा है। ‘नैशनल वेल्थ फंड’ में अमरिकी डॉलर का हिस्सा शून्य करने की यह प्रकिया बीते कुछ वर्षों की भू-राजनीतिक, गतिविधियाँ और रशियन अर्थव्यवस्था की ‘डिडॉलराइज़ेशन’ से संबंधित किए गए निर्णयों के अनुसार होने की बात निवेदन में स्पष्ट की गई है।

रशिया के राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने बीते कुछ वर्षों में अमरिकी डॉलर का इस्तेमाल कम करने के लिए आक्रामक कदम उठाए हैं। बीते वर्ष ही उन्होंने रशिया के विदेश मुद्रा भंड़ार में अमरिकी डॉलर का हिस्सा कम करने का ऐलान किया था। इसके अनुसार रशिया की ‘सेंट्रल बैंक’ ने अरबों डॉलर्स कम करके इसकी मात्रा १० प्रतिशत से भी कम की थी, यह कहा जा रहा है। इस पृष्ठभूमि पर ‘नैशनल वेल्थ फंड’ से अमरिकी डॉलर को पूरी तरह से हटाना ध्यान आकर्षित करनेवाली घटना साबित होती है।

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