उइगरों का नरसंहार करनेवाले चीन की ‘विंटर ऑलिम्पिक’ का ब्रिटेन बहिष्कार करें – बिटिश संसदिय समिती की माँग

लंदन – ‘झिंजियांग प्रांत में उइगरवंशियों का नरसंहार करनेवाले चीन को सबक सिखाने के लिए अलगे वर्ष आयोजित हो रहें ‘विंटर ऑलिम्पिक’ का ब्रिटेन बहिष्कार करें। झिंजियांग प्रांत के चीनी उत्पादनों की खरीद पर रोक लगाए’, ऐसी माँग ब्रिटिश संसदिय समिती ने रखी हैं। उइगरों के मानव अधिकारों के मामले में चीन को ज़िम्मेदार पकड़ने के लिए यही अवसर होने का आवाहन इस समिती ने अपनी रपट में किया हैं। अमरिकी जनप्रतिनिधी भी बायडेन प्रशासन से यही माँग कर रहे हैं।

ब्रिटिश संसद की विदेश नीति से संबंधित समिती ने गुरूवार के दिन रखे रपट में प्रधानमंत्री बोरिस जॉन्सन और उनके सहयोगियों से चीन के विरोध में सख्त भूमिका अपनाने की माँग की। ‘किसी बड़े अत्याचार औड़ शोकान्तिका के बाद फिर से ऐसा कभी भी होने नही देंगे, यही विश्‍व का कहना होता हैं। लेकिन, ऐसें अत्याचार आगे भी जारी रहते हैं। अभी भी चीन उइगरों पर कर रहें अत्याचारों पर कार्रवाई करने का अवसर गुजरा नही हैं’, ऐसा आवाहन इस रपट में किया गया हैं।

इस समिती के ‘कंझर्व्हेटिव्ह पार्टी’ के प्रमुख टॉम टगेनढ़ैट ने यह आलोचना की है कि, चीन झिंजियांग प्रांत के उइगरवंशियों पर अत्याचार कर रहा हैं। ‘चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत द्वारा झिंजियांग में हो रहें अत्याचारों की ओर किसी भी सुसंस्कृत सरकार ने अनदेखी किए बगैर इसे अंतरराष्ट्रीय संकट के तौर पर देखने की आवश्‍यकता हैं’, ऐसा टगेनढ़ैट ने कहा। 

‘यदि हम चीन के जारी इन अत्याचारों की ओर अनदेखी करते रहते हैं तो हम ही इस ड्रैगन को अपने जीवन में घर बनाने के लिए अधिक से अधिक सहायता प्रदान करेंगे’, यह इशारा टगेनढ़ैट ने दिया। उइगरों का नरसंहार कर रहें चीन को सबक सिखाने के लिए ब्रिटेन अगले वर्ष बीजिंग में आयोजित हो रहें ‘विंटर ऑलिम्पिक’ का बहिष्कार करें। इस स्पर्धा के लिए ब्रिटेन के नेता उपस्थित ना रहें, ऐसी माँग टगेनढ़ैट और ब्रिटेन के अन्य सांसदों ने इस समिती की रपट के माध्यम से रखी।

ब्रिटेन की जॉन्सन सरकार चीन के विरोध में आक्रामक भाषा का इस्तेमाल कर रही हैं, लेकिन असत में कार्रवाई उतनी आक्रामक ना होने की आलोचना इस समिती ने की हैं। उइगरवंशियों पर हो रहें अत्याचार, तिब्बत को हथियानेवाले और हाँगकाँग में जनतंत्र को कुचल रहें चीन के ‘विंटर ऑलिम्पिक’ का बहिष्कार ब्रिटेन करें, यह माँग ब्रिटेन में आश्रय पानेवाले उइगर और तिब्बती नागरिकों ने की थी।

संयुक्त राष्ट्रसंघ में अमरीका की पूर्व राजदूत निक्की हैले ने दो महीनें पहले चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत की तुलना दुसरें विश्‍वयुद्ध के हिटलर की नाज़ी हुकूमत से की थी। जिस तरह से हिटलर ने ज्यू धर्मियों का संहार किया था, उसी तरह का व्यवहार चीन उइगरों के प्रति कर रहा हैं। दुसरें विश्‍वयुद्ध से पहले अमरीका और मित्रदेशों ने बर्लिन ऑलिम्पिक का बहिष्कार किया था। उसी तरह चीन के २०२२ विंटर ऑलिम्पिक का भी अमरीका बहिष्कार करें, ऐसी माँग हैले ने की थी।

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