अमरीका को कमज़ोर करने की कोशिश डेमोक्रैटस्‌ १०० सालों से कर रहे हैं – सिनेटर टॉम कॉटन का आरोप

वॉशिंग्टन – अमरीका की डेमोक्रैट पार्टी पिछले १०० सालों से अमरीका को कमज़ोर करने की कोशिश कर रही है। इसके पीछे उनका अयोग्य कारोबार करण नहीं हैं, बल्कि यह एक योजना से बनाई साज़िश का हिस्सा हैं और इसका असर अब दिखाई देने लगा है’, ऐसा सनसनीखेज आरोप अमरिकी सिनेटर टॉम कॉटन ने लगाया। डेमोक्रैट पार्टी की यह साजिश ढ़कोसली वामपंथी विचारधारा के प्रभाव का हिस्सा है और ‘क्रिटिकल रेस थिअरी’, ‘ट्रान्सजेंडर आयडॉलॉजी’, ‘नशिले पदार्थों का मुक्त इस्तेमाल’, बढ़ती गुनाहगारी एवं अफ़गानिस्तान से हुई वापसी इसी के फल हैं, ऐसा इशारा कॉटन ने दिया।

अर्कान्सस प्रांत के सिनेटर टम कॉटन ने ‘फॉक्स न्यूज’ नामक समाचार चैनल को दिए साक्षात्कार में डेमोक्रैट पार्टी और ढ़कोसली वामपंथी विचारधारा के कारण अमरीका के हो रहे नुकसान पर ध्यान आकर्षित किया। ‘अफ़गानिस्तान से पीछे हटने के बाद तालिबान जैसी मध्ययुग के क्रूरकर्मा से अमरीका को क्या हार स्वीकारनी पड़ी, ऐसें सवाल हमसे लगातार पुछे जा रहे थे। इसका जवाब तलाशते समय हमारा ध्यान देश की अंदरुनि घटनाओं पर केंद्रीत हुआ। इसीसे यह यह ज्ञात हुआ कि, इसकी जड़े वामपंथी विचारधारा के बढ़ते प्रभाव मे है। इसपर सोचते समय हमें सभी बाते किताब के माध्यम से पेश रखने की प्रेरणा मिली’, ऐसा सिनेटर कॉटन ने कहा।

टम कॉटन ने ‘ओन्ली द सैंग – रिवर्सिंग द लेफ्टस्‌ प्लॉट टू सैबोटेज अमरिकन पॉवर’ नामक किताब से डेमोक्रैट पार्टी की व्यापक साज़िश का वर्णन किया हैं और इसे नाकाम करने के लिए आवश्‍यक संघर्ष का भी ज़िक्र इसमें किया हैं। ‘साल २०२० में वामपंथी विचारधारा के गुटों ने अमरीका की सड़कों पर कोहराम मचाकर जॉर्ज वॉशिंग्टन, अब्राहम लिंकन और उलिसेस ग्रैंट जैसें नायकों के पुतले ध्वस्त किए। अमरिकी स्कूलों से क्रिटिकल रेस थिअरी और ट्रान्सजेंडर आयडॉलॉजी पढ़ाई जा रही हैं। अमरिकी सेना को भी माओवादी विचारधारा के पाठ पढ़ाकर सेना का भी मनोबल तोड़ा जा रहा हैं। यह सब अधोगति डेमोक्रैट पार्टी के ढ़िले कारोबार में हुई हैं, ऐसा अमरिकी जनता महसूस कर रही हैं। लेकिन, यह सब अपघात से नहीं हुआ है, बल्कि जानबुझकर किया गया है। अमरीका की अधोगति एक योजना के तहत की गई अधोगति हैं’, ऐसा गंभीर आरोप रिपब्लिकन पार्टी के सिनेटर कॉटन ने लगाया।

अमरीका की डेमोक्रैट पार्टी को देश के हित के प्रति कभी भी आस्था नहीं थी। यह पार्टी इस मुद्दे पर हमेशा से ही द्विधा मनस्थिति में होने जैसे निर्णय कर रही थी, यह आरोप भी टॉम कॉटन ने लगाया। अमरीका कै सैन्य वर्चस्व, संप्रभुता, अंदरुनि सुरक्षा और समृद्ध अर्थव्यवस्था एवं कुल मिलाकर वैश्‍विक स्तर पर अमरीका के वर्चस्व के मुद्दे पर डेमोक्रैट पार्टी की भूमिका हमेशा द्वेष से भरी और अमरीका विरोधी ही रही थी, ऐसा दावा भी उन्होंने किया। इसी बीच उन्होंने पिछले सदी में अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष रहे वुड्रो विल्सन की नीति पर ध्यान आकर्षित किय। विल्सन ने अमरीका का संविधान और मुल्यों को ही चुनौती दी थी, ऐसा कॉटन ने कहा। विल्सन ने पेश किए ‘सेडिशन ऐक्ट ऑफ १९१८’ इसका स्पष्ट नमूना है, यह दावा भी उन्होंने किया।

पूर्व राष्ट्राध्यक्ष विल्सन के कार्यकाल से शुरू हुई इस योजना को कुछ देरी से लेकिन मौजूदा समय में सफलता प्राप्त होती दिख रही है, इसका अहसास सिनेटर कॉटन ने कराया। साल १९६० और १९७० के दशक में अमरीका में उभरी ‘न्यू लेफ्ट’ विचारधारा ने अमरीका का अस्तित्व और प्रभाव नकारने की योजना आगे बढ़ाई, यह दावा भी कॉटन ने किया। इस बीच अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष पद की बागड़ोर बराक ओबामा के हाथों में जाना भी इसी योजना का हिस्सा होने का उन्होंने कहा। पिछली सदी के बिल क्लिंटन और इसके बाद बराक ओबामा और ज्यो बायडेन की नीति अमरीका को अधोगति की ओर धकेलने के लिए ही हैं, यह आरोप भी टॉम कॉटन ने लगाया है।

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