‘बिग टेक’ की एकाधिकारशाही पर रोक लगाने के लिए अमरिकी संसद में पाँच विधेयक दाखिल

‘बिग टेक’वॉशिंग्टन – आईटी क्षेत्र की बड़ी कंपनियों (बिग टेक) की एकाधिकारशाही पर रोक लगाने के लिए अमरिकी संसद ने आक्रामक भूमिका अपनाई है। संसद के प्रतिनिधिगृह के सदस्यों ने ‘बिग टेक’ कंपनियों के विरोध में पाँच विधेयक प्रस्तुत किए हैं। इनमें ‘बिग टेक’ कंपनियों द्वारा छोटी कंपनियों को खत्म करने के लिए की जा रही कोशिशें, अपने ही उत्पादन ओं को प्राथमिकता देने के लिए की जाने वाली गतिविधियां और एकाधिकार चाहिए इन जैसे मुद्दों को लक्ष्य किया गया है।

आईटी क्षेत्र में गुगल, फेसबुक, ऍपल, ऍमेझॉन और मायक्रोसॉफ्ट इन कंपनियों को ‘बिग टेक’ के रूप में जाना जाता है। पिछले कुछ सालों में आईटी क्षेत्र की इन बड़ी कंपनियों को मिलनेवाली आय, उनका मुनाफा, टैक्स चोरी और मार्केट में उनका वर्चस्व ये मुद्दे लगातार चर्चा में आ रहे हैं। अमरीका और युरोप समेत कई देशों ने ‘बिग टेक’ कंपनियों के विरोध में गतिविधियाँ भी शुरू कीं हैं। इनमें विभिन्न प्रकार की कानूनी कार्रवाइयों का समावेश होकर, कुछ मामलों में जुर्माना तथा अन्य प्रकार की सज़ाएँ घोषित की गईं हैं।

अमरिकी संसद तथा विधि विभाग ने दो साल पहले आईटी क्षेत्र की बड़ी कंपनियों की जाँच शुरू की थी। इस जाँच के दौरान मिली जानकारी के आधार पर इन संसद सदस्यों ने ये पाँच विधेयक दाखिल की होने की जानकारी सूत्रों ने दी। ‘द अमेरिकन चॉईस ऍण्ड इनोव्हेशन ऑनलाईन ऍक्ट’ इस विधेयक में, बिग टेक कंपनियों को सिर्फ अपने ही उत्पादन बेचने से रोकने के लिए प्रावधान किए गए हैं। ‘द प्लॅटफॉर्म कॉम्पिटिशन ऍण्ड अपोर्च्युनिटी ऍक्ट ऑफ २०२१’ में प्रतिस्पर्धी कंपनियों को खरीदने से अथवा खत्म करने से रोकने का प्रावधान है।

‘बिग टेक’‘द एन्डिंग प्लॅटफॉर्म मोनोपोलिज ऍक्ट’ में उत्पादनों की बिक्री के संदर्भ में होनेवाले प्रतिबंधों का समावेश है। ‘द ऑग्युमेंटिंग कम्पॅटिबिलिटी ऍण्ड कॉम्पिटिशन बाय एनेबलिंग सर्व्हिस स्विचिंग (ऍक्सेस) ऍक्ट ऑफ २०२१’ ऐसा चौथे विधेयक का नाम है। इस विधेयक में, कोई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म छोड़ देना और वैसा करके समय, उसपर होनेवाली जानकारी दूसरे प्लेटफार्म पर ले जाने की अनुमति देना, इसका प्रावधान किया गया है। ‘द मर्जर फिलिंग फी मॉडर्नायझेशन ऍक्ट ऑफ २०२१’ में केंद्रीय विभागों को ‘बिग टेक’ कंपनियों की एकाधिकारशाही पर नज़र रखने के लिए आवश्यक सुविधाएँ उपलब्ध करा देने का प्रावधान है।

‘आईटी क्षेत्र की अनियंत्रित कंपनियों ने एकाधिकारशाही का इस्तेमाल करते हुए अमरीका की अर्थव्यवस्था पर प्रभाव जमाने की शुरुआत की है। अपने वर्चस्व के बल पर ये कंपनियाँ छोटे उद्योगों को खत्म कर रहीं होकर, अचानक दर वृद्धि करना और कर्मचारी वर्ग को बेरोज़गार करना इन जैसे एकतरफ़ा फैसलें ये कंपनियाँ कर रहीं हैं। यह रोककर स्वस्थ प्रतिस्पर्धा के लिए नींव बनाना यह हमारा एजेंडा है’, इन शब्दों में संसद सदस्य डेव्हिड सिसिलाईन ने विधेयक का समर्थन किया।

अमरीका के साथ ही, युरोपीय देशों ने भी ‘बिग टेक’ कंपनियों को लक्ष्य करने की गतिविधियाँ शुरू कीं होकर, तीन शीर्ष देशों ने युरोपियन कमिशन को पत्र लिखकर, इन कंपनियों को रोकने के लिए प्रभावी प्रावधान करने की माँग की है। फ्रान्स, जर्मनी और नेदरलॅण्डस् के मंत्रियों ने कमिशन को लिखे पत्र में, ‘बिग टेक’ कंपनियों के वर्चस्व पर रोक लगाने के लिए सख्त नियम रहने चाहिए, ऐसी माँग की है।

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