नई दिल्ली – देश के सामने रक्षा विषय चुनौती ध्यान में लेकर रक्षादल के लिए व्यापक योजना तैयार करने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवल की अध्यक्षता में डिफेंस प्लानिंग कमेटी (डीपीसी) की स्थापना की गई है। पिछले महीने में स्थापित हुई इस समिति की पहली बैठक बुधवार को संपन्न हुई। बैठक में रक्षा दल के लिए खरीदारी को गति देने का निर्णय लिया गया है।
लगातार बदलते हुए अंतरराष्ट्रीय परिस्थिति में देश के सामने रक्षा विषयक चुनौतियां बढ़ती जा रही है। इसके लिए तीनों रक्षा दल की क्षमता में बढ़ोतरी करने की आवश्यकता निर्माण हुई है और उसके लिए व्यापक धारणा तैयार करने की और उसे जल्द गति से कार्यान्वित करने की आवश्यकता सामने आ रही है।
इस पृष्ठभूमि पर १५ दिनों पहले केंद्र सरकार ने डीपीसी की स्थापना की थी। यह समिति रक्षादल के लिए रक्षा साहित्य की खरीदारी, आयात और उनके क्षमता में बढ़ोतरी करने के लिए एक विस्तारित योजना तैयार करने वाले हैं। तथा अंतर्राष्ट्रीय उत्तल पुथल ध्यान में रखते हुए सहयोगी देशों के साथ व्ह्यूरचनात्मक धारणा रचने का काम भी इस समिति को दिया गया है। रक्षा साहित्य की खरीदारी एवं रक्षा विषयक मूलभूत सुविधाओं के संबंधी आनेवाले १५ वर्षों की व्यापक योजना तैयार करने की जिम्मेदारी इस समिति को होगी।
तीनो रक्षादल के प्रमुख, रक्षा सचिव के साथ अनेक वरिष्ठ अधिकारी इस समिति में होकर डीपीसी अपना रिपोर्ट सीधे रक्षा मंत्रालय को सौंपेंगे। इसकी वजह से देश के रक्षा के लिए आवश्यक होनेवाला निर्णय गतिमान रूप से लेने संभव होने वाले हैं। इसकी वजह से डीपीसी के पहले बैठक की तरफ से सभी का ध्यान लगा हुआ था।
बुधवार को संपन्न हुई बैठक में डीपीसी के कार्यप्रणाली पर चर्चा हुई। तथा लष्कर के लिए निश्चित समय पर रक्षा साहित्य की खरीदारी करने के लिए योजना पर भी चर्चा होने का वृत्त है। इस बैठक को तीनों रक्षा दल के प्रमुखों के साथ, रक्षा सचिव संजय मिश्रा व व्यय सचिव नारायण झा, विदेश सचिव विजय गोखले उपस्थित थे।