आतंकवाद के प्रायोजक एवं बचाव कर रहे देशों को जवाबदेह ठहराना ही होगा – प्रधानमंत्री की पाकिस्तान समेत प्रधानमंत्री को फटकार

नई दिल्लीआतंकवाद के प्रायोजक एवं आतंकियों का बचाव कर रहे देशों को इसकी कीमत चुकाने के लिए मज़बूर करना ही होगा, ऐसी मांग करके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान और चीन की कड़ी आलोचना की। सीधे नाम का ज़िक्र किए बिना प्रधानमंत्री ने नई दिल्ली में आयोजित ‘नो मनी फॉर टेरर’ परिषद मे पाकिस्तान समेत चीन को भी दो टूक लगाई। कुछ देशों से आतंकियों को प्राप्त हो रही सहायता और सुरक्षा के कारण आतंकवाद बढ़ रहा है। ऐसें देशों को उनकी हरकतों के लिए जवाबदेह ठहराना ही होगा, ऐसा बयान प्रधानमंत्री मोदी ने इस परिषद मे ड़टकर किया। करीबन ७५ देशों के प्रतिनिधि एवं ४५० सदस्यों की इस परिषद में भारत के प्रधानमंत्री ने आतंकवाद के समर्थन में खड़े पाकिस्तान और चीन की आलोचना करना इन देशों को बेचैन कर रही है।

आतंकवाद की गंभीर समस्या पर विश्व का ध्यान आकर्षित होने से पहले भारत ने भीषण आतंकी हमलों का सामना किया है। भारत पर आघात करने के लिए दो दशकों से अधिक समय से बार बार आतंकी हमले करवाए गए। लेकिन, भारत ने आतंकवाद का बड़े शोर्य से मुकाबला किया। कुछ देश आतंकवाद का अपनी विदेश नीति के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं। आतंकवाद को राजनीतिक सुरक्षा बहाल करके इसे जायज बताने के प्रयास यह देश करते हैं। लेकिन, आतंकी हमला यानी आज़ादी, जनतंत्र एवं सुसंस्कृत समाज पर किया हमला है। किसी भी स्थिति में इसका समर्थन करना संभव ही नहीं। इसी वजह से आतंकवाद को जायज बता रहे, इसका समर्थन कर रहे और इसके लिए आर्थिक सहायता प्रदान करके आतंकियों का बचाव करने वाले देशों को इन हरकतों के लिए जवाबदेह ठहराना ही होगा, ऐसा प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरान कहा।

आतंकियों का बचाव कर रहे देश इसमें सफल ना हो, इसका ध्यान रखने की ज़िम्मेदारी हम सभी की बनती है। आतंकियों में अच्छे या बुरे, ऐसा बटवारा नहीं किया जा सकता, ऐसा कहकर प्रधानमंत्री ने आतंकवाद विरोधी लक्ष्य पाने में शामिल होने के लिए सभी देशों से आवाहन किया। नवीनतम तकनीक का इस्तेमाल करके आतंकियों को पैसों की आपूर्ति हो रहे गंभीर मुद्दे पर भी प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर ध्यान आकर्षित किया। डार्क नेट, उभरती निजी मुद्रा की वजह से आतंकवाद को अधिक बल प्राप्त हो रहा है। ऐसी स्थिति में आतंकियों को रोकने के लिए निजी क्षेत्र की भी सहायता पानी होगी, ऐसा प्रधानमंत्री ने कहा।

इसी बीच प्रधानमंत्री ने सीधे नाम लिए बिना पाकिस्तान समेत चीन पर आतंकवाद के प्रायोजक देश होने का किया हमला माध्यमों में बड़ी चर्चा का मुद्दा बना है। चीन ने इस परिषद में शामिल होने से इन्कार किया था। भारत ने आतंकवाद के विरोध में अपनाई आक्रामक भूमिका की वजह से चीन ने इस परिषद की ओर पीठ करने के संकेत प्राप्त हो रहे हैं। पाकिस्तान के प्रायोजित आतंकी संगठन एवं उनके सरगनों पर सुरक्षा परिषद की हो रही कारवाई मे रोड़े अटकाकर चीन ने भारत को उकसाया था। यही बात सटिक शब्दों में रखकर प्रधानमंत्री ने आतंकी हरकतें करने वालों के साथ ही इसका बचाव कर रहे भी आतंकवाद के लिए उतने ही जिम्मेदार होने की चेतावनी इस परिषद में दी। इस वजह से चीन के द्विपक्षीय सहयोग मे अब आतंकवाद का मुद्दा आगे रहेगा, ऐसे संकेत भी प्रधानमंत्री ने इसके ज़रिये दिए हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published.