सूड़ान के गृहयुद्ध की तीव्रता सीरिया, येमन और लीबिया से भी भयंकर होगी – सूड़ान के पूर्व प्रधानमंत्री की चेतावनी

नैरोबी/खार्तूम – ‘सूड़ान में शुरू संघर्ष सेना और विद्रोही गुटों की छोटी लड़ाई नहीं है। बल्कि, पुरी तरह से प्रशिक्षित और हथियारों से सज्जित दो सैन्य दलों का संघर्ष हैं। ईश्वर ना करें, लेकिन आने वाले समय में यह गृहयुद्ध चरम स्तर पर पहुंचा तो सीरिया, येमन और लीबिया में शुरू संघर्ष भी छोटे दिखाई देंगे। यह गृहयुद्ध सीर्फ सूड़ान ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व के लिए बुरा सपना साबित होगा’, ऐसी चेतावनी सूड़ान के पूर्व प्रधानमंत्री अब्दल्ला महदोक ने दी है। 

संयुक्त राष्ट्र संघ ने दिया युद्ध विराम का प्रस्ताव स्वीकार करके सूड़ान की सेना और अर्धसैनिक बल ने ७२ घंटों के नए युद्ध विराम का ऐलान किया। लेकिन पहले की तरह यह युद्ध विराम भी सिर्फ नाम का बना हैं औड़ दोनों गुट युद्ध विराम का उल्लंघन कर रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय समुदाय सूड़ान में अपना काम निकालने के लिए युद्ध विराम करवा रहे हैं और इससे यह संघर्ष खत्म नहीं होगा, ऐसी आलोचना हो रही हैं। ऐसी सिथति में सूड़ान के पूर्व प्रधानमंत्री अब्दल्ला हमदोक ने वृत्तसंस्था को दिए साक्षात्कार में पश्चिमी देशों को आगाह किया।

‘दो सैन्य दलों का बेवजह यह संघर्ष शुरू हैं। इस युद्ध में कोई भी विजयी नहीं होगा। इसी कारण से इस युद्ध को रोकना होगा। नहीं तो सूड़ान का गृहयुद्ध विश्व के लिए बुरा सपना साबित होगा। इसके परिणाम काफी बड़े हो सकते हैं’, ऐसी चेतावनी हमदोद ने दी। इस गृहयुद्ध के परिणामों पर बोलते हुए पूर्व प्रधानमंत्री ने सीरिया, येमन और लीबिया के संघर्ष की तुलना की। खाड़ी देशों के संघर्ष से भी सूङान का गृहयुद्ध काफी भयानक साबित होगा, ऐसी चेतावनी हमदोक ने दी। 

पिछले १८ दिनों से शुरू इस संघर्ष में अबतक ५५० से अधिक लोग मारे गए हैं और पांच हज़ार घायल हुए हैं। अब तक के इस संघर्ष में ४ लाख ३० हज़ार से अधिक विस्थापित हुए हैं, ऐसी जानकारी संयुक्त राष्ट्र संघ ने प्रदान की। इनमें से एक लाख लोगों ने सूड़ान के पड़ोसी देशों में आश्रय तलाशा है, ऐसा राष्ट्र संघ ने कहा है। लेकिन,

सूड़ान के इस संघर्ष को सही समय पर रोका नहीं तो आठ लाख लोग विस्थापित होंगे, ऐसी चेतावनी भी राष्ट्र संघ ने दी है।

इसी बीच, सूड़ान की सेना और अर्धसैनिक बल के जारी संघर्ष पर पुरी दुनिया की नज़रे लगी हैं और इसी बीच जैवं प्रयोगशालाओं की सुरक्षा को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने नए से चिंता जताई है। राजधानी खार्तूम स्थित प्रयोगशाला में रखे विषाणु संक्रामक हैं और सशस्त्र बलों ने इस प्रयोगशाला पर किया कब्ज़ा यकिनन चिंता बढ़ा रहा हैं, ऐसा विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा हैं। 

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