ताइवान के खिलाफ चीन बल के बजाय सायबर हमलों का प्रयोग करेगा – पूर्व अमरिकी नौसेना अधिकारी की चेतावनी

वॉशिंग्टन – ताइवान पर कब्ज़ा पाने के लिए चीन सैन्य ताकत के बजाय सायबर हमले का इस्तेमाल कर सकता हैं, ऐसा इशारा अमरीका के पूर्व नौसेना अधिकारी ने दिया। चीन सायबर हमलों के ज़रिये ताइवान का ‘सैटेलाइट कम्युनिकेशन नेटवर्क’ और अन्य संवेदनशील यंत्रणा ठप कर देगा, ऐसा इशारा सेवानिवृत्त रिअर एडमिरल मार्क मौंटगोमेरी ने दिया। कुछ दिन पहले ही ताइवान के सांसदों ने देश पर हर दिन २ करोड़ सायबर हमलें हो रहे हैं और इनमें से अधिकांश हमलों के तार चीन से जुड़े होने का बयान करके ध्यान आकर्षित किया था।

चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग ने कुछ दिन पहले ही आयोजित कम्युनिस्ट पार्टी के अधिवेशन में ताइवान के लिए सैन्य ताकत का इस्तेमाल करने की संभावना से इन्कार नहीं किया गया है, इन शब्दों में आक्रामक इशारा दिया था। इसके बाद ताइवान पर चीन का आक्रमण और पश्चिमी देशों से ताइवान को हो रही सहायता चर्चा का मुद्दा चर्चा बना था। इस पृष्ठभूमि पर अमरिकी अधिकारी ने सायबर हमले का दिया इशारा ध्यान आकर्षित कर रहा है।

‘चीन के सायबर हमलों की वजह से अमरीका द्वारा ताइवान की सुरक्षा के लिए प्रदान रक्षा यंत्रणा नाकाम हो सकती है। ताइवान की सहायता कर रहें अन्य देशों की यंत्रणा और तैनाती पर भी चीन सायबर हमले कर सकता हैं। चीन द्वारा ताइवान की उपग्रह संपर्क यंत्रणा को लक्ष्य किया जा सकता हैं’, ऐसी चेतावनी पूर्व नौसेना अधिकारी मौंटगोमेरी ने दी।

‘डिजिटल सोसायटी प्रोजेक्ट’ ने पेश किए रपट के अनुसार वैश्विक स्तर पर सबसे अधिक दुष्प्रचार का लक्ष्य बने देशों में ताइवान का समावेश हैं। पिछले नौ सालों से ताइवान पर लगातार भारी मात्रा में सायबर हमले हो रहे हैं और इससे झुठी जानकारी फैलाने की एवं ताइवानी जनता का मनोबल तोड़ने की कोशिश शुरू हैं। ताइवान के सांसद वैंग तिंग-यु ने देशपर हर दिन दो करोड़ सायबर हमलें हो रहे हैं और इनमें से अधिकांश चीन से होने की बात पर ध्यान आकर्षित किया। चीन ने सायबर हमलों के माध्यम से ताइवान ते चुनाव में हस्तक्षेप करने की साज़िश बनाने की बात भी स्पष्ट हुई थी।

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