नाइजीरिया में चीन खनिजों के लिए आतंकवादियों को फंड़िंग कर रहा हैं – ब्रिटीश अखबार का गंभीर आरोप

लंदन/अबूजा – अफ्रीका के नाइजीरिया देश के खदान क्षेत्र में काम कर रहे चीनी नागरिक वहां के खनिजों पर नियंत्रण पाने के लिए आतंकी गुटों को फंड़िंग कर रहे हैं। सीधे नहीं, लेकिन, अप्रत्यक्ष पद्धती से चीन आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा हैं, ऐसा गंभीर आरोप ‘द टाईम्स’ नामक ब्रिटीश अखबार ने लगाया है। चीन ने यह आरोप ठुकराए हैं। लेकिन, इससे पहले नाइजीरिया की सुरक्षा यंत्रणाओं ने चीनी नागरिक और कर्मचारियों को खनिजों की तस्करी करने के मामले में हिरासत में लिया था, इसपर ब्रिटीश अखबार ध्यान आकर्षित कर रहा है।

अफ्रीका के सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बने नाइजीरिया में चीन रिश्वत और अवैध कारोबार के माध्यम से आतंकवाद को आर्थिक सहायता मुहैया कर रहा हैं, ऐसा इस अखबार ने कहा है। इसके लिए नाइजीरिया के झाम्फरा स्थित खदान का उदाहरण इस अखबार ने दिया। झम्फरा खदान से खनन और खनिजों की तस्करी करने के मामले में चीनी नागरिक नाइजीरिया के वायव्य हिस्से में आतंकवाद का नेटवर्क चलाने में जुटे होने की बात स्पष्ट हुई थी।

सोना और अन्य खनिजों से समृद्ध नाइजीरिया में चीन ने काफी बड़ा निवेश किया है। इस देश में चीनी कंपनियों ने अपने पैर जमाए हैं और लगभग दो लाख चीनी नागरिक नाइजीरिया में काम कर रहे हैं। इनमें से कुछ नागरिकों के आतंकी संगठनों के साथ अच्छे ताल्लुकात होने की बात सामने आयी है। चीन ने इस देश में निवेश करने के साथ ही नाइजीरिया में आतंकी हमलें और अंदरुनि संघर्ष के मामले बढ़ने की जानकारी लागोस स्थित विश्लेषकों के गुट ने दर्ज़ की है।

सोने के खदान होने वाले झाम्फरा के क्षेत्र में भी इन आतंकी संगठनों का नियंत्रण होन का दावा किया जा रहा है। चीनी नागरिक स्थानिय भाषा में बातचीत करके आतंकवादियों से मित्रता बढ़ाते हैं, यह आरोप ब्रिटीश अखबार ने लगाया है। इन आतंकवादियों की सहायता से चीनी कंपनियां खदान कर्मचारियों के वेतन में कटौती करते हैं। साथ ही खनिजों की तस्करी भी करते हैं। इस मामले में २०२० में नाइजीरियाई सुरक्षा यंत्रणाओं ने १७ चीनी नागरिकों की गिरफ्तारी की थी। पिछले वर्ष अक्टूबर महीने में भी एक चीनी नागरिक को हिरासत में लिया गया था, इसपर ब्रिटीश अखबार ने ध्यान आकर्षित किया है।

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