बुर्किना फासो में किए गए आतंकी हमले में ४० की मौत

औगादोगो – अफ्रीका के साहेल प्रांत के खनिज समृद्ध देशों में से एक बुर्किना फासो में आतंकवादियों ने किए हमले में ४० लोग मारे गए। मृतकों में छह सैनिकों का समावेश होने की जानकारी यंत्रणाओं ने साझा की। लेकिन, सेना की सहायता कर रहे ३४ स्वयंसेवी ही आतंकवादियों के इस हमले के निशाने पर थे, ऐसा दावा किया जा रहा है। एक हफ्ते पहले भी बुर्किना फासो में आतंकवादियों ने किए हमले में ४४ लोग मारे गए थे।

शनिवार शाम करीबन चार बज़े यहां के औहीगौया शहर के ओरेमा गांव में घुसकर आतंकवादियों ने सेना के दल को लक्ष्य किया। इस दौरान आतंकवादियों की गोलीबारी में ४० लोग मारे गए और ३३ लोग घायल हुए। बुर्किना फासो में आतंकवाद विरोधी कार्रवाई के लिए सेना की सहायता कर रहे स्वयंसेवकों को लक्ष्य करने के लिए ही आतंकवादियों ने इस हमले को अंजाम दिया, ऐसा दावा विश्लेषक कर रहे हैं।

इस हमले का ज़िम्मा अभी किसी भी संगठन ने स्वीकार नहीं किया है। लेकिन, ओहीगौया शहर माली जैसे अन्य साहेल देश की सीमा के करीब हैं। इस देश की सीमा पर अल कायदा और आईएस जैसी आतंकी संगठनों का प्रभाव है। इस वजह से इन संगठनों के आतंकवादियों ने हमारे देश में हमले किए, ऐसा दावा बुर्किना फासो कर रहा है। इस हमले की वजह से वर्णित क्षेत्र के स्थिरता को नुकसान पहुंचने का दावा भी किया जा रहा है।

बुर्किना फासो में सेना के कब्ज़े की सरकार ने पिछले हफ्ते अल कायदा और आईएस के विरोध में बड़ी कार्रवाई करने का ऐलान किया था। साहेल प्रांत के देशों के सरहदी क्षेत्र में यह कार्रवाई शुरू करने के संकेत बुर्किना फासो की सेना ने दिए थे। लेकिन, इससे पहले ही आतंकवादियों ने सेना और उनके सहायकों को लक्ष्य करके चेतावनी दी है।

एक हफ्ते पहले बुर्किना फासो के कुराकोऊ और तोन्दोबी इन दो गांवों में किए गए आतंकवादी हमले में ४४ लोग मारे गए। अफ्रीका के खनिज समृद्ध देशों में से एक बुर्किना फासो पिछले साल एक के बाद एक हुए सेना को दो विद्रोह के कारण चर्चा का मुद्दा बना था। इन विद्रोह के बात सत्ता हथियाने वाली सेना ने देश से फ्रेंच सेना दल को देश से हटाया था। इसके बाद वहां फिर से आतंकी हमले बढ़ते देखे जा रहे हैं।

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