अमरीका की ‘चायना पॉलिसी’ कमज़ोर करने के लिए बायडेन की कोशिश – अमरीका के पूर्व अफसरों का आरोप

China-policy-Biden-02वॉशिंग्टन/बीजिंग – अमरीका के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने चीन के विरोध में अपनाई आक्रामक नीति, बायडेन प्रशासन कमज़ोर करने की कोशिश करने में जुटा है, ऐसा आरोप अमरीका के पूर्व रक्षा अफ़सरों ने लगाया है। तैवान के एक अखबार के लिए लिखे लेख में जोसेफ बॉस्को ने बायडेन प्रशासन पर आरोप लगाकर, चिनी कंपनियाँ एवं तैवान के मुद्दे पर किए निर्णयों का हवाला दिया है। बॉस्को रक्षा विभाग में चीन संबंधित डेस्क में संचालक रहे थे।

तैवान के ‘तैपेई टाईम्स’ नामक अखबार के लिए लिखे लेख में बॉस्को ने, बायडेन प्रशासन ने शुरू में चीन के विरोध में कुछ आक्रामक निर्णय करने का ज़िक्र किया है। लेकिन, इसके बाद बीते कुछ दिनों में राष्ट्राध्यक्ष बायडेन की भूमिका नर्म पड़ रही है, इस ओर बॉस्को ने ध्यान आकर्षित किया। अमरीका के वरिष्ठ अधिकारी कर्ट कैम्पबेल ने, तैवान संबंधित अमरीका की नीति पूरी तरह से स्पष्ट ना होने का बयान किया था। अमरीका का ‘इंडो-पैसिफिक’ में स्थित सहयोगी देश जापान ने भी, तैवान की सुरक्षा को लेकर पुख्ता वादा करने से इन्कार किया था। जापान की यह भूमिका बायडेन प्रशासन की नर्म नीति का ही असर होने का आरोप बॉस्को ने लगाया है।

China-policy-Bidenइसके साथ ही, बायडेन प्रशासन ने चीन की सेना से संबंधित कंपनियों के विषय में अपनाई नीति पर भी पूर्व अफसरों ने आलोचना की है। बीते तीन महिनों में चिनी सेना से संबंधित दो कंपनियों ने, अमरिकी अदालत में मुकदमें जीतने में कामयाबी हासिल की है। इनमें ‘शाओमी’ और ‘लुओकुंग टेक्नॉलॉजी कॉर्प’ इन दो कंपनियों का समावेश है। इससे पहले ट्रम्प प्रशासन ने जल्दबाजी से कार्रवाई करने के कारण ही, इन कंपनियों के खिलाफ पुख्ता सबूत पेश करना संभव नहीं हुआ, यह दावा बायडेन प्रशासन ने अदालत में करने की बात सामने आयी है। लेकिन, दोनों मुकदमों में अमरिकी रक्षा विभाग ने पर्याप्त आक्रामकता से अपना पक्ष नहीं रखा, ऐसा गंभीर आरोप बॉस्को ने अपने इस लेख में लगाया है।

अमरीका के पूर्व अधिकारी लगा रहें इन आरोपों की पुष्टि, बायडेन प्रशासन ने किए नए निर्णयों से होती दिख रही है। पूर्व राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प के कार्यकाल में तैयार की गई चिनी कंपनियों की ‘ब्लैक लिस्ट’ पर अब बायडेन प्रशासन पुनर्विचार कर रहा है। ट्रम्प ने लगभग ३१ चिनी कंपनियों को ‘ब्लैक लिस्ट’ करके अमरिकी शेअर बाज़ार में कारोबार करने पर रोक लगाई थी। लेकिन, अब ‘ब्लैक लिस्ट’ से बाहर निकालकर, इन चिनी कंपनियों को सिर्फ हर्ज़ाना सुनाया जाएगा, ऐसें संकेत अमरिकी सूत्रों ने दिए हैं।

China-policy-Biden-01-300x200इसी बीच, अमरीका की वित्तमंत्री जैनेट येलन ने, चीन के उप-प्रधानमंत्री लिउ हे से वीडियो कान्फरन्स के माध्यम से बातचीत करने की बात सामने आयी है। इस दौरान दोनों देशों के आर्थिक और व्यापारी सहयोग पर चर्चा होने की बात कही जा रही है। बीते हफ्ते अमरीका के व्यापार प्रतिनिधि कैथरीन तै ने भी उप-प्रधानमंत्री लिउ हे से बातचीत करने का वृत्त माध्यमों ने दिया था। इस वजह से, बायडेन प्रशासन चीन के लिए अनुकूल नीति अपना रहा है, इन आरोपों की अधिक पुष्टि हो रही है।

विश्‍वभर में कोरोना की महामारी संक्रमित करके ३५ लाख से भी अधिक लोगों की जान लेनेवाले चीन के विरोध में, पूरे विश्‍व में असंतोष की भावना तेज़ है। अमरीका में भी ६ लाख से अधिक लोग कोरोना संक्रमित होने से मृत हुए हैं। ऐसी स्थिति में चीन के विरोध में सख्त भूमिका अपनाने के बजाय, राष्ट्राध्यक्ष बायडेन चीन के लिए अनुकूल निर्णय कर रहे हैं, यह काफी भद्दा चित्र दिखाई दे रहा है। इसकी काफी बड़ी राजनीतिक क़ीमत बायडेन प्रशासन को चुकानी पड़ सकती है।

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