चीन से आर्थिक सहायता प्राप्त करके बेलारूस ने दिया रशिया को झटका

Belarus-China-Russiaमिन्स्क/बीजिंग – देश में जनतंत्र के समर्थन में हो रहे प्रदर्शन कुचलने के लिए रशिया से सहायता प्राप्त करने के लिए निवेदन कर रहे बेलारूस ने आर्थिक हितसंबंधों के लिए चीन से हाथ मिलाने की बात सामने आयी है। कुछ दिन पहले ही रशिया ने बेलारूस को ६० करोड़ डॉलर्स कर्ज़ देने से इन्कार किया था। रशिया के इस इन्कार के बाद बेलारूस ने चीन से बिनती करके ५० करोड़ डॉलर्स कर्ज प्राप्त किया है, ऐसी जानकारी सामने आयी है। रशिया ने इस पर अधिकृत बयान नहीं किया है। लेकिन, बेलारूस में चीन का हस्तक्षेप होने पर रशिया और चीन के बीच तनाव निर्माण हो सकता है, ऐसा दावा विश्‍लेषक कर रहे हैं।

बेलारूस में डेढ़ महीनों से राष्ट्राध्यक्ष अलेक्ज़ांड़र लुकाशेन्को के खिलाफ़ जोरदार प्रदर्शन हो रहे हैं। इन प्रदर्शनों के माध्यम से अपनी हुकूमत को रहा विरोध कुचलने के लिए राष्ट्राध्यक्ष लुकाशेन्को रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन के सामने गिड़गीड़ा रहे थे। बेलारूस के साथ कुछ मुद्दों पर तनाव होने के बावजूद पुतिन ने लुकाशेन्को को बड़ी मात्रा में सहायता प्रदान की थी। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी रशिया ने अमरीका और यूरोपिय देश बेलारूस में हस्तक्षेप ना करें, ऐसा स्पष्ट इशारा दिया था। इस पृष्ठभूमि पर रशिया ने इन्कार की हुई आर्थिक सहायता प्रदान करके चीन ने बेलारूस के अंदरुनि कारोबार में हस्तक्षेप करने की बात दिख रही है।

Belarus-China-Russiaचीन की हुकूमत के उपक्रम वाली ‘चायना डेवलपमेंट बैंक’ ने बेलारूस को ५० करोड़ डॉलर्स का कर्ज़ प्रदान किया है। बेलारूस के अर्थमंत्री मकासीम यर्मालोचिव ने यह कर्ज प्राप्त करने के लिए चीन से समझौता करने की जानकारी साझा की। इस समझौते से बेलारूस की हुकूमत ने हम पैसे के लिए पूरी तरह से रशिया पर निर्भर ना होने का संदेश दिया है और इस पर रशिया का सख़्त बयान आ सकता है, ऐसा दावा रशियन विश्‍लेषक कर रहे हैं। बेलारूस ने बीते कुछ वर्षों में चीन से नज़दिकियां बढ़ाने की कोशिश की थी और इस ओर भी रशियन विश्‍लेषक ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। ऐसे में अब इन दो देशों का द्विपक्षीय व्यापार ३.५ अरब डॉलर्स तक जा पहुँचा है।

रशिया और युक्रैन के बाद अब चीन ही बेलारूस का तीसरा बड़ा व्यापारी साझेदार बना है। इस बढ़ते सहयोग को रशिया अनदेखा नहीं कर सकता। बेलारूस को रशिया का हिस्सा बनाने की महत्वाकांक्षा पुतिन रखते हैं। चीन-बेलारूस की बढ़ रही नज़दीकियां इसमें बाधा बन सकती हैं। इसी कारण बेलारूस के साथ ही चीन के सामने भी रशिया अपनी नाराज़गी व्यक्त करेगी, यह बात रशियन विश्‍लेषक कह रहे हैं।

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