महाराष्ट्र में तूफानी बारिश के कारण ३५ से अधिक की मौत – लाखों हेक्टर खेती का नुकसान

मुंबई – ‘गुलाब’ चक्रवात की वजह से मौसम में हुए बदलाव के कारण मराठवाड़ा के साथ विदर्भ, उत्तर महाराष्ट्र में बीते दो दिनों से मुसलाधार बारिश हो रही है। खास तौर पर मराठवाड़ा में इस बारिश ने कोहराम मचाया है और बारिश के कारण बाढ़ की स्थिति निर्माण हुई है। कई बाँधों से पानी छोड़ने की वजह से, स्थिति अधिक बिगड़ी है। महाराष्ट्र में बीते दो दिनों में हुई बारिश की वजह से, अलग अलग घटनाओं में ३५ से अधिक लोगों की मौत होने की आशंका जताई जा रही है। साथ ही, कटाई के लिए तैयार हुए खेतों को इस बारिश ने भारी नुकसान पहुँचाया है। मराठवाड़ा में लाखो हेक्टर के खेतों का नुकसान होने से किसान बेहाल हुए हैं।

राज्य के अलग अलग हिस्सों में सोमवार रात से तेज़ बारिश शुरू हुई। गुलाब चक्रवात की वजह से निर्माण हुए कम दबाव के क्षेत्र की वजह से भारी बारिश होगी, यह चेतावनी मौसम विभाग ने जारी की थी। मंगलवार और बुधवार के दिन बारिश की तीव्रता अधिक हुई। मुंबई, ठाने के साथ राज्य में भारी बारिश हो रही है। इस दौरान उस्मानाबाद, बीड़, औरंगाबाद और लातूर जिले के गाँवों में बाढ़ के पानी ने प्रवेश किया है। बाढ़ में फँसे नागरिकों को बचाने के लिए प्रशासन की कोशिश जारी है।

राष्ट्रीय आपत्ति निवारण दल के सैनिकों ने अलग अलग हिस्सों में बनी बाढ़ की स्थिति से करीबन २५० लोगों की रिहाई की है। इस बाढ़ के कारण करीबन १४९ गाँवों का संपर्क टूट गया है। राज्य में दुधना, पूर्णा, गोदावरी, कसुरा, लेंड़ी, कर्परा, कोद्री नदियाँ उफान पर हैं और नदी के किनारों के खेतों में पानी भरने से खेती का नुकसान हुआ। बाढ़ की वजह से बीड़ जिले में तीन, उस्मानाबाद और परभणी में दो, जालना, नांदेड़, लातूर, वैजापूर में एक-एक नागरिक की मौत हुई। यवतमाळ में कल बाढ़ के पानी में एक एसटी बस बह गई। इस दुर्घटना में चार यात्री बह गए थे।

औरंगाबाद जिले को बारिश ने बड़ा झटका दिया है और शिवना नदी उफान पर है। ऐसें में जायकवाड़ी बांध भरने के कारण इसके १८ दरवाजों को बुधवार के दिन खोल दिया गया। इससे बाढ़ की स्थिति अधिक बिगड़ी है। जायकवाड़ी नदी में छोड़े गए पानी से गोदावरी नदी भी उफान पर है। इससे नदी किनारों के गाँवों में बाढ़ का पानी भरा है। येवला शहर और तहसिल में बादल फटने जैसी भारी बारिश हुई। बुलढाना में भी भारी बारिश हो रही है। वहाँ का येळगाव बांध पुरा भर चुका है और बांध से पानी छुटने से औरंगाबाद जानेवाली सड़कों की यातायात थम गई है।

पैनगंगा नदी उफान पर होने से मराठवाड़ा का विदर्भ से संपर्क खंड़ित हुआ है। इसापूर बांध के दरवाजे खोलने से पैनगंगा नदी का जलस्तर काफी बढ़ा है। पैनगंगा नदी के पूल के उपर से बड़ी मात्रा में पानी बहने से नांदेड़-नागपूर मार्ग की यातायात सुबह से बंद की गई है। मराठवाड़ा में खेतों का भारी नुकसान होने से किसान बेहाल हुए हैं।

नाशिक में लगातार तीन से चार दिनों से जारी बारिश की वजह से नाशिक के सभी बांध भरे हैं। गंगापूर बांध से पानी छोड़ा जा रहा है। पालघर जिले में भी भारी बारिश हो रही है। बाढ़ का पानी बढ़ने से मुंबई-अहमदबाद राष्ट्रीय राजमार्ग की यातायात धीमी गति से हो रही है।

इस वर्ष राज्य में बारिश ने बड़ा कोहराम मचाया है और अबतक हुई बारिश के दौरान ४३६ लोगों की मौत हुई है। इनमें से करीबन २०० लोगों की बिजली गिरने से मौत हुई है। सितंबर महीने में करीबन ८५ लोग भारी बारिश के शिकार हुए हैं। इसके साथ ही बारिश के कारण करीबन २२ लाख हेक्टर क्षेत्र के खेतों का नुकसान हुआ है।

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