चीन की गतिविधियों पर भारतीय वायुसेना की कड़ी नज़र – वायुसेनाप्रमुख व्ही.आर.चौधरी

नई दिल्ली – लद्दाख के एलएसी से पूरी सेना की वापसी हुए बिना यहां की स्थिति सामान्य होन का दावा नहीं किया जा सकता, ऐसा वायुसेनाप्रमुख व्ही.आर.चौधरी ने कहा हैं। भारत में नियुक्त चीन के राजदूत ने हाल ही में ‘एलएसी’ की स्थिति स्थिर होने का बयान करके इससे संबंधि विवाद खत्म होने के दावे किए थे। इसपर वायुसेनाप्रमुख का यह बयान सामने आया दिख रहा हैं। साथ ही एलएसी की हवाई क्षेत्र में चीन की गतिविधियों पर वायुसेना की कड़ी नज़र बनी हैं, इसका अहसास भी वायुसेनाप्रमुख ने कराया।

नई दिल्ली में आयोजित वार्तापरिषद मे बोलते हुए वायुसेनाप्रमुख ने सटिक शब्दों में ‘एलएसी’ को लेकर वायुसेना और रक्षाबलों की भूमिका बयान की। भारत में नियुक्त चीन के राजदूत सन वुईडाँग ने एलएसी पर शांति स्थापित होने का बयान करके इसका विवाद खत्म होने के दावे ठोंके थे। लेकिन, लद्दाख के ‘एलएसी’ से पूरी सेना हटाने की उम्मीद भारत को हैं और इसके बिना यहां की स्थिति सामान्य होने के दावे नहीं कर सकते, ऐसें संकेत वायुसेनाप्रमुख ने पत्रकारों से बोलते समय दिए। इसके साथ ही एलएसी पर चीनी वायु सेना की कड़ी नज़र बनी हैं। भारत की हवाई सीमा का उल्लंघन होने के बाद इस समस्या का हल निकालने के लिए चीन के साथ स्थापित हॉटलाइन का इस्तेमाल किया जाएगा, यह जानकारी भी वायुसेनाप्रमुख ने इस दौरान साझ्ाा की।

यह विवाद अधिक ना बिगड़े इसके लिए वायुसेना और रक्षाबलों की कोशिश होगी। लेकिन, स्थिति बनी तो वायुसेना किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए पूरी तैयार हैं, ऐसा एअर चीफ मार्शल चौधरी ने स्पष्ट किया। बारतीय वायुसेना के बेड़े में अब प्रगत रफायल लड़ाकू विमान, ‘एस-४००’ हवाई सुरक्षा यंत्रणा शामिल हुई हैं और इस वजह से वायुसेना की क्षमता प्रचंड़ मात्रा में बढ़ी हैं। इसका अहसास भी वायुसेनाप्रमुख ने इस दौरान कराया। वायुसेना किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए तैयार होने की बात कहकर यूक्रेन युद्ध पर वायुसेना काफी बारिकी से देख रही हैं, यह भी वायुसेनाप्रमुख ने स्पष्ट किया। भविष्य के युद्ध छोटे, जल्द गतिविधियों के और प्रचंड़ तीव्रता के हो सकते हैं। साथ ही भविष्य के युद्ध रशिया-यूक्रेन युद्ध की तरह लंबे समय तक भी चल सकते ैहं। वायुसेना ने इन दोनों तरह के युद्ध की तैयारी रखी हैं, यह आत्मविश्वास वायुसेनाप्रमुख ने व्यक्त किया।

यूक्रेन युद्ध से भारतीय रक्षाबलों ने काफी सबक सीधी हैं, यह ऐलान पहले के सेनाप्रमुख ने किया था। वायुसेनाप्रमुख ने भी लगभग इन्हीं शब्दों में यूक्रेन युद्ध को हम बड़ी गंभीरता से देख रहे हैं, ऐसा कहा हैं। इस युद्ध में इस्तेमाल हो रहें हथियारों का प्रभाव इसकी जानकारी भारतीय रक्षाबल दर्ज़ कर रही हैं। इसके अनुसार आवश्यक बदलाव करने की प्रक्रिया भी शुरू हुई हैं, इसका अहसास रक्षाबलों के प्रमुख ने देशवासियों को कराया था।

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