चीन पर निर्भरता कम करने के लिए जर्मनी तय करेगा नई व्यापार नीति – व्यापारमंत्री रॉबर्ट हैबेक

बर्लिन – चीन पर निर्भरता कम करने के लिए जर्मनी चीन के साथ व्यापार नीति में बदलाव करके नई नीति का कार्यान्वयन करेगा, ऐसा ऐलान जर्मनी के व्यापारमंत्री रॉबर्ट हैबेक ने किया है। आनेवाले समय में चीन के साथ व्यापारी समझौता एवं कारोबार करते समय किसी भी तरह से भोलापन नहीं होगा, यह दावा भी हैबेक ने किया। पिछले दो सालों में हाँगकाँग, ताइवान, झिंजियांग और कोरोना के मुद्दे पर जर्मनी और चीन की नज़दिकीयां कम होती दिख रही थीं। रशिया-यूक्रेन युद्ध की पृष्ठभूमि पर यह तनाव अधिक बढ़ा है, और नीति में बदलाव लाने के संकेत इसकी पुष्टि करते हैं।

यूरोप में जर्मनी चीन का सबसे बड़ा व्यापारी भागीदार है और जर्मनी के व्यापार में भी चीन का प्रमुख हिस्सा है। जर्मनी का आठ प्रतिशत निर्यात और १२ प्रतिशत आयात चीन पर निर्भर हैं। साथ ही जर्मनी की प्रमुख कंपनियों का १० प्रतिशत से अधिक बाज़ार चीन में है। लेकिन, पिछले कुछ महीनों से जर्मनी समेत यूरोप के अन्य देशों को चीन के बर्ताव और नियमों के प्रति नाराज़गी व्यक्त होने लगी है। इसकी वजह से यूरोपिय देश चीन के निवेष को लेकर सावधानी बरतने लगे हैं। इस पर चीन ने धमकाने के बावजूद यूरोपिय देशों ने इसमें बदलाव करने से इन्कार किया था।

जर्मनी के व्यापारमंत्री के बयान से जर्मनी समेत यूरोपिय देश चीन संबंधी नीति में बदलाव करने की तैयारी में होने के स्पष्ट संकेत मिल रहे हैं। ‘व्यापारी भागीदार के तौर पर चीन का निश्चितरूप से स्वागत है। पर, व्यापारी स्पर्धा को नुकसान पहुँचा रहे चीन की रक्षात्मक नीति जर्मनी बर्दाश्‍त नहीं करेंगे। व्यापार पर असर पडेगा, इस आशंका से चीन में हो रहे मानव अधिकारों के उल्लंघन को भी नजरअंदाज़ नहीं किया जा सकता। इसके आगे जर्मनी को व्यापार के मुद्दे पर ब्लैकमेल करना मुमकिन नहीं होगा’, ऐसे आक्रामक शब्दों में हैबेक ने चीन को चेतावनी दी।

आनेवाले समय में चीन जर्मनी समेत यूरोप में हो रहे निवेष पर बारिकी से नज़र रखेगा, यह भी हैबेक ने कहा। हमने चीनी कंपनी ‘कॉस्टो’ के ‘हैम्बर्ग’ बंदरगाह में निवेष करने से विरोध किया था, इस पर भी उन्होंने ध्यान आकर्षित किया। चीन को निर्यात संबंधित दी गई गारंटी रद्द करने के संकेत भी व्यापारमंत्री हैबेक ने दिए हैं। आनेवाले समय में जर्मनी नए व्यापारी भागीदारों के लिए अपनी नीति खुली रखेगा, यह भी जर्मन व्यापारमंत्री ने बताया।

जर्मनी और चीन का द्वीपक्षाय व्यापार २४५ अरब युरो का है। कच्चा सामान, बैटरिज्‌, सेमीकंडक्टर्स जैसे सामान के आयात के लिए जर्मनी काफी हद तक चीन पर निर्भर है। इस पृष्ठभूमि के मद्देनज़र जर्मनी द्वारा दिए गए बदलाव के संकेत अहमियत रखते हैं।

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