नॉर्वे को स्वालबार्ड द्वीप से जोड़नेवाली अंडरसी केबल में रहस्यमयी ख़राबी

Svalbard-Antennas-scaled-1लंडन – नॉर्वे को आर्क्टिक के स्वालबार्ड इस द्वीप से जोड़नेवाली अंडरसी फायबरऑप्टीक केबल को रहस्यमय रूप में नुकसान पहुंचा होने की जानकारी सामने आ रही है। इससे नॉर्वे का भूभाग होने वाले स्वालबार्ड की इंटरनेट सेवा बाधित हुई होकर, यहाँ पर स्थित बहुत ही महत्वपूर्ण सैटेलाइट स्टेशन का काम प्रभावित होने की संभावना निर्माण हुई है। इसके पीछे का कारण स्पष्ट नहीं हो सका है। लेकिन दो दिन पहले ब्रिटेन के रक्षाबलप्रमुख ने रशिया को धमकाया था कि अगर अंडर सी केबल को तोड़ा अथवा उन्हें नुकसान पहुँचाने की कोशिश की, को वह युद्ध का उकसावा समझा जाएगा।

स्वालबार्ड यह द्वीपसमूह नॉर्वे और नॉर्थ पोल के बीच स्थित होकर उस पर नॉर्वे का प्रशासन है। माईनस तापमान के इस द्वीप पर ‘स्वालबार्ड सैटेलाइट स्टेशन’ तथा दुनिया का मशहूर ‘कोल्ड स्टोरेज’ गोदाम है। नॉर्वे से दूर रहनेवाले स्वालबार्ड के साथ स्थाई स्वरूप में संपर्क रखने के लिए इस द्वीप को दो अंडरसी फायबरऑप्टीक केबल्स से जोड़ा गया है। इस पर स्वालबार्ड की इंटरनेट तथा अन्य संपर्कव्यवस्था निर्भर होने का दावा किया जाता है।

लेकिन 7 जनवरी से इनमें से एक अंडरसी केबल ने चमत्कारिक रूप में काम करना बंद कर दिया। इस केबल की देखरेख के लिए होनेवाली ‘स्पेस नॉर्वे’ इस कंपनी ने तीन दिन बाद 10 जनवरी को इसकी जानकारी सार्वजनिक की। इस केबल में खराबी आने की बात इस कंपनी ने कही है। यह खराबी कितनी बड़ी है और किस वजह से हुई है, इसका विवरण इस कंपनी ने नहीं दिया है। इस कारण इस केबल को नुकसान पहुँचाया गया होने का शक भी ज़ाहिर किया जाता है।

Undersea-cable-Norway-Arcticइस केबल के रिपेयर के लिए अंडरसी केबल बिछानेवाला जहाज़ रवाना करने की आवश्यकता है, ऐसा स्पेस नॉर्वे इस कंपनी ने कहा है। नॉर्वे और स्वालबार्ड के बीच की दूसरी अंडरसी केबल में भी अगर खराबी आई, तो यहाँ की संपर्क और इंटरनेट सेवा पूरी तरह बंद पड़ जाएगी। स्वालबार्ड अंधेरे में पड़ जाएगा, ऐसा डर इस कंपनी ने जताया।

स्वालबार्ड के सैटेलाइट स्टेशन पर सौ से अधिक सैटेलाइट एंटेना का नेटवर्क फैला है। ये सारे एंटेना नॉर्थ पोल की कक्षा में भ्रमण करनेवाले सैटेलाइट के लिए सहायकारी साबित होते हैं। वहीं, पृथ्वी के रोटेशन के बारे में बहुत ही महत्वपूर्ण डाटा दो सैटेलाइट स्टेशन्स पर संग्रहित किया जाता है। इनमें से एक सैटेलाइट स्टेशन स्वालबार्ड में है। इस कारण यहाँ की अंडरसी केबल को पहुँचा नुकसान बहुत ही चिंताजनक होने का दावा किया जाता है।

अंडरसी केबल्स पर दुनिया की लगभग 97 प्रतिशत इंटरनेट सेवा आधारित है। इस कारण, अगर इन अंडरसी केबल्स को नुकसान पहुँचा, तो उसपर आधारित संपर्कयंत्रणा तथा लष्करी उपकरण बंद पड़ सकते हैं। इसलिए यह घटना युद्ध की घोषणा साबित हो सकती है, ऐसा अन्तर्राष्ट्रीय विश्लेषकों का कहना है। कुछ दिन पहले ब्रिटेन के रक्षाबलप्रमुख ने, ब्रिटेन के नजदीकी सागरी क्षेत्र में रशियन पनडुब्बियों की आवाजाही बढ़ने पर, अंडरसी केबल्स की सुरक्षा को लेकर चिंता ज़ाहिर की थी। साथ ही यह भी जताया था कि उन्हें अगर नुकसान पहुँचा तो वह युद्ध का उकसावा साबित होगा।

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