चीन ने किया परमाणु हाइपरसोनिक क्षेपणास्त्र का परीक्षण – ब्रिटीश अखबार का दावा

लंडन/बीजिंग – चीन ने परमाणु क्षमता होनेवाले हाइपरसोनिक क्षेपणास्त्र का परीक्षण किया होने का दावा एक ब्रिटिश अख़बार ने किया है। परीक्षण के दौरान चिनी क्षेपणास्त्र ने पृथ्वी की भ्रमण कक्षा में से (लो ऑर्बिट) प्रवास करने की बात भी सामने आई है। यह परीक्षण, चीन की हाइपरसोनिक क्षमता के साथ ही अंतरिक्ष क्षेत्र में होनेवाली क्षमता भी दिखा देनेवाला साबित होता है, ऐसा दावा सूत्रों द्वारा किया गया है। लेकिन यह परीक्षण सफल ना हुआ होकर, क्षेपणास्त्र अपने लक्ष्य से ३० किलोमीटर की दूरी पर गिरा, यह बात सामने आई है।

nuclear-hypersonic-missile-chinaब्रिटन के ‘फायनान्शिअल टाईम्स’ ने इनके परीक्षण की खबर प्रकाशित की होकर, यह परीक्षण अगस्त महीने में हुआ यह बताया जाता है। लेकिन अमरिकी यंत्रणाओं को भनक तक लगने न देते हुए यह परीक्षण संपन्न हुआ। उसी समय, परीक्षण के दौरान चिनी क्षेपणास्त्र ने दर्शाई क्षमता अमरिकी गुप्तचर यंत्रणाओं को चौंका देनेवाली साबित हुई है, ऐसा दावा भी इस अखबार ने किया है। अमरीका के रक्षा विभाग के प्रवक्ता ने चिनी परीक्षण की ख़बर पर प्रतिक्रिया देने से इन्कार किया है।

पिछले महीने में, अमरीका का हवाई बल और रक्षा संशोधन संस्था ‘डार्पा’ ने हाइपरसोनिक क्षेपणास्त्र का सफल परीक्षण करने का ऐलान किया था। यह हाइपरसोनिक क्षेपणास्त्र ‘हायपरसोनिक एअर-ब्रीदिंग वेपन कॉन्सेप्ट’ (एचएडब्ल्यूसी) श्रेणी का है। विमान से छोड़े गए इस क्षेपणास्त्र ने ‘मॅक 5’ से अधिक रफ़्तार हासिल की होने का दावा ‘डार्पा’ द्वारा किया गया था। उसके बाद इस महीने की शुरुआत में ही, रशिया ने परमाणु पनडुब्बी से ‘झिरकॉन’ इस हाइपरसोनिक क्षेपणास्त्र का सफल परीक्षण किया था।

हाइपरसोनिक क्षेपणास्त्रों के क्षेत्र में रशिया ने अन्य देशों की तुलना में बढ़त ली होकर, इस देश ने दो हाइपरसोनिक क्षेपणास्त्र अपने रक्षा बल में शामिल किए हैं। हालाँकि अमरीका ने हाइपरसोनिक क्षेपणास्त्रों के परीक्षण किए हैं, फिर भी अभी तक ये क्षेपणास्त्र रक्षाबल में तैनात नहीं किए गए हैं। चीन ने अपने हाइपरसोनिक क्षेपणास्त्र के बारे में अधिक जानकारी सार्वजनिक करना टाला है। इस पृष्ठभूमि पर, चीन ने किया परीक्षण और उस संदर्भ में सामने आई जानकारी गौरतलब साबित होती है।

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