‘नेपाल-चीन सहयोग की ओर भारत उदार नज़रिये से देखें’ – चीन के सरकारी अखबार का आवाहन

काठमांडू, दि. २६ (वृत्तसंस्था) – नेपाल और चीन के बीच विकसित हो रहे सहयोग की ओर भारत उदार नज़रिये से देखें, ऐसी सलाह चीन के सरकारी अखबार ‘ग्लोबल टाईम्स’ ने दी है| अगले साल फ़रवरी महीने में चीन और नेपाल की सेना के बीच पहला सेनाभ्यास आयोजित किया जा रहा है| भारतीय मीडिया ने इसकी गंभीरतापूर्वक दखल लेते हुए, ‘यह भारत के लिए चेतावनी है’ ऐसे कहा था| उसपर ‘ग्लोबल टाईम्स’ ने नाराज़गी जताते हुए भारत को यह सलाह दी है|

global-times१० फ़रवरी २०१७ में नेपाल और चीन के बीच संयुक्त सेनाभ्यास आयोजित किया जायेगा| दोनो देशों का यह पहला ही सेनाभ्यास है| नेपाल पिछले कई महीनों से चीन की ओर झुक रहा है, यह स्पष्ट हुआ था| चीन ने तिब्बत से लेकर नेपाल तक माल की यातायात शुरू की थी| साथ ही, माल की यातायात के लिए नेपाल की भारत पर रहनेवाली निर्भरता कम करने के लिए चीन ज़्यादातर कोशिश कर रहा है| इस पृष्ठभूमि पर, नेपाल और चीन के सैनिकों के सेनाभ्यास की खबर प्रकाशित होने से भारत की चिंताएँ बढ गयी हैं|

भारतीय मीडिया ने इस संदर्भ में दी ख़बर पर ‘ग्लोबल टाईम्स’ ने नाराज़गी जतायी| चीन और नेपाल के बीच के सहयोग की ओर भारत ने उदार और निश्‍चिंत दृष्टिकोण से देखना चाहिए| भारतीय मीडिया इस सेनाभ्यास को बेवजह बहुत बड़ा महत्त्व दे रही है, ऐसी आलोचना ग्लोबल टाईम्स ने की| दक्षिण एशियाई देशों को, यातायात के ज़रिये एकदूसरे से जोड़ने के लिए भारत की कोशिशें पर्याप्त नहीं होगी| इसके लिए चीन की कोशिशों का साथ ज़रूरी है, ऐसा कहते हुए, चीन इसके लिए कोशिश कर रहा है, यह दावा ग्लोबल टाईम्स ने किया| इसी कारण भारत ने चीन के इस कोशिश को खुली नजर से देखने की ज़रूरत है, ऐसे ग्लोबल टाईम्स ने कहा है|

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