चीन बांगलादेश को २४ अरब डॉलर्स कर्ज़ा देगा; भारत को शह देने के लिए चीन के प्रयास जारी

ढाका, दि. १४ (वृत्तसंस्था)- चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग ने ब्रिक्स परिषद के लिए भारत आने से पहले बांगलादेश की यात्रा की| जिनपिंग की इस यात्रा की ओर, भारत के बांगलादेश पर रहनेवाले प्रभाव को चीन द्वारा दी जानेवाली चुनौती के रूप में देखा जा रहा है| चिनी राष्ट्राध्यक्ष की इस यात्रा में, दोनो देशों के बीच ३६ सहयोग समझौतों पर हस्ताक्षर हुए| इसके अनुसार बांगलादेश के विभिन्न प्रकल्पों के लिए २४ अरब डॉलर्स का कर्ज़ा देने का फैसला चीन ने लिया है|

२४ अरब डॉलर्सचीन के राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग का शुक्रवार को बांगलादेश में बहुत बड़ा स्वागत हुआ| पिछले ३० सालों में पहली ही बार किसी चिनी राष्ट्राध्यक्ष ने बांगलादेश की यात्रा की है| पिछले कुछ समय में भारत के प्रधानमंत्री ने, भारतीय उपखंड और हिंद महासागर क्षेत्र के देशों की यात्रा की थी| इसी कारण भारतीय उपखंड के देशों के साथ भारत के संबंध अधिक दृढ हो गये हैं| दो साल पहले चीन के प्रभाव में रहनेवाली श्रीलंका पर भी भारत का प्रभाव बढ गया है| बांगलादेश के कुछ प्रकल्प चिनी कंपनियों के हाथ से छूटकर भारतीय कंपनियों के पास आये हैं| इस पृष्ठभूमि पर, चीन के राष्ट्राध्यक्ष के बांगलादेश दौरे की ओर गंभीरता से देखा जा रहा है|

दक्षिण एशिया और हिंद महासागर क्षेत्र के महत्त्वपूर्ण सहकारी देश के रूप से चीन बांगलादेश की ओर देख रहा है, ऐसा राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग ने कहा| बांगलादेश के साथ सभी क्षेत्रों में सहयोग और आपसी विश्वास को बढाने के लिए चीन तैयार है, यह भी  उन्होंने बताया| ‘सोनार बांगला’ बनाने के लिए चीन बांगलादेश को सहायता करेगा, ऐसा भरोसा जिनपिंग ने दिलाया|

जिनपिंग ने बांगलादेश की प्रधानमंत्री शेख हसिना के साथ चर्चा की| इसके बाद दोनो देशों के बीच समझौते संपन्न हुए| चीन बांगलादेश को तक़रीबन २४ अरब डॉलर्स कर्ज़ देगा| बांगलादेश की ऊर्जा परियोजनाएँ, सड़कें और बंदरगाहों के विकास के लिए यह कर्ज़ा दिया गया है| बांगलादेश की मूलभूत सुविधाओं से संबंधित क़रीब २५ प्रकल्पों को चीन आर्थिक सहायता कर रहा है|

दो ही दिन पहले, चीन की सरकार का मुखपत्र ‘ग्लोबल टाईम्स’ ने, ‘चीन और बांगलादेश की बढती दोस्ती का भारत मत्सर न करें’ यह मशवरा दिया था| साथ ही, बांगलादेश में मूलभूत सुविधाओं के विकास के लिए चीन कर रहे निवेश का लाभ दक्षिण एशिया को होगा, यह दावा भी ‘ग्लोबल टाईम्स’ ने किया था|

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