अफगानिस्तान से सेनावापसी यह अमरीका की सामरिक असफलता – अमरीका के रक्षाबलप्रमुख की नयी कबुली

वॉशिंग्टन/काबुल – अफगानिस्तान से सेनावापसी का फैसला उचित ही था, यह बता कर राष्ट्राध्यक्ष बायडेन उसका समर्थन कर रहे हैं। लेकिन अमेरिकन सिनेट के सामने हुई सुनवाई में रक्षाबलप्रमुख और सेंटकॉम के प्रमुख ने, बायडेन के दावे झूठलानेवाले बयान किए। अफगानिस्तान में कम से कम २५०० जवान तैनात रखकर वापसी करने का प्रस्ताव हमने दिया था, ऐसा सेंटकॉम के प्रमुख जनरल फ्रँक मॅकेन्झी ने कहा। वहीं, अफगानिस्तान से सेनावापसी यह अमरीका की सामरिक असफलता होने की कबुली रक्षाबलप्रमुख जनरल मार्क मिले ने दी।

us-withdrawal-strategic-failureमहीने भर पहले अफगानिस्तान से की हुई पूरी सेना वापसी को लेकर अमरीका में बड़ा तूफान मचा है। कुछ लोगों ने राष्ट्राध्यक्ष बायडेन के विरोध में महाभियोग चलाने की, वहीं, कुछ लोगों ने बायडेन के इस्तीफे की माँग की है। इस फैसले में उनका साथ देनेवाले पेंटागन के वरिष्ठ लष्करी अधिकारियों को सेवा से ही निष्कासित कर देने की माँग हुई थी। इस सेना वापसी से अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर अमरीका की अप्रतिष्ठा हुई होकर, उसका फायदा चीन और रशिया इन अमरीका के शत्रु देशों को मिलेगा, ऐसे आरोप रिपब्लिकन सिनेटर्स ने किए।

इस पृष्ठभूमि पर, सिनेट आर्म्ड् सर्व्हिसेस कमिटी के सामने अमरीका के रक्षा मंत्री लॉईड ऑस्टिन, रक्षाबलप्रमुख जनरल मार्क मिले और सेंट्रल कमांड-सेंटकॉम के प्रमुख जनरल फ्रँक मॅकेन्झी की सुनवाई हुई। इसमें अमरीका के इन दोनों वरिष्ठ लष्करी अधिकारियों ने दी जानकारी, राष्ट्राध्यक्ष बायडेन ने पिछले महीने भर में किए दावों को झूठलानेवाली है। ‘अफगानिस्तान के हालत समझ लेने में हम नाकाम साबित हुए, यह बेचैन करनेवाला सच अमरीका को स्वीकारना होगा’, ऐसा जनरल मिले ने कहा।

‘विशिष्ट और आवश्यक लक्ष्य हासिल किए बगैर अगर जल्दबाज़ी में वापसी की, तो अफगानिस्तान में आज तक कमाया हुआ सब कुछ हम खो देंगे। इससे अमरीका दुनिया भर में अपनी विश्‍वासार्हता गँवा बैठेगी, अफगानिस्तान की सरकार गिरेगी, तालिबान सत्ता में आएगा अथवा गृहयुद्ध भड़केगा, इस बारे में मैंने विश्लेषण किया था’, ऐसा जनरल मिले ने सीनेट के सामने हुई सुनवाई में कहा है। साथ ही, यह सेना वापसी अमरीका के लिए सामरिक असफलता साबित होने की बात जनरल मिले ने मान्य की।

सेंटकॉम के प्रमुख जनरल मॅकेन्झी ने भी, अफगानिस्तान से पूरी सेना वापसी करने को उनका विरोध था, यह बताया। ‘अफगानिस्तान में कम से कम २,५०० जवान तैनात रहने चाहिए। अन्यथा अफगानिस्तान की सरकार और लष्करी व्यवस्था गिर जाएगी, ऐसा मेरा कहना था’, ऐसा जनरल मॅकेन्झी ने कहा। लेकिन इन दोनों लष्करी अधिकारियों ने, राष्ट्राध्यक्ष बायडेन का फैसला गलत होने की ठेंठ आलोचना करना टाला। लेकिन अफगानिस्तान से पूरी सेना वापसी का फैसला करने से पहले राष्ट्राध्यक्ष बायडेन ने, अपने इन दोनों लष्करी अधिकारियों की सूचना को सरासर नज़रअंदाज किया होने की आलोचना अमरीका के माध्यम और विश्लेषक कर रहे हैं।

इसी बीच, जनरल मिले और जनरल मॅकेन्झी की इस कबुली के बाद अमरीका के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने बायडेन पर हमला किया। पूरी सेना वापसी का फैसला यह बचकानी हरकत है और इसके लिए बायडेन प्रशासन ज़िम्मेदार है, ऐसी तीखी आलोचना ट्रम्प ने की है।

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