तालिबानी आतंकियों ने उन्माद में की गोलीबारी में १७ की मौत – मृतकों में बच्चों का भी समावेश

17-killed-taliban-firing-1काबुल – पंजशीर के संघर्ष में जीत हासिल होने के दावे करके तालिबानी आतंकियों ने गोलीबारी करने से १७ लोग मारे गए और ५० से अधिक घायल हुए हैं। इन मृतकों में छोटे बच्चों का भी समावेश होने से तालिबान की ज़ोरदार आलोचना हो रही है। इसके साथ ही, पंजशीर के मोरचे पर तालिबान को अभी तक कामयाबी हासिल ना होने की बात स्पष्ट होने के बाद, तालिबान का प्रवक्ता झबिउल्ला मुजाहिद ने इस गोलीबारी पर गुस्सा जताया।
तालिबान ने काबुल पर कब्ज़ा करके दो हफ्ते से भी अधिक समय बीत चुका है। लेकिन, अभी भी पूरे अफ़गानिस्तान पर नियंत्रण हासिल करना तालिबान को मुमकिन नहीं हुआ है। राजधानी काबुल से १२५ किलोमीटर दूरी पर स्थित पंजशीर प्रांत अभी तक तालिबान से मुक्त है और वहाँ पर अहमद मसूद की सरकार ने तालिबान का नेतृत्व ठुकराया है। 
17-killed-taliban-firing-2अफ़गानिस्तान के पूर्व उप-राष्ट्राध्यक्ष अमरुल्ला सालेह और अहमद मसूद ने पंजशीर में तालिबान के खिलाफ नॉर्दन अलायन्स को खड़ा किया। उनके इस तालिबान विरोधी मोरचे में अफ़गानिस्तान के सैनिक और गिरोह शामिल हो रहे हैं, ऐसीं खबरें भी सामने आयीं थीं। इस वजह से तालिबान और तालिबान समर्थक पाकिस्तान की बेचैनी बढ़ी है।
सालेह और मसूद ने तालिबान के सामने झुककर बातचीत के लिए तैयारी दर्शायी होने की खबरें तालिबान और पाकिस्तान ने फैलाईं थीं। लेकिन, नॉर्दन अलायन्स के हमलों में तालिबान के आतंकी मारे जाने के फोटो और वीडियो प्रसिद्ध होने के बाद तालिबान और पाकिस्तान का मज़ाक उड़ाया गया। इसके बाद भारत और ताजिकिस्तान नॉर्दन अलायन्स को हथियारों की आपूर्ति कर रहे हैं, ऐसें आरोप लगाना पाकिस्तानी माध्यमों ने शुरू किया है।
17-killed-taliban-firing-3साथ ही, तालिबान और पाकिस्तानी माध्यमों ने पंजशीर की घेराबंदी तोड़ने के लिए प्रचारतंत्र अपनाया था। तालिबान के हमलों से ड़रकर सालेह और मसूद ताजिकिस्तान भाग गए, तालिबान ने पंजशीर पर कब्ज़ा किया, अब पूरा अफ़गानिस्तान तालिबान के नियंत्रण में होने की खबरें पाकिस्तानी यंत्रणाओं ने, माध्यमों ने फैलाईं थीं। अफ़गानिस्तान के पूर्व उप-राष्ट्राध्यक्ष सालेह ने ब्रिटीश समाचार चैनल की सहायता से एक वीडियो जारी करके, हम अभी भी पंजशीर में ही मौजूद हैं और तालिबान विरोधी संघर्ष भी जारी है, ऐसा ऐलान किया। इससे लगातार दूसरें दिन, दुष्प्रचार करने की तालिबान और पाकिस्तान की कोशिश नाकाम हुई। लेकिन, पाकिस्तान ने किए हुए इस दुष्प्रचार से शुक्रवार के दिन काबुल में १७ लोग जान से गए।
पंजशीर में जीत हासिल करने के उन्माद में तालिबान के आतंकियों ने राजधानी काबुल और नांगरहार प्रांत के जलालाबाद में हवां में गोलियाँ चलाईं। इससे १७ लोग मारे गए और ५० से अधिक घायल हुए। इसके बाद तालिबान की गैर-ज़िम्मेदाराना जल्दबाज़ी की वजह से बेगुनाह अफ़गान नागरिक मारे जा रहे हैं, यह आलोचना जोर पकड़ रही है। इस वजह से, मुश्‍किलों से घिरे तालिबानी नेताओं को अपने आतंकियों के कान खिंचने पड़े हैं।
इसी बीच, पंजशीर में जारी संघर्ष मे पाकिस्तानी सैनिक तालिबानी आतंकियों का साथ दे रहे हैं, यह आरोप नॉर्दन अलायन्स लगा रही हैं। संघर्ष में मारे गए कई लोगों से पाकिस्तानी सेना का पहचान-पत्र बरामद होने के सबूत सामने आ रहे हैं। इस वजह से पाकिस्तान की सुरक्षा यंत्रणा, आतंकी संगठन तालिबान के समर्थन में खड़ी होने की बात नए से स्पष्ट हुई है। इसी के लिए पाकिस्तान पंजशीर की घाटी को लेकर इस हद तक संवेदनशीलता दिखाता दिखाई दे रहा है।

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