पाकिस्तान ने अमरीका को लष्करी अड्डा प्रदान नहीं किया है – पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय का खुलासा

पाकिस्तानी विदेश मंत्रालयइस्लामाबाद – अफ़गानिस्तान की सीमा के करीब अपने इलाके में स्थित लष्करी अड्डा पाकिस्तान ने अमरीका के लिए उपलब्ध कराने की बात स्पष्ट हुई थी। रशियन, ईरानी एवं अफ़गान वृत्तसंस्थाओं नें ऐसी खबरें जारी कीं थीं। इस वजह से मुश्‍किलों से घिरे पाकिस्तान ने जल्दबाजी करके इस खबर का खंड़न किया है। हमनें अमरीका को लष्करी अड्डा प्रदान नहीं किया है, यह ऐलान करने के लिए पाकिस्तान का विदेश मंत्रालय मज़बूर हुआ है। साथ ही, इस मुद्दे पर चीन ने पाकिस्तान को सीधा धमकाया है, ऐसें दावें भी पाकिस्तानी पत्रकारों ने किए हैं। अमरीका को लष्करी अड्डा प्रदान किया, तो पाकिस्तान चीनविरोधी मोरचे में शामिल हुआ है यही समझा जाएगा, यह बयान करके चीन ने धमकाया है।

अफ़गानिस्तान-पाकिस्तान की सीमा पर स्थित खुर्रम क्षेत्र में अमरिकी लष्करी अड्डे का निर्माण हुआ है। यहाँ से ८ से १० अमरिकी हेलिकॉप्टर रोज़ाना उड़ान भर रहें हैं, यह जानकारी स्थानीय नागरिकों ने प्रदान की है। साथ ही इस लष्करी अड्डे की सुरक्षा के लिए नई चौकियों का निर्माण किए जाने की जानकारी भी स्थानीय नागरिकों ने बयान की। रशियन, ईरानी और अफ़गानी माध्यमों ने इससे संबंधित खबरें जारी की हैं। इस वजह से, चाहे कुछ भी हो, लेकिन अमरिकी सेना को पाकिस्तान में पैर रखने नहीं देंगे, यह ऐलान करनेवाले प्रधानमंत्री इम्रान खान की सरकार मुश्‍किलों में फंसी है। पाकिस्तान के माध्यम एवं विश्‍लेषक इसपर गंभीर चिंता जता रहे हैं। क्या पाकिस्तान की सरकार ने संसद और जनता को भरोसे मे लिए बगैर अमरीका को लष्करी अड्डा उपलब्ध कराने का निर्णय किया है, यह सवाल माध्यमों द्वारा किया जा रहा हैं।

इसपर पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता को मजबूरन खुलासा करना पड़ा। पाकिस्तान ने अमरीका को लष्करी या हवाई अड्डा उपलब्ध नहीं कराया है, यह बयान पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झईद हफीज चौधरी ने किया है। लेकिन, विश्‍वासार्हता खो बैठी पाकिस्तानी सरकार ने प्रदान की हुई यह जानकारी सच है या नहीं, यह सवाल भी इससे खड़ा हो रहा है। क्या अमरीका को ना कहने का साहस और विकल्प पाकिस्तान की सरकार के पास है, ऐसा सवाल कुछ ज़िम्मेदार पत्रकार कर रहे हैं।

अफ़गानिस्तान से अमरिकी सेना की वापसी, काफी मात्रा में पाकिस्तान में बने अमरिकी लष्करी अड्डे पर निर्भर होगी। क्योंकि, अमरीका को यह अड्डा उपलब्ध हुए बगैर, अफ़गानिस्तान पर नियंत्रण रखने में अमरीका को काफी कठिनाई हो सकती है। इसी कारण तालिबान पर हमला करने के लिए अमरीका को पाकिस्तान की सीमा में हवाई अड्डा बनाने की आवश्‍यकता है। इसके लिए अगर पाकिस्तान ने अनुमति देने से इन्कार किया, तो पाकिस्तान को ख़त्म किए बगैर अमरीका नहीं रहेगी, ऐसी चेतावनी कुछ पत्रकार दे रहे हैं।

महासत्ता बनी अमरीका, पाकिस्तान को ‘एफएटीएफ’ की ब्लैक लिस्ट में शामिल करके दिवालियाँ बना सकती है। पाकिस्तान का व्यापार, पाकिस्तान में हो रहा निवेश रोककर अमरीका हमारे देश के हालात बुरे कर देगी, यह ड़र इन पत्रकारों ने व्यक्त किया है। इस वजह से अमरीका की माँग स्वीकारने के अलावा पाकिस्तान के सामने दूसरा विकल्प हो ही नहीं सकता, इस ओर ये पत्रकार ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। इसी बीच, दूसरी ओर अगर पाकिस्तान ने अमरीका को अड्डा उपलब्ध करा दिया, तो अफ़गानिस्तान में जारी युद्ध पाकिस्तान में प्रवेश करेगा, यह चिंता कुछ विश्‍लेषक जता रहे हैं। इस निर्णय के बाद तालिबान के आतंकी पाकिस्तान में भी आतंकी हमलें करेंगे। इसके साथ ही चीन, रशिया, ईरान भी पाकिस्तान के विरोध में जाएँगे, यह ड़र पाकिस्तानी माध्यमों का यह गुट व्यक्त कर रहा है।

अमरीका को लष्करी अड्डा उपलब्ध कराने पर पाकिस्तान अमरीका के चीनविरोधी मोरचे में शामिल होगा, यही समझा जाएगा, ऐसी धमकी चीन ने दी है। इसके बाद चीन पाकिस्तान में ‘सीपीईसी’ प्रकल्पों के माध्यम से निवेश करना बंद करके, इस प्रकल्प की योजना समेट देगा। इसके अलावा सभी स्तरों पर जारी द्विपक्षीय संबंध भी खत्म होंगे, ऐसी चेतावनी चीन ने पाकिस्तान को दी है। इसी कारण अमरीका को लष्करी अड्डा उपलब्ध कराने की गल्ती पाकिस्तान ना करें, ऐसी भावना पाकिस्तान में मौजूद अमरीकाविरोधी गुट व्यक्त कर रहे हैं। इस वजह से, अमरीका के लिए लष्करी अड्डा उपलब्ध कराना या ना कराना, ऐसीं दोनों स्थितियों में पाकिस्तान को भयंकर परिणामों का सामना करना होगा, यह बात स्पष्ट दिखने लगी है।

इसी वजह से, फिलहाल अमरीका को अड्डा उपलब्ध कराके, इससे संबंधित जारी होनेवाली खबरों से अधिकृत स्तर पर इन्कार करने का निर्णय पाकिस्तान ने किया होगा, ऐसें संकेत प्राप्त हो रहे हैं। लेकिन, पाकिस्तान की सरकार ज़्यादा समय तक इसकी सच्चाई छुपा नहीं सकेगी। माध्यमों में इससे संबंधित जानकारी अभी से आना शुरू होने से प्रधानमंत्री इम्रान खान मुश्‍किलों से घिरते हुए दिख रहे हैं। पाकिस्तान का विपक्ष भी इस मसले पर सरकार को घेरने की तैयारी जुटा रहा है।

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