अमरीका की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए चीन ही है सबसे बड़ा खतरा – संयुक्त राष्ट्रसंघ के पूर्व राजदूत निक्की हैले

फिलाडेल्फिया – अमरीका की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए चीन ही सबसे बड़ा खतरा है, यह इशारा संयुक्त राष्ट्रसंघ में अमरीका की पूर्व राजदूत निक्की हैले ने दिया है। इस दौरान हैले ने, राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने पाकिस्तान के विरोध में की हुई कार्रवाई की भी सराहना की। राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प और प्रशासन ने बीते वर्ष से चीन के विरोध में आक्रामक नीति अपनाई है और कोरोना के साथ अन्य क्षेत्रों में चीन की गतिविधियों को लक्ष्य किया है। चीन अब अमरीका में हो रहे चुनावों पर भी प्रभाव डालने की कोशिश कर रहा है, यह आरोप भी ट्रम्प ने किया है और यह चुनाव का प्रमुख मुद्दा बनाया है। निक्की हैले ने दिया इशारा भी उसीका हिस्सा है।

china-us-nikki-haleyसंयुक्त राष्ट्रसंघ में अमरीका की राजदूत रही निक्की हैले की पहचान कड़ी चीन विरोधी के तौर पर बनी है। कुछ महीने पहले उन्होंने विश्‍वभर में बढ़ रहा चीन का प्रभाव रोकने के लिए अमरिकी कांग्रेस समय पर कदम उठाए, इस उद्देश्‍य से ‘स्टॉप कम्युनिस्ट चायना’ नामक मुहिम शुरू की थी। इस मुहिम को जोरदार समर्थन प्राप्त हुआ था। इस पृष्ठभूमि पर निक्की हैले ने चीन के विरोध में आलोचना की तीव्रता अधिक बढ़ाई हुई दिख रही है।

फिलहाल अमरीका के लिए बन रहे खतरों की सूचि में चीन ही पहले क्रमांक का खतरा है। राष्ट्रीय सुरक्षा के नज़रिये से चीन सबसे बड़ा खतरा साबित होता है। राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प व्यापारी समझौते के माध्यम से बौद्धिक संपदा की चोरी करने के मुद्दे पर चीन को आड़े हाथों लेने का साहस दिखाया। इसके आगे के दौर में चीन दुबारा पलट कर अमरीका की बौद्धिक संपदा की चोरी करने की गलती नहीं करेगा। ट्रम्प ने चीन को इसका स्पष्ट अहसास कराया है। अमरिकी शिक्षा संस्थाओं में घुसपैठ करके चीन अब जासूसी नहीं कर सकेगा। चीन के साथ संबंध आगे बढ़ाने से पहले उसके हर गतिविधी के लिए ज़िम्मेदारी तय की जाएगी, इन शब्दों में निक्की हैले ने चीन पर तीव्र आलोचना की। इस दौरान उन्होंने राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने पाकिस्तान के विरोध में की हुई कार्रवाई का मुद्दा भी उपस्थित किया।

us-chinaअमरीका ने पहले ही पाकिस्तान को अरबों डॉलर्स की लष्करी सहायता प्रदान की थी। लेकिन, पाकिस्तान इसी सहायता का इस्तेमाल आतंकियों को खिलाने के लिए कर रहा था। पाकिस्तान की पनाह प्राप्त किए आतंकी अमरिकी सैनिकों को शिकार कर रहे थे। लेकिन, अब अमरीका पाकिस्तान को अरबों डॉलर्स नहीं दे रही है और ट्रम्प ने पाकिस्तान को प्रदान हो रही यह सहायता बंद की है। केवल संयुक्त राष्ट्रसंघ पर निर्भर रहे बिना राष्ट्राध्यक्ष ने काफी प्रभावी पद्धती से इस मुद्दे को संभाला। इन शब्दों में निक्की हैले ने ट्रम्प की आक्रामक नीति की ओर ध्यान आकर्षित किया है। दो सप्ताह पहले ही अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने टेरर फंडिंग के मुद्दे पर पाकिस्तान पर लगाए प्रतिबंध जारी रखने का निर्णय किया था। इस पृष्ठभूमि पर हैले ने इसका ज़िक्र करके फिर एक बार पाकिस्तान की हरकतों का एहसास कराया दिख रहा है।

अगले सप्ताह में अमरीका में राष्ट्राध्यक्ष पद का चुनाव होने हैं और इस पृष्ठभूमि पर ट्रम्प ने चीन के विरोध में अधिक आक्रामक भूमिका अपनाई है। ट्रम्प के साथ प्रशासन के वरिष्ठ मंत्री एवं समर्थक नेता चीन को लक्ष्य कर रहे हैं। अमरिकी विदेशमंत्री माईक पोम्पिओ ने भी हाल ही में चीन की कम्युनिस्ट पार्टी से अमरीका के लिए बना खतरा सच्चाई है, यह आलोचना की थी।

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