भारत पर चीन के दबाव का असर नहीं होगा – रक्षाबलप्रमुखपद प्रमुख जनरल रावत की चेतावनी

नई दिल्ली – अपना लष्कर उत्कृष्ट दर्जे का है, अपने पास घातक तंत्रज्ञान है। इसका इस्तेमाल करके चीन भारत को झटका दे सकता है और भारत आसानी से हार मानेगा, ऐसी गलतफहमी चीन ने करा दी थी। लेकिन अपनी उत्तरी सीमा पर भारत अड़िगतापूर्वक खड़ा रहा और यहाँ पर एकतरफ़ा बदलाव करने कीं कोशिशें उसने नाकाम कर दीं। झटका देकर भारत को पीछे धकेला नहीं जा सकता, यह भारत ने दिखा दिया है। चीन के विरोध में अन्तर्राष्ट्रीय समर्थन प्राप्त करने में भारत को सफलता मिल रही है, ऐसा बताकर भारत के रक्षाबलप्रमुख जनरल बिपीन रावत ने देश की भूमिका स्पष्ट रूप में प्रस्तुत की।

जनरल रावत

नई दिल्ली में जारी ‘रायसेना डायलॉग’ इस सुरक्षा विषयक परिषद को संबोधित करते समय रक्षाबलप्रमुख ने, लद्दाख की एलएसी की गतिविधियों पर गिने-चुने शब्दों में भाष्य किया। अपने पास अत्याधुनिक तंत्रज्ञान है और उसका इस्तेमाल करके भारत को पीछे धकेल सकते हैं, ऐसा चीन को लग रहा था। लेकिन वह देश उसे साध्य नहीं कर सका, क्योंकि भारत यह दबाव के नीचे झुकनेवाला देश नहीं है, ऐसा बताकर रक्षाबलप्रमुख जनरल रावत ने चीन को खरी-खरी सुनाई। लद्दाख की एलएसी पर तनाव कम करने के लिए भारत और चीन के बीच चर्चा का ११ वां सत्र हाल ही में संपन्न हुआ। इस चर्चा में चीन ने भारत की माँग ठुकराते हुए, लद्दाख की एलएसी पर के गोग्रा, हॉट स्प्रिंग और डेप्सांग इन क्षेत्रों से लष्कर हटाने से इन्कार किया था।

उसके बाद भारत ने ठेंठ शब्दों में एक के बाद एक चीन को परिणामों का एहसास करा देने की शुरुआत की है। जनरल रावत ने रायसेना डायलॉग में इसका स्पष्ट रूप में एहसास करा दिया कि चीन की आक्रामकता का भारत के निर्धार पर असर नहीं होगा। भारत को झटका देकर पीछे धकेला जा सकता है, इस भ्रम में चीन ना रहें। उसी समय, अपने पास होनेवाले आधुनिक तंत्रज्ञान का इस्तेमाल करके भारत पर दबाव बढ़ाने की चीन की कोशिशें भी कामयाब नहीं होंगी, इसका स्पष्ट शब्दों में जनरल रावत ने एहसास करा दिया। उसी के साथ, भारत को मिलनेवाले अन्तर्राष्ट्रीय समर्थन में वृद्धि हुई है, इस पर भी रक्षाबलप्रमुख जनरल रावत ने गौर फरमाया ।

अपना लष्कर सबसे ताकतवर है, यह चीन का दावा भारत ने झूठलाया होने की बात जनरल रावत बता रहे हैं। अपने पास अजिंक्य लष्कर होकर, दूसरे देश इस ताकतवर लष्कर के सामने टिक पाना संभव ही नहीं, ऐसी धमकियाँ चीन लगातार देता आया है। कुछ दिन पहले ताइवान को भी चीन ने ऐसी ही धमकी दी थी। लेकिन लद्दाख की एलएसी पर भारत के सामने चीन के लष्कर की एक नहीं चली। उल्टे चीन के लष्कर का कमजोर पहलू इससे जगज़ाहिर हुआ और उसी समय भारतीय लष्कर की क्षमता और निर्धार इनका परिचय भी सारी दुनिया को हुआ। जनरल रावत के बयान से ये सारे संकेत दिए जा रहे हैं।

इसी बीच, रक्षाबलप्रमुख जनरल रावत ने रायसेना डायलॉग की पृष्ठभूमि पर, जापान के रक्षा बलों के प्रमुख जनरल कोजी यामाझाकी के साथ चर्चा की। चीन अपनी ताकत का इस्तेमाल करके एकतरफ़ा बदलाव कराने की तैयारी में है। ऐसे दौर में समविचारी देशों को एकसाथ आना अत्यावश्यक बना है, ऐसा जापान के जनरल कोजी यामाझाकी ने इस समय कहा। साथ ही, ऑस्ट्रेलिया के लष्करप्रमुख जनरल अँगुस कॅम्बेल से भी जनरल रावत की चर्चा संपन्न हुई है।

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