चीन की आक्रामकता बढ़ती चली जा रही है – रक्षादल प्रमुख जनरल बिपीन रावत

नई दिल्ली – ‘२०२० यह साल बहुत ही अहम साबित हुआ। इस वर्ष में कोरोना की महामारी के कारण दुनिया भर में लाखों लोगों की जानें गईं। ऐसे दौर में भारत अपने युद्धखोर पड़ोसी देश के विरोध में डटकर खड़ा हुआ और भारत ने इस देश की कुटिल साज़िशें नाकाम कर दीं। इसी कारण, पहले कभी नहीं थी, उतनी भारी मात्रा में लष्कर में आमूलाग्र बदलाव लाने की जरूरत निर्माण हुई है’, ऐसा रक्षादल प्रमुख जनरल बिपीन रावत ने कहा है। उसी समय, चीन की आक्रामकता कम नहीं हुई होकर, उसमें बढ़ोतरी होने की चेतावनी रक्षा बल प्रमुख ने दी ।

आक्रामकता

चीन की सरकार से जुड़े हैकर्स के गुटों ने भारत पर साइबर हमले किए होने की खबरें प्रकाशित हो रही हैं। इस बारे में किए जानेवाले आरोप चीन ने ठुकराये हैं। लेकिन चीन के हैकर्स भारत के साइबर क्षेत्र को लक्ष्य कर रहे होने के बाद लगातार सामने आ रही है। इसी बीच, भारत के रक्षादल प्रमुख ने ‘उत्तरी दिशा का युद्धखोर पड़ोसी देश’ ऐसा उल्लेख करके, चीन के आक्रामक दांवपेंचों से चौकन्ना रहने की आवश्यकता है, ऐसा कहा है। हिंद महासागर क्षेत्र में चीन की आक्रामकता बढ़ती चली जा रही है। इसके जरिए चीन अपना वर्चस्व स्थापित कर रहा होकर, भारत के पड़ोसी देशों पर प्रभाव जमाने की चीन की महत्वाकांक्षा है, ऐसा रक्षादल प्रमुख ने कहा।

सिकंदराबाद के ‘कॉलेज ऑफ डिफेन्स मॅनेजमेंट’ ने आयोजित किए वेबिनार को संबोधित करते समय रक्षादल प्रमुख ने, रक्षा क्षेत्र में सुधारों की बहुत बड़ी आवश्यकता होने की बात स्पष्ट की। उसे विस्तृत रूप से समझाते समय, रक्षादल प्रमुख ने पाकिस्तान समेत चीन की घातक साजिशों को उजागर किया।

पारंपरिक युद्ध के मोरचे पर भारत ने अपनी क्षमता विकसित की है। भारत में परमाणु क्षमता भी प्राप्त की है। लेकिन बदलते समय की जरूरतों के अनुसार उसकी पुनर्रचना करनी पड़ेगी। आज डिजिटल क्षेत्र की भी युद्धभूमि बनी है, इसकी मिसाल देकर रक्षादल प्रमुख जनरल रावत ने, इस मोरचे पर देश को क्षमता विकसित करनी होगी, यह स्पष्ट किया।

पिछले साल से चीन के हाईकर्स में भारत के साइबर क्षेत्र पर हमले तीव्र किए होने की बात सामने आ रही है । भारत सरकार ने हालांकि अधिकृत स्तर पर इसकी घोषणा नहीं की है, फिर भी चीन की साइबर आक्रामकता बढ़ रही है, यह बात पश्चिमी माध्यमों में भी दर्ज की है। अमेरिकन सिनटर्स ने अपने देश की सरकार के पास भारत की सुरक्षा के लिए अधिक सक्रिय भूमिका अपनाने की माँग की है।

आनेवाले दौर में, इस मोरचे पर बनी चीन की आक्रामकता कम होने की संभावना नहीं है। उलटा अपारंपरिक युद्धतंत्र का इस्तेमाल कर चीन भारत को परेशान करने की कोशिश करेगा, ऐसे स्पष्ट संकेत मिलने लगे हैं। इस पृष्ठभूमि पर, चीन से भारत की सुरक्षा को होने वाले इस खतरे का रक्षा दल प्रमुख ने किया हुआ ठेंठ ज़िक्र, बहुत ही महत्वपूर्ण साबित होता है।

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