आतंकवाद को प्रोत्साहन बरदाश्त नहीं किया जायेगा : विदेशमंत्री सुषमा स्वराज की पाक़िस्तान को चेतावनी

नई दिल्ली, दि. ११ (पीटीआय) – पाक़िस्तान द्वारा आतंकवाद को दिया जानेवाला प्रोत्साहन भारत कभी भी बरदाश्त नहीं कर सकता, ऐसी चेतावनी विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पाक़िस्तान को दी है| वहीं, भारत के विदेश सचिव ने संयुक्त राष्ट्रसंघ को पत्र लिखकर, ‘भारत के अंदरूनी मामलों में दख़लअंदाज़ी करनेवाले पाक़िस्तान को पहले आतंकवाद की निर्यात को रोकना होगा’ इन शब्दों में पाक़िस्तान को फटकार लगाई है| भारत से पाक़िस्तान को जब यह क़रारा जवाब दिया जा रहा है, उसी समय पाक़िस्तान के कब्ज़ेवाले कश्मीर में ‘आज़ादी’ के लिए प्रदर्शन शुरू हुए हैं, यह बात सामने आ रही है|

आतंकवादलोकसभा में बात करते समय विदेशमंत्री सुषमा स्वराज ने, ‘हिजबुल मुजाहिद्दीन’ के आतंकवादी ‘बुरहान वणि’ के पाक़िस्तान द्वारा किये जा रहे उदात्तीकरण पर ऐतराज़ जताया| इस तरह एक आतंकी का उदात्तीकरण कर भारत के अंदरुनी मामलों में दख़लअंदाज़ी करने की कोशिश बरदाश्त नहीं की जायेगी, ऐसा विदेशमंत्री स्वराज ने कहा| हमेशा भारत के अंदरुनी मामलों में दखल देनेवाले पाक़िस्तान ने, अपनी यह बुरी आदत छोड़ देनी चाहिए, ऐसी सलाह विदेश मंत्री ने दी| साथ ही, पाक़िस्तान ने कश्मीर मुद्दे पर शुरू की अपप्रचार की राजनीतिक मुहीम को मात देने के लिए, विदेश मंत्रालय ने बाक़ी देशों के साथ चर्चा शुरू की है, यह जानकारी भी स्वराज ने इस वक्त लोकसभा में दी|

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने पाक़िस्तान की आतंकवाद की नीतियों को निशाना बनाया| पाक़िस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने संयुक्त राष्ट्रसंघ के महासचिव ‘बान की मून’ को पत्र लिखकर उसमें, कश्मीर में भारतीय सुरक्षा बलों द्वारा अत्याचार किया जा रहा होने का दावा किया है| संयुक्त राष्ट्रसंघ को इसमें हस्तक्षेप करना चाहिए, यह माँग नवाझ शरीफ ने इस पत्र में आग्रहपूर्वक की है| ‘ऐसे कितने भी पत्र भेजे, तो भी पाक़िस्तान अपने आतंकवादी कारनामों को छुपा नहीं सकता| ऐसे पत्र लिखनवाले पाक़िस्तान ने कई बार, आतंकवादियों पर कार्रवाई करने का आश्‍वासन दिया था| साथ ही, भारत के खिलाफ़ आतंकवादियों को अपनी भूमि का इस्तेमाल न कर देने का भी पाक़िस्तान ने आश्‍वासन दिया था| लेकिन इन आश्‍वासनों का पाक़िस्तान ने पालन नहीं किया है| पत्र लिखने के बजाय पाक़िस्तान ये आश्‍वासन पूरे करें’, ऐसा ताना विकास स्वरूप ने मारा है।

भारतीय सुरक्षा बल ने गिरफ्तार किए ‘बहादुर अली’ इस पाक़िस्तानी युवक की जानकारी देते समय, ‘इससे पाक़िस्तान भारत के खिलाफ़ आतंकवाद का इस्तेमाल कर रहा है, यह सामने आया है’, ऐसा स्वरूप ने कहा| इसी दौरान, पाक़िस्तान ने कश्मीर मुद्दा आंतर्राष्ट्रीय स्तर पर  उपस्थित करते समय, आतकंवादियों को खुलेआम छोड़ दिया है| ‘ये आतंकवादी खुलेआम कश्मीर के संदर्भ में बयानबाज़ी करते समय, भारत द्वारा पाक़िस्तान पर किया जा रहा आरोप और भी मज़बूत कर रहे हैं’ ऐसी आलोचना पाक़िस्तान के कुछ प्रगल्भ राजनीतिकों द्वारा की जा रही है| ‘डेली टाईम्स’ इस पाक़िस्तानी दैनिक ने, ‘सीमारेखा पर से आतंकवाद की निर्यात को रोको’ ऐसा आवाहन अपनी सरकार से किया है|

‘आतंकवाद के इस्तेमाल से, भारत के साथ चर्चा के मार्ग से कश्मीर मसले का हल निकालने की संभावना समाप्त हो जाएगी’ ऐसी चेतावनी इस अखबार ने दी है| कश्मीरी जनतो को सच में ही मदद करनी है, तो सबसे पहले पाक़िस्तान को आतंकवाद को रोकना चाहिए और कश्मीरी जनता को राजनीतिक समर्थन देना चाहिए| इससे कश्मीर के सवाल का हल मिलने की संभावना बढ़ जायेगी, यह सलाह इस दैनिक ने दी|

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